डायबिटीज की दवा ओजेम्पिक लोगों को वजन कम करने और दिल बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है. अब एक शोध से पता चला है कि सेमाग्लूटाइड स्मोकिंग छोड़ने में भी मददगार है. ये शोध Annals of Internal Medicine में प्रकाशित हुआ है.
शोधकर्ताओं ने पाया कि टाइप 2 डायबिटीज वाले मरीज जो स्मोकिंग भी करते थे और सेमाग्लूटाइड लेते थे, उनमें डायबिटीज की दूसरी दवा लेने वाले लोगों की तुलना में धूम्रपान करने की आशंका कम थी. क्योंकि ये दवा एल्कोहल और स्मोकिंग की क्रेविंग को कम करती है.
कैसे की गई रिसर्च
विश्लेषण के लिए शोधकर्ताओं ने टाइप 2 डायबिटीज वाले 222,942 धूम्रपान करने वालों के हेल्थ रिकॉर्ड की जांच की, जिन्होंने 7 तरह की डाबिटीज की दवाओं का इस्तेमाल किया था. इनमें से 5,967 सेमाग्लूटाइड लेते थे. इन मरीजों की तुलना करते समय शोधकर्ताओं ने पाया कि सेमाग्लूटाइड और दूसरी दवाओं के बीच अंतर ज्यादातर दवा शुरू करने के 30 दिनों के भीतर होता है. परिणाम मोटापे से ग्रस्त और बिना निदान वाले लोगों के लिए भी समान थे.
शराब की लत को कम कर सकती है ये दवा
बता दें, ओजेम्पिक का इस्तेमाल टाइप 2 डायबिटीज रोगियों में ब्लड शुगर के स्तर को प्रबंधित करने के लिए किया जाता है. हालांकि, ओजेम्पिक को कभी-कभी वजन घटाने के लिए भी लिया जाता है. लेकिन नया शोध लोगों की सिगरेट पीने, शराब पीने की इच्छा को कम करने के लिए सेमाग्लूटाइड और दूसरे जीएलपी-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट दवाओं के इस्तेमाल का समर्थन करता है.
2023 में भी हो चुकी है रिसर्च
इससे पहले 2023 में साइंटिफिक रिपोर्ट्सट्रस्टेड सोर्स में प्रकाशित अध्ययन में भी कहा गया था कि सेमाग्लूटाइड और टिरजेपेटाइड मोटापे से ग्रस्त लोगों में शराब पीने की लालसा को कम कर सकते हैं. जीएलपी-1 दवाएं अल्कोहल लत से ग्रस्त लोगों में लालसा को कैसे कम करती हैं, यह अभी शोध का विषय है.
सिलेब्रिटीज भी कर रहे इस दवा का इस्तेमाल
बता दें, दुनियाभर के कई सिलेब्रिटीज वजन कम करने के लिए ओजेम्पिक, मौन्जारो और वेगोवी जैसी वेट लॉस की दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं. भारत में ओजेम्पिक, मौन्जारो जैसे इंजेक्शन की डिमांड तेजी से बढ़ रही है.
कैसे काम करती है ये दवा?
ओजेम्पिक सेमाग्लूटाइड नाम के टाइप-2 डायबिटीज की दवा है. ओजेम्पिक एक सिंथेटिक कंपाउंड है जो हार्मोन ग्लूकागन-जैसे पेप्टाइड 1 (जीएलपी-1) के जैसा दिखता है और यह शरीर में एक्टिविटीज को ट्रिगर करता है. इनमें से एक है शरीर में इंसुलिन रिलीज करना. ब्लड शुगर लेवल ज्यादा होने पर सेमाग्लूटाइड शरीर में पैंक्रियाज को सही मात्रा में इंसुलिन रिलीज करने में मदद करता है. इंसुलिन ब्लड से शुगर को शरीर के दूसरे टिश्यूज में भेजता है, जहां इसका उपयोग एनर्जी पैदा करने में होता है. जीएलपी-1 में वृद्धि हमारे दिमाग को ये मैसेज पहुंचाती है कि पेट भरा हुआ है और इस तरह लोग ओवर इटिंग से बचते हैं.