महाकुंभ 2025 के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की आने की उम्मीद है. ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहती है. मेले में आने वाले लोगों के रहने से लेकर खाने-पीने, स्नान करने और घूमने-फिरने आदि के लिए हर तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं. मेला समिति ने खासतौर पर गूगल कंपनी के साथ भी गूगल नेविगेशन के लिए समझौता किया है.
इस सबके बीच, मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए सरकार एक खास तरह का अस्पताल, 'BHISHM Cube' महाकुंभ मेले में तैनात कर रही है. BHISHM-Battlefield Health Information System for Medical Services एक खास तरह का इमरजेंसी अस्पताल है जिसे कहीं भी लाया-ले जाया जा सकता है. यह अपनी तरह का पहला अस्पताल है और इसे पहले अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान लगाया जा चुका है.
एक बार में होगा 200 लोगों का इलाज
महाकुंभ मेले में पहली बार ऐसा हो रहा है कि इस तरह की चिकित्सा व्यवस्था का इंतजाम किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर एक भीष्म क्यूब एक साथ 200 लोगों का इलाज करने में सक्षम है. सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस अस्पताल का सेट-अप करना बहुत ही आसान है. इस अस्पताल को ट्रांसपोर्ट करके कहीं भी लाया जा सकता है और अपने डेस्टिनेशन पर पहुंचने के बाद इसे सिर्फ 12 मिनट में सेट-अप करके मरीजों का इलाज शुरू किया जा सकता है.
क्या है इस अस्पताल की खासियत
'भीष्म क्यूब' पूरी तरह से वॉटरप्रूफ, हल्का और मजबूत है. इसमें पेशेंट के लिए हर तरह के मेडिकल्स टूल्स के साथ और भी कई अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं. इसे भारतीय स्वास्थ्य सेवा संस्थानों, वायुसेना और डिफेंस टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञों की मदद से तैयार किया गया है. वहीं, इसकी डिजाइन की बात करें तो इसे साइकिल से लेकर ड्रोन तक से बहुत ही आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है. क्रिटिकल सिचुएशन में इसे विमान से भी उतारा जा सकता है. इसमें AI और डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीकों का भी समन्वय है.
यूक्रेन को भी दिया था तोहफा
आपको बता दें कि भारत में बना यह खास तरह का अस्पताल यूक्रेन को भी तोहफे में दिया जा चुका है. इसी साल अगस्त में यूक्रेन दौरे के दौरान PM मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को भीष्म क्यूब की कुछ यूनिट्स भेंट की थीं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी काफी सराहना भी हुई थी.