जानिए क्या है Precision Therapy... Cancer से होने वाली मौतों को किया जा सकता है 98% तक कम

Precision Therapy: कैंसर के इलाज को आसान, किफायती और ज्यादा कारगर बनाने के लिए लगातार रिसर्च की जा रही है. पिछले कुछ समय से कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और सर्जरी के साथ-साथ प्रीसिजन थेरेपी को भी इस्तेमाल किया जा रहा है.

Cancer Treatment (Representational Image/Pexels)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 15 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 3:17 PM IST

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, साल 2022 में लगभग 20 मिलियन नए कैंसर मामले सामने आए और कैंसर से 9.7 मिलियन मौतें हुईं. कैंसर डायग्नोसिस के बाद पांच सालों के भीतर जीवित रहने वाले लोगों की संख्या लगभग 53.5 मिलियन थी. लगभग 5 में से 1 व्यक्ति को अपनी जिंदगी में कैंसर हो जाता है, लगभग 9 में से 1 पुरुष और 12 में से 1 महिला की इस बीमारी से मौत हो जाती है. इसलिए कैंसर के सेक्टर में कई रिसर्च प्रोग्राम किए जा रहे हैं ताकि कैंसर के इलाज के नए, आसान और कारगर तरीके ढूंढे जा सकें. 

वर्तमान में, कैंसर के इलाज के लिए ज्यादातर रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी सर्जरी का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, अब कैंसर के इलाज के लिए एक नया तरीका है जिसे प्रीसिजन थेरेपी (Precision therapy) कहा जा रहा है. यह थेरेपी एक कारगर इलाज के तौर पर सामने आ रही है. 

क्या है प्रीसिजन मेडिसिन?
प्रीसिजन मेडिसिन इलाज का एक ऐसा तरीका है जिसमें हर इंसान के शरीर की खास बातों, जैसे उनके जीन्स, पर्यावरण और जीवनशैली को ध्यान में रखकर इलाज किया जाता है. इसका उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को उसकी जरूरत के हिसाब से सही और असरदार इलाज मिले, जिससे इलाज के नतीजे बेहतर हों और साइड इफेक्ट्स कम हों. इस पद्धति का मुख्य विचार यह है कि हर इंसान का शरीर और उसकी बीमारी अलग होती है, इसलिए एक ही इलाज सबके लिए सही नहीं होता. खासतौर पर कैंसर जैसी बीमारियों में यह तरीका बहुत फायदेमंद है. 

Cancer Treatment (Representational Image)

इसमें ट्यूमर में होने वाले खास जेनेटिक बदलावों (म्यूटेशन) की पहचान करके, उसके अनुसार खास इलाज किया जाता है. प्रिसिजन मेडिसिन पहले सिर्फ कैंसर की एडवांस स्टेज में इस्तेमाल होती थी, लेकिन अब इसे कैंसर की अर्ली स्टेज यानी शुरुआती स्टेज में भी इस्तेमाल किया जा रहा है. 

कैसे होती है प्रीसिजन मेडिसिन की प्रक्रिया?
सबसे पहले बायोप्सी जैसे डायग्नोस्टिक टेस्ट किए जाते हैं, जिसमें ट्यूमर से एक सैंपल लिया जाता है और उसमें जेनेटिक मार्कर्स (आनुवांशिक चिन्ह) की जांच की जाती है. फिर पैथोलॉजिस्ट इस सैंपल की जांच करते हैं, इसके बारे में समझते हैं, और उसे मॉलिक्यूलर एनालिसिस के लिए तैयार करते हैं. नेक्स्ट-जनरेशन सीक्वेंसिंग (NGS) की मदद से ट्यूमर में मौजूद खास मॉलिक्यूलर टारगेट्स की पहचान की जाती है. NGS के रिजल्ट्स को देखकर, मॉलिक्यूलर ट्यूमर बोर्ड इलाज के सुझाव देता है. यह टारगेटेड थेरेपी सर्जरी और कीमोथेरेपी जैसे पारंपरिक ट्रीटमेंट के तरीकों के साथ मिलकर काम कर सकती हैं.

प्रिसिजन मेडिसिन में जेनेटिक स्क्रीनिंग का महत्व
प्रिसिजन मेडिसिन में जेनेटिक स्क्रीनिंग बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके परिवार में कैंसर पहले भी हो चुका है. ऐसे लोग जेनेटिक टेस्टिंग कराकर 'असामान्य जेनेटिक पाथवेज' की पहचान कर सकते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक जिन महिलाओं के परिवार में ब्रेस्ट या ओवेरियन कैंसर पहले भी हो चुका है, उनमें BRCA1 (ब्रेस्ट कैंसर जीन) या BRCA2 म्यूटेशन पाया जा सकता है. जब ऐसी आनुवांशिक जानकारी मिल जाती है, तो इसे होने से रोका जा सकता है. जैसे रिस्क को कम करने के लिए ब्रेस्ट हटाने का ऑपरेशन (मास्टेक्टॉमी), मेनोपॉज के बाद ओवरी हटाने का ऑपरेशन (ओफोरेक्टॉमी), या हार्मोन थेरेपी से कैंसर को रोकने के उपाय किए जा सकते हैं.

Genetic Screening (Representational Image)

प्रिसिजन थेरेपी के फायदे
प्रिसिजन थेरेपी एक महत्वपूर्ण टूल के रूप में काम करती है, जिससे यह तय किया जा सकता है कि किन मरीजों को सर्जरी या कीमोरेडिएशन जैसे ट्रीटमेंट की जरूरत है और किन लोगों को  सिर्फ रेडिएशन जैसे तरीकों से ठीक किया जा सकता है. डॉक्टरों के मुताबिक, इसका एक महत्वपूर्ण उपयोग उन व्यक्तियों की पहचान करना है जिन्हें कैंसर हो सकता है. कैंसर की शुरूआती स्टेज में पहचान कर ही समय पर सही इलाज दिया जा सकता है. 

बात करें जीवनशैली में बदलाव की तो प्रिसिजन थेरेपी इसमें भी मदद करती है. मरीज के जेनेटिक प्रोफ़ाइल (genetic profile) और पर्यावरण का विश्लेषण करके, डॉक्टर गहन जांच या जीवनशैली में सुधार की सलाह दे सकते हैं, जिससे कैंसर का खतरा 98 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है. यह किडनी और फेफड़ों के कैंसर जैसे कई प्रकार के कैंसर में सटीक इलाज और स्वस्थ आदतों को अपनाने में मदद करता है.

प्रिसिजन थेरेपी में चुनौतियां
यह सच है कि प्रिसिजन थेरेपी तेजी से आगे बढ़ रही है. लेकिन यह सभी प्रकार के कैंसर के लिए उपयुक्त नहीं है. डॉक्टरों के मुताबिक ये थेरपी कुछ प्रकार के कैंसर जैसे ब्रेस्ट, लंग्स और मेलानोमा के लिए अच्छे रिजल्ट्स देती है, जबकि दूसरे कैंसरों के इलाज के लिए सीमित विकल्प होते हैं. प्रिसिजन थेरेपी की लागत भी काफी ज्यादा हो सकती है, जिसके कारण इससे सिर्फ कुछ फीसद कैंसर मरीज ही फायदा ले पा रहे हैं. लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक, इस क्षेत्र में और रिसर्च करके दवाओं को सस्ता बनाया जा सकता है, जिससे ज्यादा से ज्यादा कैंसर से पीड़ित मरीजों को इसका फायदा मिल सके.

 

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