Medical College and Hospital: मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लिए ग्रामीणों ने दान में दी करोड़ों की जमीन

Medical College and Hospital in Bihar: सुपौल जिला मुख्यालय से 22 किमी की दूरी जिले के मध्य भाग स्थित पिपरा प्रखंड के देवीपट्टी गांव के 250 किसानों ने करोड़ों की 29 एकड़ जमीन मेडिकल कॉलेज को दान में दी है.

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gnttv.com
  • सुपौल,
  • 12 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:47 PM IST
  • 29 एकड़ जमीन दी दान में 
  • ग्रामीणों ने लिया एकमत से निर्णय

बिहार में एम्स निर्माण को लेकर सालों से मारामारी चल रही है. लेकिन अब सुपौल में एक अनोखी पहल सामने आई है. मेडिकल कॉलेज निर्माण  के लिए सैकड़ों ग्रामीणों ने करोड़ों की जमीन सरकार को दान में दे दी है. आज के जमाने में जहां जमीन के छोटे से टुकड़े के लिए लोग रिश्तों का कत्ल करने से भी बाज नही आते हैं ऐसे में किसी का जमीन दान कर देना बड़ी बात है. 

सुपौल के सैकड़ों ग्रामीणों ने जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा को लेकर मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए सरकार को करोड़ों की जमीन दान में दे दी और अब  ग्रामीणों का मेडिकल कॉलेज निर्माण का सपना साकार होने जा रहा है. 

29 एकड़ जमीन दी दान में 
यह पूरा मामला सुपौल जिले के पिपरा प्रखंड अंतर्गत दीनापट्टी पंचायत के देवीपट्टी गांव का  है. यहां 250 ग्रामीणों ने मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए अपनी 29 एकड़ जमीन बिहार के राज्यपाल के नाम रजिस्ट्री कर दान में दी है. ग्रामीणों की दरियादिली देख सरकार को भी मेडिकल कॉलेज निर्माण को कैबिनेट में स्वीकृति देनी पड़ी. अब बिहार के 15वें सरकारी मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य प्रोजेक्ट रोडमैप का बोर्ड लगा कर गार्ड एवं प्रोजेक्ट मैनेजर की तैनाती कर दी गई है. इस मेडिकल कॉलेज का नाम डॉ लोहिया मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सुपौल रखा गया है. 

ग्रामीणों ने लिया एकमत से निर्णय
ग्रामीण धनपत चौधरी और मणिभूषण चौधरी ने बताया कि गांव सहित जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का काफी अभाव है. स्वास्थ्य सुविधा के लिहाज से क्षेत्र काफी पिछ़ड़ा है. जब लोगों को पता चला कि सरकार को मेडिकल कॉलेज निर्माण कराने के लिए जमीन की जरूरत है तो गांव के लोगों ने बैठक कर निर्णय लिया कि सभी ग्रामीण मुफ्त में इसके लिए अपनी जमीन दान देंगे और सरकार को जितनी जमीन की आवश्कता है उतनी जमीन देने का निर्णय लिया गया. मेडिकल कॉलेज निर्माण जगह पर जिस ग्रामीण का जितना जमीन पड़ा सभी ग्रामीणों ने राज्यपाल के नाम अपनी अपनी जमीन रजिस्ट्री कर दान में दे दी.

ग्रामीण दुर्गा चौधरी ने बताया कि यहां मेडिकल कॉलेज बनने के बाद लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी. पहले इलाज के लिए नेपाल, पटना या दरभंगा जाना पड़ता था. लेकिन अब गांव में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा सहित मेडिकल की पढ़ाई के लिए भी यहां के बच्चों को भटकना नही पड़ेगा. मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद यहां दूर-दूर से लोग ड्युटी करने आएंगे. दूर-दूर से लोग इलाज कराने आएंगे. जिससे रोजगार के नए अवसर मिलेंगे. 

700 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा मेडिकल कॉलेज
सुपौल जिलाधिकारी कौशल कुमार ने कहा कि मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए मानक के अनुरूप जमीन की आवश्यकता थी, जिसके लिए 250 ग्रामीणों ने 29 एकड़ जमीन जमीन दी है. यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. मेडिकल कॉलेज का टेंडर भी फाइनल हो गया है और संवेदक भी अलॉट हो गया है. करीब 700 करोड़ रूपए की लागत से मेडिकल कॉलेज बनेगा.

(रामचंद्र मेहता की रिपोर्ट)

 

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