प्रोस्टेट कैंसर को लेकर हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं. Lancet की स्टडी के मुताबिक आने वाले दो दशक में दुनियाभर में प्रोस्टेट कैंसर के मामले दोगुने से अधिक होने का अनुमान है. साल 2020 से 2040 के बीच इस कैंसर के कारण होने वाली मौतों में 85 प्रतिशत तक की वृद्धि होने की आशंका जताई गई है. पुरुषों में ये रोग, कैंसर से होने वाली मौतों का भी प्रमुख कारण है.
प्रोस्टेट कैंसर के सालाना मामले 2.9 मिलियन पहुंच सकते हैं
द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2040 तक प्रोस्टेट कैंसर के सालाना मामले 2.9 मिलियन (29 लाख) तक पहुंच सकती है. भारत की बुजुर्ग पुरुष आबादी बढ़ रही है और अधिकांश संचारी रोगों को आसानी से ठीक किया जा रहा है लेकिन गैर-संचारी रोगों, खासतौर से कैंसर के मामले में ऐसा नहीं है. कैंसर के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.
एडवांस स्टेज में पकड़ में आते हैं मामले
अधिकांश उच्च आय वाले देशों की तुलना में निम्न और मध्यम आय वाले देशों में मृत्यु दर बढ़ने का खतरा अधिक देखा जा रहा है. इस अवधि में मौत के मामले हर साल 85 प्रतिशत बढ़कर लगभग 700,000 होने की आशंका जताई गई है. प्रोस्टेट कैंसर के बारे में बात करना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पुरुषों में होने वाले सबसे आम कैंसरों में से एक है और पिछले कुछ वर्षों में इसमें वृद्धि हुई है. प्रोस्टेट कैंसर के बारे में निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों के बीच ज्यादा जागरूकता नहीं है. भारत में प्रोस्टेट कैंसर के ज्यादातर मामले तब पकड़ में आते हैं जब यह शरीर में हर जगह फैल चुके होते हैं.
क्या है प्रोस्टेट कैंसर
प्रोस्टेट कैंसर प्रोस्टेट ग्लैंड में विकसित होता है. जब इस ग्लैंड में सेल्स तेजी से बढ़ने लगती हैं तब कैंसर हो जाता है. पहले 50 साल से अधिक उम्र वाले पुरुषों में ही इस कैंसर के मामले आते थे, लेकिन अब कम उम्र के लोगों में भी बीमारी फैल रही है. इस कैंसर के होने का कोई खास कारण नहीं है, लेकिन खराब लाइफस्टाइल, खानपान की गलत आदतें, उम्र, पारिवारिक इतिहास जैसे कुछ जोखिम कारक इस बीमारी के विकसित होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं.
क्या हैं इसके लक्षण?
पेशाब करने में कठिनाई होना.
कमजोर या बाधित मूत्र प्रवाह.
बार-बार पेशाब आना, खासकर रात में.
पेशाब या सीमन में खून आना.
कैसे करें बचाव
खानपान अच्छा रखें, खाने में फल और हरी सब्जियों को जरूर शामिल करें.
वजन को कंट्रोल में रखें, रेड मीट का सेवन ज्यादा न करें.
धूम्रपान और शराब का सेवन न करें.
यूरिन से संबंधित परेशानी होने पर टेस्ट कराएं.