सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस से सुरक्षा प्रदान करने वाली कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ा आदेश जारी कर दिया है. कोर्ट का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को वैक्सीन लगवाने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. क्योंकि अपने शरीर पर अधिकार होना अनुच्छेद 21 का हिस्सा है. हालांकि, राज्य सरकारें लोगों के हित में कुछ प्रतिबंध लगा सकती हैं.
जस्टिस एल नागेश्वर राव और बी आर गवई की पीठ ने अनिवार्य कोरोना वैक्सीन जनादेश को असंवैधानिक चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाया. उन्होंने कहा 'हम रिट याचिका की स्थिरता के लिए किसी भी चुनौती का मनोरंजन करने के इच्छुक नहीं हैं. कोर्ट के पास विचाराधीन नीति की जांच करने की शक्ति है'.
कोरोना प्रतिबंधों का पालन करने के आदेश
सरकार की वर्तमान वैक्सीन नीति को अदालत ने "अनुचित" नहीं पाया है. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि "भविष्य में महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सरकार को कोई कदम उठाने से नहीं रोकेगा जाएगा. साथ ही लोगों से कोरोना के खिलाफ लगे प्रतिबंधों का पालन करने की अपील की गई.
बच्चों के लिए टीकों का जिक्र करते हुए, अदालत ने "18 साल से कम उम्र के लोगों को टीका लगाने की नीति को मंजूरी दी, लेकिन केंद्र को सभी क्लीनिकल ट्रायल, प्रमुख निष्कर्षों और टीकों के परिणामों" को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया, जिन्हें पहले ही मंजूरी दे दी गई है.
देश में कितने लोगों को लगी वैक्सीन
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 189 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है, क्योंकि भारत कवरेज का विस्तार कर रहा है. जबकि पिछले महीने सभी वयस्कों के लिए बूस्टर खुराक की अनुमति दी गई थी, सरकार ने 5 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए भी टीकों को मंजूरी दे दी है.
देश में कोरोना की ताजा स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3,157 नए मामले सामने आए हैं. हालांकि, यह शनिवार की तुलना में 5.0 प्रतिशत कम हैं. इससे पहले शनिवार को 3,324 केस सामने आए थे. भारत में एक्टिव केस बढ़कर 19500 हो गए हैं.
(Report: Kanu Sarda)
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