Rheumatoid Arthritis की दवाईयों से कम होगा दिल की बीमारियों का जोखिम, रिसर्च में हुआ खुलासा

रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून डिजीज है जिसमें शरीर की इम्यूनिटी स्वस्थ कोशिकाओं को ही नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है.

rheumatoid arthritis
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:11 PM IST
  • अर्थराइटिस में इम्यून सिस्टम स्वस्थ ज्वॉइंट टिशूज पर अटैक करता है.
  • रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून डिजीज है

रूमेटाइड अर्थराइटिस के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाएं हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकती हैं. कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है. इस शोध में 115 मध्यम से गंभीर लक्षण वाले अर्थराइटिस के रोगी शामिल किए गए. अर्थराइटिस में इम्यून सिस्टम स्वस्थ ज्वॉइंट टिशूज पर अटैक करता है. इसकी वजह से जोड़ों में दर्द, जकड़न और सूजन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. रूमेटाइड अर्थराइटिस सिर्फ जोड़ों के दर्द तक ही सीमित नहीं है. अगर समय पर इसका इलाज ना कराया जाए तो ये न केवल जोड़ों और हड्डियों को नुकसान पहुंचाता है,  बल्कि आंखों, त्वचा और फेफड़ों जैसे कई अंगों को भी प्रभावित कर सकता है.

ऑटोइम्यून डिजीज है रूमेटाइड

रूमेटाइड अर्थराइटिस के इलाज के लिए डॉक्टर्स सबसे पहले Methotrexate (एक तरह का ड्रग) देते हैं. हालांकि ज्यादातर लोगों को ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर इनहिबिटर (TNFi) या ट्रिपल थेरेपी दी जाती है. बता दें, रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून डिजीज है जिसमें शरीर की इम्यूनिटी स्वस्थ कोशिकाओं को ही नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है. 

धमनियों में सूजन को कम करती हैं ये दवाइयां

हाल के शोध से पता चला है कि सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इम्यूनोमॉड्यूलेटरी दवाएं उन लोगों में दिल का दौरा, स्ट्रोक या हार्ट फेलियर की घटनाओं को काफी कम कर देती हैं, जिन्हें पहले से दिल की कोई बीमारी है. जिन लोगों को रूमेटाइड अर्थराइटिस है, उनमें दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है. हालांकि शोध में यह पाया गया कि रूमेटाइड अर्थराइटिस के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं धमनियों में सूजन को कम कर सकती हैं और इससे हार्ट संबंधी परेशानियों की आशंका भी घट सकती है.

क्या है रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण

Rheumatoid Arthritis के लक्षण शुरू में बेहद आम होते हैं. इसके अन्य लक्षणों में कमजोरी होना, हल्का बुखार, भूख न लगना, मूंह और आंखों का सूखना, शरीर में गांठ बनना शामिल हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में रूमेटाइड अर्थराइटिस खतरा ज्यादा देखा गया है. इसके अलावा मोटे लोगों में रूमेटाइटिस का ज्यादा जोखिम देखने को मिलता है.

 

Read more!

RECOMMENDED