Plant-based meat substitutes: असली मीट का विकल्प हो सकता है प्लांट बेस्ड मीट, दिल के लिए भी है फायदेमंद, जानें क्या है यह

ये रिसर्च कैनेडियन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित हुई है. रिसर्च के सीनियर लेखक और ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. एहुद उर ने कहा, प्लांट बेस्ड मीट एक स्वस्थ विकल्प है जोकि दिल संबंधी जोखिम कारकों को कम करने से जुड़ा है.

Plant-based meat/Unspalsh
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 जून 2024,
  • अपडेटेड 12:08 PM IST
  • प्लांट बेस्ड मीट एक स्वस्थ विकल्प है
  • क्लिनिकल ट्रायल में सामने आई ये बात

एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि प्लांट बेस्ड मीट (Plant-based meat) के विकल्प अल्ट्राप्रोसेस्ड (Ultraprocessed) होने के बावजूद दूसरे मीट की तुलना में दिल (Heart Health) के लिए हेल्दी हो सकते हैं. रिसर्च में पाया गया कि कोलेस्ट्रॉल, अत्यधिक वजन सहित दिल संबंधी बीमारियों के रिस्क फैक्टर में बहुत सुधार हुआ जब एनिमल्स बेस्ड मीट को प्लांट बेस्ड मीट के साथ बदल दिया गया.

ये रिसर्च कैनेडियन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित हुई है. रिसर्च के सीनियर लेखक और ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. एहुद उर ने कहा, प्लांट बेस्ड मीट एक स्वस्थ विकल्प है जोकि दिल संबंधी जोखिम कारकों को कम करने से जुड़ा है.

क्लिनिकल ट्रायल में सामने आई ये बात
नए शोध में 1970 से 2023 तक प्रकाशित अध्ययनों को रिव्यू किया गया. मीट के विकल्प में सोडियम और सैचुरेटेड फैट की मात्रा में व्यापक पोषण संबंधी भिन्नताएं भी पाई गईं. जब इसका क्लिनिकल ट्रायल किया गया तो पाया गया कि जब प्रतिभागियों ने प्लांट बेस्ड विकल्पों का सेवन किया तो उन्हें टोटल कोलेस्ट्रॉल में 13% की कमी, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल में 9% की कमी, ट्राइग्लिसराइड्स में 53% की कमी और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल में 11% की वृद्धि का अनुभव हुआ. 

कैसे की गई ये रिसर्च
रिसर्चस ने दो बड़े बर्गर ब्रांड पर फोकस किया. एक पुराने जनरेशन का था और दूसरा बीफ के स्वाद वाला नया वर्जन. पुराने ब्रांड के बर्गर में सैचुरेडेट फैट के लिए दैनिक अनुशंसित भत्ता (Daily Allowance) 6% था, जबकि नई कंपनी के बर्गर में यह 30% था. इसी तरह, पुराने ब्रांड में 0% कोलेस्ट्रॉल था, जबकि नए ब्रांड में आरडीए 27% था.

ज्यादातर मीट के विकल्प अल्ट्रा प्रोसेस्ड होते हैं. अल्ट्राप्रोसेस्ड फूड्स में फाइबर कम होता है और ये नमक, चीनी और एडिटिव्स से भरे होते हैं और हृदय रोग और समय से पहले मौत के उच्च जोखिम से जुड़े होते हैं.

अल्ट्राप्रोसेस्ड फूड से स्ट्रोक का खतरा
लैंसेट रीजनल हेल्थ-यूरोप में इस महीने प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि मांस के विकल्प सहित प्लांट बेस्ड अल्ट्राप्रोसेस्ड फूड का सेवन करने से दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है. हालांकि, अध्ययन में सीधे तौर पर मांस के विकल्पों की वास्तविक मीट से तुलना नहीं की गई.

दुनिया में लोग धीरे-धीरे शाकाहार अपना रहे हैं. इनमें वो लोग भी हैं जोकि पहले मांसाहारी थे. ऐसे लोगों के लिए एकदम से मीट छोड़ना थोड़ा मुश्किल होता है, ऐसे लोग प्लांट बेस्ड मीट का सहारा ले सकते हैं. 

क्या होते हैं प्लांट बेस्ड मीट?
रंग, स्वाद और बनावट में ये मीट जैसा होता है लेकिन इसे शाकाहारी चीजों जैसे पौधों और अनाजों से तैयार किया जाता है. इसे प्लांट बेस्ड फूड जैसे दालें, किनोवा, नारियल का तेल, फलियां, गेहूं के ग्लूटन, सोयाबीन, मटर आदि से तैयार किया जाता है. प्लांट बेस्ड मीट में कैलोरी और सैचुरेटेड फैट असल मीट की तुलना में कम होता है. कोलेस्ट्रॉल जीरो होता है और यह फाइबर से भरपूर होता है.

 

Read more!

RECOMMENDED