देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. अप्रैल का महीना अभी आधा भी नहीं गुजरा है लेकिन कोरोना की रफ्तार बता रही है कि बहुत जल्दी बड़ी तादाद में लोग संक्रमण के शिकार हो सकते हैं. संक्रमण को इस तरह समझिए कि हर 100 टेस्ट में 7 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. ऐसे में डॉक्टर्स का मानना है कि अगर वैक्सीन के साथ बूस्टर डोज ली है तो संक्रमित होने पर आप जल्दी ही ठीक भी हो जाएंगे, यानी हालत गंभीर नहीं होगी. लेकिन चिंता की बात ये है कि एक नई स्टडी के मुताबिक प्रदूषण की वजह से वैक्सीन बेअसर हो सकती है.
प्रदूषण कम रहा है एंटीबॉडी की असर
दरअसल बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वैक्सीन के बाद जो एंटीबॉडी बनी थी उसे प्रदूषण कमजोर कर रहा है, और इसी वजह से उन लोगों को भी दोबारा कोरोना हो रहा है जिन्होंने वैक्सीन की डोज पूरी की है. इस स्टडी में पाया गया कि जो लोग महामारी से पहले ज्यादा वायु प्रदूषण में रह रहे थे, उनमें वैक्सीन के प्रति एंटीबॉडी रिस्पॉन्स कम था.
क्या सच में है डरने की जरूरत?
ये स्टडी 40 से 65 साल के करीब 900 लोगों पर की गई जिन्होंने एस्ट्राजेनेका फाइजर और मॉडर्ना जैसी वैक्सीन ली थी. लेकिन यहां एक बात समझनी जरूरी है. जरूरी नहीं कि प्रदूषण का वैसा ही इफेक्ट भारत में भी हो, क्योंकि हमारा पर्यावरण अलग है, और हमारी वैक्सीन भी अलग है. सबसे अहम बात ये कि भारत में वैक्सीनेशन काफी अच्छा हुआ, इसलिए सीधे तौर ये बात नहीं मानी जा सकती कि भारत में भी प्रदूषण का वैक्सीन पर असर पड़ा होगा. हां लेकिन इसके कुछ और पहुलओं को समझना जरूरी है
प्रदूषण से कम होती है इम्यूनिटी
बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के रिसर्चस के मुताबिक प्रदूषण की वजह से लंग्स कैंसर दिल और सांस से जुड़ी बीमारियां होना सामान्य है. प्रदूषण का इम्यूनिटी पर भी असर देखा गया है, और इसी तरह प्रदूषण का एंटीबॉडी पर भी असर हो सकता है. जिससे वैक्सीन का इफेक्ट कम हो सकता है. हालांकि इस स्टडी के दावों को पूरी तरह साबित करने के लिए आगे और रिसर्च की जानी है. लेकिन प्रदूषण को लेकर पहले से ज्यादा सावधान रहना जरूरी है. खासकर दिल्ली और मुंबई जैसे शहर जो दुनिया को सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शुमार हैं, वहां एहतियात बरतना जरूरी है.
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