अमेरिका में मंकीपॉक्स के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों ने संक्रमित लोगों को घरेलू पालतू जानवरों से दूर रहने की चेतावनी दी है. अधिकारियों का कहना है कि जानवरों में वायरस पकड़ने का खतरा हो सकता है.
कुत्ते में पाए गए लक्षण
रोग जिसके लिए रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) महीनों से सलाह दे रहा है अमेरिका में फैला हुआ है. पिछले सप्ताह प्रकाशित मेडिकल जर्नल लैंसेट ने जानकारी दी थी कि फ्रांस में एक इतालवी ग्रेहाउंड को वायरस ने पकड़ लिया था. रिपोर्ट के मुताबिक, एक कपल ने उस कुत्ते को पाल रखा था और वो उसी के साथ सोते थे. दोनों कपल मंकीपॉक्स से संक्रमित थे. उनमें घाव और अन्य लक्षण देखे गए थे. साथ में सोने की वजह से ग्रेहाउंड को भी बाद में घाव हो गए और बाद में उसमें भी मंकीपॉक्स वायरस पाया गया.
रोगी के संपर्क में आने पर 21 दिन रहें दूर
रोडेंट (चूहे, गिलहरी आदि) और अन्य जंगली जानवरों में मंकीपॉक्स संक्रमण का पता चला है. वायरस इन लोगों से मनुष्यों में फैला सकता है. हालांकि,रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुत्ते या बिल्ली जैसे पालतू जानवर में मंकीपॉक्स के संक्रमण की यह पहली रिपोर्ट है. इस बीच, सीडीसी ने सलाह दी कि एक लक्षण वाले व्यक्ति के निकट संपर्क में आने वाले पालतू जानवरों को घर पर और अन्य जानवरों और लोगों से सबसे हालिया संपर्क के बाद 21 दिनों तक दूर रखा जाना चाहिए.
भारत में अब तक 10 मामले
बता दें कि 13 अगस्त को भारत में मंकीपॉक्स का 10वां मामला पाया गया. नाइजीरिया की यात्रा से लौटी एक अफ्रीकी महिला में वायरस के पॉजीटिव लक्षण पाए गए थे. उसे लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 22 वर्षीय महिला फिलहाल अस्पताल में निगरानी में है. भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला केरल के कोल्लम जिले में 14 जुलाई को सामने आया था. भारत ने अब तक देश में 10 मंकीपॉक्स के मामले दर्ज किए हैं, जिसमें हाल ही का एक मामला राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दर्ज किया गया.