Intermittent fasting Rule: बढ़ सकता है दिल की बीमारियों का खतरा, आज ही रोकें Intermittent fasting, जानें क्या है ये डाइट और किस तरह से होती है फॉलो 

इंटरमिटेंट फास्टिंग में आप केवल एक स्पेसिफिक समय ही खाते हैं. कई पुराने शोध में कहा गया है कि हर दिन एक निश्चित संख्या में घंटों तक फास्टिंग करने या सप्ताह में एक-दो दिन सिर्फ एक बार भोजन करने से हेल्थ को काफी फायदा हो सकता है. 

Intermittent fasting
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 12:31 PM IST
  • वजन घटाने की सबसे पॉपुलर स्ट्रेटेजी
  • 20 हजार लोगों पर किया गया शोध 

लोग अक्सर वजन कंट्रोल करने के लिए अलग-अलग डाइट रूल फॉलो करते हैं. इनमें से इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) सबसे पॉपुलर है. लेकिन अब इस डाइट पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. हाल ही में हुई स्टडी के मुताबिक, इंटरमिटेंट फास्टिंग से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है. 

शिकागो में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की एक मेडिकल बैठक में प्रस्तुत की गई सी स्टडी ने सभी को चौंका कर रख दिया है. रुक-रुक कर फास्टिंग या उपवास करने वाले व्यक्तियों और 12 से 16 घंटे तक लंबे समय के गैप पर खाने वाले लोगों को दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है. 

क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग?

इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने की सबसे पॉपुलर स्ट्रेटेजी है. इंटरमिटेंट फास्टिंग एक ईटिंग प्लान है जिसमें व्यक्ति फास्टिंग और रेगुलर खानपान के बीच स्विच करता है. लोग अक्सर इंटरमिटेंट फास्टिंग अपने वजन को कंट्रोल करने और कुछ प्रकार की बीमारियों को रोकने के लिए करते हैं. कई डाइट इस बात पर फोकस्ड होती हैं कि क्या खाना चाहिए, लेकिन इंटरमिटेंट फास्टिंग का संबंध इससे होता है कि आप कब खा रहे हैं.

वजन घटाने की सबसे पॉपुलर स्ट्रेटेजी

इंटरमिटेंट फास्टिंग में आप केवल एक स्पेसिफिक समय ही खाते हैं. कई पुराने शोध से पता चलता है कि हर दिन एक निश्चित संख्या में घंटों तक फास्टिंग करने या सप्ताह में एक-दो दिन सिर्फ एक बार भोजन करने से हेल्थ को काफी फायदा हो सकता है. इंटरमिटेंट फास्टिंग अक्सर वजन घटाने और मेटाबोलिज्म को बेहतर करने के लिए की जाती है. लेकिन हाल ही में हुई स्टडी ने इसपर सवाल उठा दिए हैं. 

91% है बीमारी होने का खतरा 

विश्लेषण के अनुसार, भोजन के समय को आठ घंटे तक सीमित करने से दिल की बीमारी से मौत होने का जोखिम 91% है. इसके अलावा, अगर किसी को पहले से दिल की कोई बीमारी है या वह व्यक्ति कैंसर से पीड़ित है, तो उन्हें इससे ज्यादा खतरा है. ऐसे में कुछ एक्सपर्ट्स ने लोगों को इंटरमिटेंट फास्टिंग को लेकर सावधान किया है. 

20 हजार लोगों पर किया गया शोध 

शंघाई जिओ टोंग यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के विक्टर झोंग के नेतृत्व में, इस स्टडी में हजारों लोगों को शामिल किया गया. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की इस स्टडी में लगभग 20,000 लोगों को शामिल किया गया. इसमें सामने आया कि प्रतिभागियों के बीच इंटरमिटेंट फास्टिंग की अवधि अभी भी अस्पष्ट है. इस तरह की फास्टिंग के कई दुष्प्रभाव हैं. 


 

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