Stress Ulcer: बच्चों में बढ़ रहा है स्ट्रेस अल्सर, जानिए इसके लक्षण और उपाय

बच्चों के बोर्ड एग्जाम बस आने वाले हैं. ऐसे में बच्चों को स्ट्रेस होना काफी आम बात है. जिसके चलते आजकल बच्चों में स्ट्रेस अल्सर भी आम होता जा रहा है.

स्ट्रेस अल्सर
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 1:23 PM IST
  • ठीक होने में लगता है एक सप्ताह का समय
  • तनाव मेटाबॉलिज्म को गड़बड़ करता है

छात्रों के बोर्ड एग्जाम बस शुरू ही होने वाले हैं. सभी छात्र बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हैं. ऐसे में उनका स्ट्रेस लेना लाज़मी है. इन दिनों बच्चों में एक समस्या आम है. दरअसल, बोर्ड परीक्षा का तनाव बच्चों को स्ट्रेस अल्सर की चपेट में ले रहा है. इस बीमारी में बच्चों के मुंह में घाव हो रहे हैं, जिससे उनके मुंह के अंदर सूजन हो रही है. इसे कैंकर सोर (Canker Sore) भी कहते हैं.

बच्चों में स्ट्रेस के कारण फैल रहा है अल्सर
बिहार के मुजफ्फरपुर में एसकेएमसीएच और सदर हॉस्पिटल में पिछले 10 दिनों में लगभग 100 बच्चे इस रोग के पीड़ित होकर पहुंचे हैं. एसकेएमसीएच के डेंटल विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर पुष्पांशु ने बताया कि स्ट्रेस अल्सर की परेशानी तनाव के कारण होती है. अभी परीक्षाओं का समय है, इसलिए परीक्षा देने वाले बच्चों में ये परेशानी बढ़ गई है.

तनाव मेटाबॉलिज्म को गड़बड़ करता है
वहीं, सदर हॉस्पिटल के डेंटल विभाग के डॉक्टर जयंत ने बताया कि परीक्षा के तनाव से शरीर का मेटाबॉलिज्म गड़बड़ होता है, जिसकी वजह से मुंह के अंदर घाव होने लगता है. डॉक्टरों ने बताया कि स्ट्रेस अल्सर के ज्यादातर शिकार 15 से 17 साल तक के बच्चे हो रहे हैं. हालांकि ये रोग किसी भी उम्र के लोगों में हो सकता है 

ठीक होने में लगता है एक सप्ताह का समय
डाक्टरों के मुताबिक स्ट्रेस अल्सर होने के बाद इसे ठीक होने में एक सप्ताह तक का समय लगता है. इस बीमारी से परेशान होने की आवश्यकता नहीं है. दवा लेने के बाद ये बीमारी पूरी तरह ठीक हो जाती है. डॉक्टरों की सलाह है कि विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान तनाव नहीं लेना चाहिए. तनाव दूर करने के लिए योग करना चाहिए और अपनी पसंद की एक्टिविटी में शामिल होना चाहिए.

क्या होता है कैंकर सोर?
कैंकर सोर मुंह के छालों को कहते हैं, ये गैर-संक्रामक होते हैं. वे होठों पर या गालों के अंदर सफेद-लाल सूजन वाले धब्बे के रूप में दिखाई दे सकते हैं. ये छाले ज्यादातर जीभ, मसूड़ों या मुंह के तालु पर निकलते हैं. ये मुंह के छाले बच्चों और बड़ों दोनों को हो सकते है. लेकिन ये ज्यादातर कम उम्र के लोगों में होते हैं. 2020 की समीक्षा के अनुसार, मुंह के छाले शुरुआत की उम्र 10 से 19 वर्ष के बीच होती है.

क्या है इसकी सबसे बड़ी वजह?
बच्चों को एक बार या शायद ही कभी भी मुंह के छाले हो सकते हैं. आमतौर पर बच्चे साल में 3 से 6 बार इसके शिकार होते हैं. वैसे तो इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं है, लेकिन कुछ कारणों से ये बढ़ता जरूर है. जैसे-
पारिवारिक इतिहास
तनाव
संक्रामक रोग जैसे हाथ, पैर और मुंह की बीमारी
फूड एलर्जी
होंठ काटने जैसी चोट
हार्मोनल डिसबैलेंस
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली
विटामिन बी 12 और फोलिक एसिड जैसे कुछ विटामिन और पोषक तत्वों की कमी
अल्सरेटिव कोलाइटिस और एनीमिया जैसी कंडीशन

कैसे करें ठीक?
मुंह के छालों को कई तरह से ठीक किया जा सकता है. जैसे- माउशवॉश से, ट्राइक्लोसन और क्लोरहेक्सिडिन युक्त माउशवॉश घाव के पास कीटाणुओं के विकास को रोकने और क्षेत्र में सूजन को कम करने में मदद करते हैं. इसके अलावा इसके लिए जेल और क्रीम भी आती है. साथ ही एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) जैसी ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवाएं दर्द रोकने में मदद करती है. जिन मामलों में ये तेजी से बढ़ रहे हैं, उन्हें दवा लेकर रोका जा सकता है. 


 

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