ChatGPT And Medical Industry: जल्द ChatGPT जैसे AI टूल्स की मदद से हो सकेगा ट्रीटमेंट, इसे हेल्थ केयर सेक्टर में लाने की हो रही है तैयारी 

डॉक्टरों की उत्पादकता और ट्रीटमेंट की सटीकता को बढ़ाने में मदद करने के लिए चैटजीपीटी-जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उपकरण विकसित करने की योजना बनाई जा रही है. इसके लिए एम्स, अपोलो अस्पताल और मुंबई में टाटा मेमोरियल अस्पताल से डेटा का उपयोग करने की बात हो रही है.

ChatGPT And Medical Industry
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2023,
  • अपडेटेड 1:35 PM IST
  • अपोलो ने किया एआई-पावर्ड टूल लॉन्च 
  • AI और मशीन लर्निंग पर हो रहा है जमकर काम 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आ जाने से लगातार चीजों को आसान बनाया जा रहा है. हालांकि, ChatGPT के आने के बाद से कुछ लोग परेशान भी हैं कि कहीं उनकी नौकरी पर ना आन पड़े. लेकिन कई इंडस्ट्रियों में इसकी मदद से चीजों को बेहतर बनाया जा रहा है. सरकार कथित तौर पर डॉक्टरों की उत्पादकता बढ़ाने और ट्रीटमेंट की सटीकता को बढ़ाने में मदद करने के लिए चैटजीपीटी-जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) उपकरण विकसित करने की योजना बना रही है.

AI और मशीन लर्निंग पर हो रहा है जमकर काम 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के तहत, AI और मशीन लर्निंग (ML) का उपयोग करके एक उपकरण विकसित करने की योजना पर काम किया जा रहा है. इससे देश भर के डॉक्टरों को हाथ से लिखने के बजाय डिजिटल नुस्खे बनाने और उन्हें डिजिटल रूप में सहेजने में मदद मिलेगी. News18 की रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) टूल के सफल प्रक्षेपण के लिए काम कर रही है. 

अपोलो ने किया एआई-पावर्ड टूल लॉन्च 

फरवरी में, अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप ने एआई-पावर्ड क्लिनिकल इंटेलिजेंस इंजन (CIE) लॉन्च किया था. ये एक क्लीनिकल डिसीजन सपोर्ट टूल है, जो हेल्थ केयर प्रोफेशनल को रोगियों में हृदय रोग के जोखिम की भविष्यवाणी करने और प्रारंभिक अवस्था में उपचार शुरू करने में मदद करेगा. इस टूल का इस्तेमाल डॉक्टर अपोलो 24*7 प्लेटफॉर्म पर कर सकते हैं. 

ये क्लिनिकल इंटेलिजेंस इंजन हेल्थ केयर प्रोफेशनल को उन पैटर्न की पहचान करने में मदद करने के लिए बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण करेगा जो किसी कारणवश छूट जाता है. संख्यात्मक रूप से जांच होते हुए इसमें ओपीडी में 95 प्रतिशत दैनिक केस को कवर किया जा सकेगा. इसे 100 से ज्यादा इंजीनियरों ने बनाया है. 

केंद्र हेल्थकेयर सेक्टर में एआई लाने की कर रहा तैयारी 

इसके हिस्से के रूप में एम्स, नई दिल्ली, अपोलो अस्पताल और मुंबई में टाटा मेमोरियल अस्पताल से डेटा का उपयोग करने की बात हो रही है. इंडिया डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया,  "हम मॉडल को ट्रेन करने के लिए सबसे पहले सिंथेटिक डेटा का उपयोग कर सकते हैं. बाद में, हम एम्स और टाटा मेमोरियल अस्पताल के डेटा का उपयोग करने पर भी विचार कर रहे हैं. एक सरकारी अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि अपोलो के पूरे डेटा को सरकार के आवेदन के साथ उनके टूल को एकीकृत करके भी इस्तेमाल किया जा सकता है.”

 

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