Rectal Cancer Drug के शुरुआती ट्रायल में 100 फीसदी मिली सफलता, सभी मरीज पूरी तरह से ठीक हो गए

Rectal Cancer Drug Trial: रेक्टल कैंसर का इलाज मिल गया है. शुरुआती ट्रायल में एक दवा ने बेहतरीन असर दिखाया है. वैज्ञानिकों ने जितने मरीजों को दवा दी. सभी का कैंसर पूरी तरह से ठीक हो गया. मेडिकल साइंस में ये किसी चमत्कार से कम नहीं है.

कैंसर की दवा का ट्रायल 100 फीसदी सफल
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 07 जून 2022,
  • अपडेटेड 6:49 PM IST
  • रेक्टल कैंसर के दवा का ट्रायल 100 फीसदी सटीक
  • शुरुआती ट्रायल में सभी 12 मरीज हुए ठीक

वैज्ञानिकों की टीम रेक्टल कैंसर की दवा बनाने पर काम कर रही है. इसी दौरान टीम ने ऐसी दवा की खोज कर ली. जो मेडिकल साइंस के इतिहास में चमत्कार है. कैंसर को पूरी तरह से जड़ से खत्म करने वाली दवा वैज्ञानिकों को मिल गई है. वैज्ञानिकों की टीम ने ट्रायल के लिए इस दवा का इस्तेमाल 12 मरीजों पर किया और इसके नतीजे देखकर खुद वैज्ञानिक भी हैरान रह गए. दवा के शुरुआती ट्रायल में सभी मरीज पर इसका सकारात्मक असर हुआ. ये दवा लेने के बाद सभी मरीज कैंसर की बीमारी से ठीक हो गए.

ट्रायल में ह‍िस्सा लेने वाले सभी मरीज रेक्टल कैंसर के एक ही स्टेज में थे. कैंसर शरीर के बाकी हिस्सों में नहीं फैला था. रिसर्चर्स का मानना था कि डोस्टारलिमैब (dostarlimab) नाम की दवा कैंसर सेल्स से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम को मजबूत करेगी और ये मरीजों पर बेहतर काम करेगी. वैज्ञानिकों की उम्मीद के मुताबिक दवा ने असर भी दिखाया.

6 महीने तक दी गई दवा-
वैज्ञानिकों ने डोस्टारलिमैब दवा को सभी मरीजों को 6 महीने तक दिया. कैंसर पीड़ित मरीजों ने हर तीन हफ्ते में दवा ली थी. ये सिलसिला 6 महीने तक चलता रहा. इसके बाद वैज्ञानिकों ने देखा कि किसी भी मरीज में कैंसर के कोई लक्ष्ण नहीं दिख रहे हैं. जांच में सभी मरीज पूरी तरह से इस बीमारी से सुरक्षित पाए गए. वैज्ञानिक इन नतीजों को देखकर हैरान हैं और उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. दवा कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GlaxoSmithKline) ने डोस्टारलिमैब दवा के रिसर्च में मदद की थी. 

नतीजों से डॉक्टर्स भी हैरान-
मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर के वैज्ञानिक डॉ. लुइस ए. जियाज जूनियर (Dr. Luis A. Diaz Jr.) न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि कैंसर के इलाज के इतिहास में इस तरह का पहली बार हुआ है. उन्होंने स्टेट न्यूज से कहा कि ये बड़ी उपलब्धि है. ये पहली बार हुआ है कि जब ठोस ट्यूमर ऑन्कोलॉजी के बारे में 100 फीसदी सफलता मिली है. डॉक्टर ने कहा कि हमने नॉर्मल केयर करना छोड़ दिया है.
इस रिसर्च के नतीजों से वैज्ञानिकों की पूरी टीम खुश है. मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. एंड्रिया सेर्सेक (Dr. Andrea Cercek) ने टाइम्स को बताया कि जिस वक्त इस रिचर्स के नतीजे सामने आए हैं. हर किसी की आंखों में खुशी के आंसू थे.

सामान्य तौर पर रेक्टल कैंसर पीड़त मरीज को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रेक्टल कैंसर मरीजों को कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी जैसे उपचार से गुजरना पड़ता है. उनको अक्सर कोलोस्टॉमी बैग की यजरूरत होती है. उनको आंत्र, मूत्र और इलेक्टाइल जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है. लेकिन दवा के ट्रायल में इससे बेहतर परिणाम आए हैं. अब उन 12 मरीजों को किसी भी तरह के इलाज का जरूरत नहीं है. वो पूरी तरह से ठीक हैं.

इस रिचर्स के नतीजों की समीक्षा करने वाले रिसर्चर्स का कहना है कि दवा आशा की एक किरण है. इसके नतीजों को देखने के लिए बड़े पैमाने पर परीक्षण की जरूरत है. ये भी देखना होगा कि क्या ये बड़े पैमाने पर मरीजों पर असर करता है और कैंसर की बीमारी से छुटकारा दिलाता है.

कैंसर पीड़ित मरीजों के घरवाले भी इस ट्रायल के नतीजों से हैरान हैं. एक मरीज ने अपने घरवालों को बताया कि वो अब पूरी तरह से कैंसर से ठीक है. तो उसके घरवालों को इसपर भरोसा ही नहीं हुआ.

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