Pigeon droppings: कबूतरों की बीट आपके फेफड़ों को हमेशा के लिए कर सकती है खराब! ऐसे रहें सतर्क

Pigeon droppings: कबूतरों की बीट में मौजूद फंगस और बैक्टीरिया गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं जिससे आपके फेफड़ों को नुकसान हो सकता है.

कबूतरों की बीट से फेफड़ों की बीमारियां
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:40 PM IST

आपने घरों की छत या खिड़की पर कबूतरों को आराम बैठे तो देखा होगा. कुछ पक्षी प्रेमी इनको अपने घरों में पालते भी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कबूतरों की बीट आपके फेफड़ों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है? जी हां, डॉक्टर कहते हैं कि पक्षियों की बीट में मौजूद फंगस बर्ड फैन्सीर्स लंग, एक प्रकार की अतिसंवेदनशीलता न्यूमोनाइटिस जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है जिससे फेफड़े पूरी तरह से खराब हो सकते हैं.

पक्षी प्रेमियों को हो सकती हैं फेफड़ों की बीमारियां

दिल्ली के प्रमुख पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. आशीष रोहतगी कहते हैं कि पक्षी प्रेमियों को फेफड़ों के टाइंसपलाइंट (Lung Transplant) आवश्यकता ज्यादा हो सकती है. ऐसा इसलिए है कि हाल ही में दो बर्ड प्रेमियों के लंग टाइंसपलाइंट मुंबई में किए गए थे. डॉक्टर मानते हैं कि सांस से संबंधी बीमारियों का कारण कोविड-19 दुष्परिणाम हो सकते हैं, लेकिन इस बात में भी कोई शक नहीं, कि शहरों में कबूतरों की बस्तियों के आसपास फेफड़ों की समस्याओं का कारण है जिसमें सांस फूलने से लेकर गंभीर फाइब्रोसिस तक की समस्या है.

कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए बड़ी दिक्कत

कूड़े में एस्परगिलस जैसे फंगस होते हैं, जो कमजोर इम्यूनिटी या पहले से बीमारी लोगों को और भी बीमार बना सकते हैं. वे कहते हैं, "फंगस हवा में फैलता है और जब सांस के साथ अंदर जाता है तो हिस्टोप्लाज्मोसिस का कारण बन सकता है, जिससे अंतरालीय फेफड़े की बीमारी और फेफड़े की फाइब्रोसिस हो सकती है. हिस्टोप्लाज्मोसिस एक संक्रमण है जो पक्षियों की बीट में पाए जाने वाले फंगस के बीजाणुओं में सांस लेने के कारण होता है.

ब्लड सर्कुलेशन हो सकता है प्रभावित

फेफड़ों की बीमारी फेफड़ों में घाव पैदा कर सकती है, जिससे व्यक्ति की सांस लेने और ब्लड सर्कुलेशन में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त करने की क्षमता प्रभावित कर सकती है. डॉ. रोहतगी का कहना है कि कोविड से बचे लोगों को ठीक होने के एक साल बाद भी सांस संबंधी शिकायतें हो सकती हैं.

स्वस्थ्य रहने के नियमित व्यायाम करें

डॉ. रोहतगी कहते हैं कि स्वस्थ्य रहने के लिए व्यायाम महत्वपूर्ण है. उनका मानना है कि तैराकी और साइकिल चलाना सबसे अच्छा है क्योंकि इन्हें लोग अपनी उम्र की परवाह किए बिना कर सकते हैं. इसके अलावा पैदल चलने या किसी भी प्रकार के योग या एक्सरसाइज कर सकते हैं.

इन बातों का रखें खास ध्यान

सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि घर के आसपास कबूतरों को घोंसला तो नहीं है. इसके अलावा खिड़कियों और दरवाजों को कवर करें ताकि कबूतर अंदर न आ सकें. अगर आपके घर के आसपास कबूतरों का झुंड रहता है कि मास्क का ध्यान जरूर रखें. यदि आपको शरीर में कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. हमेशा याद रखें कि कबूतरों की बीट से जुड़े खतरों को नजरअंदाज करना हानिकारक हो सकता है.

 

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