इंसान और डॉग्स (Pet Dogs) बहुत खूबसूरत रिश्ता साझा करते हैं. कई रिसर्च में इनके बॉन्ड पर बात भी की गई है. पैट्स अपने साथ रहने वाले लोगों के मूड में सुधार कर सकते हैं. ब्लडप्रेशर कम कर सकते हैं और स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के लेवल को भी ठीक करते हैं. इतना ही नहीं केवल कुत्तों की आंखों में देखने से ऑक्सीटोसिन का लेवल भी बढ़ता है. ऑक्सीटोसिन प्यार और विश्वास की भावनाओं से जुड़ा हार्मोन है.
दिमाग को महसूस होता है आराम
हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि कुत्तों को घुमाने और उनके साथ खेलने से लोगों को आराम महसूस होता है और उनकी एकाग्रता में सुधार होता है. ये एक महत्वपूर्ण रिसर्च है कि कुत्तों के साथ अलग-अलग गतिविधियों में शामिल होने से दिमाग की एक्टिविटी बढ़ सकती है. ये रिसर्च PLOS ONE में प्रकाशित हुई है.
कैसे की गई रिसर्च
रिसर्च में शामिल प्रतिभागी अपने पेट्स के साथ अलग-अलग गतिविधियों में शामिल हुए. जैसे कि उनके साथ खेलना, खिलाना, प्यार करना, फोटो खींचना, गले लगाना और घुमाना. प्रतिभागियों ने इस दौरान ब्रेनवेव-डिटेक्टिंग हेडसेट पहना ताकि ये बताया जा सके कि इस दौरान उन्हें कैसा महसूस हुआ. शोधकर्ताओं ने पाया कि जब प्रतिभागियों ने डॉग के साथ खेलना शुरू किया तो उनकी अल्फ़ा ब्रेन तरंगे मजबूत हो गईं. कुत्तों का दिमाग किसी आवाज पर वैसी ही प्रतिक्रिया देता है जैसे आदमी का दिमाग.
स्टडी का ये निकला निष्कर्ष
निष्कर्ष से पता चला कि लोग आराम और रिलैक्स फील कर रहे थे. अटैंशन और कंसंट्रेशन से जुड़ी बीटा वेव्स भी इस दौरान मजबूत स्थिति में पाई गईं. सभी एक्टिविटी में हिस्सा लेने के बाद प्रतिभागियों ने कम तनाव, थकान और डिप्रेशन महसूस किया. इस अध्ययन से पता चलता है कि पेट्स के साथ खेलने से दिमाग रिलेक्स, एकाग्र और क्रिएटिव अनुभव करता है.