बुखार सर्दी के बारे में हमें पहले से आभास हो जाता है लेकिन सोचिए, अगर इसी तरह बड़ी बीमारियों के बारे में पहले से पता लगाया जा सके तो यह कितने मरीजों की जान बचा सकता है. बाल्टीमोर के होपकिन्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ने दिल का दौरा (Heart Attack) को लेकर कुछ ऐसा ही शोध किया है . शोधकर्ता के अनुसार आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से यह पहले ही पता लगाया जा सकता है कि मरीज को दिल का दौरा (Heart Attack) कब पड़ेगा या दिल का दौरा से मरीज की मौत कब हो सकती है.
दिल का दौरा पड़ने पर क्या होता है
दिल का दौरा पर दिल धड़कना बंद कर देता है जिससे मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. अगर समय रहते इलाज नहीं किया जाए तो मरीज की मौत भी हो सकती है.
20 प्रतिशत मौत दिल का दौरा पड़ने से होती है
जर्नल नेचर कार्डियोवेसकुलर रिसर्च (Nature Cardiovascular Research) में छपे शोध के अनुसार दुनिया भर में हो रही मौतों में 20 प्रतिशत मौत अचानक ह्रदय गति के रुकने से होती है. जिसके बारे में पहले से पता नहीं होता. बहुत से ऐसे मरीज हैं जिन्हें अधिक खतरा है लेकिन जानकारी के अभाव में समय पर उन्हें ईलाज नहीं मिलता जिससे उनकी मृत्यु की संभावना बन जाती है. अगर पहले से डॉक्टर को यह मालूम हो जाए तो समय रहते ईलाज किया जा सकता है और मरीज की जान बचाई जा सकती है.