Surat's Superba: सूरत की सुपरबा! 96 साल की उम्र में कंचनबेन पटेल ने दी कैंसर को मात, ट्यूमर हटाने के लिए डॉक्टरों ने किया ऑपरेशन    

कंचनबेन के तीन बेटे और दो बेटियां हैं और उनकी सबसे बड़ी बेटी अब 75 साल की है. सिर्फ 37 किलोग्राम वजन वाली कंचनबेन पटेल आज कैसर को मात देकर स्वस्थ हैं. उनका इलाज अंकलेश्वर के जयबेन मोदी अस्पताल में चला.

Old Lady
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2023,
  • अपडेटेड 12:33 PM IST
  • बहुत बहादुर हैं कंचनबेन 
  • शुरुआत में डॉक्टर थे संशय में 

मन में ठीक होने का दृढ़ निश्चय हो तो बड़ी से बड़ी बीमारी को मात दी जा सकती है. इसी को सच कर दिखाया है 96 साल की कंचनबेन पटेल ने. जिन्होंने न केवल ब्रैस्ट कैंसर का डटकर सामना किया बल्कि हाई थायराइड के साथ डब्ल्यूबीसी लेवल को भी मात दी. सिर्फ 37 किलोग्राम वजन वाली कंचनबेन पटेल आज स्वस्थ हैं. उनका इलाज अंकलेश्वर के जयबेन मोदी अस्पताल में चला.

शुरुआत में डॉक्टर थे संशय में 

हालांकि, अंकलेश्वर के जयबेन मोदी अस्पताल के डॉक्टरों ने शुरुआत में परिणाम को लेकर काफी संशय में रहते हुए, उसके ब्रेस्ट से ट्यूमर को हटाने के लिए 'सुपरबा' का ऑपरेशन किया. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सीनियर ओंकोसर्जन दिव्येश पाठक कहते हैं, “यह हमारे लिए एक दुर्लभ मामला था क्योंकि इतनी बड़ी उम्र में ब्रेस्ट कैंसर शायद ही कभी देखा गया हो. रोगी के साहस और उनके परिवार के दृढ़ संकल्प को देखते हुए, हमने चुनौती ली और उनका सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया.”

बहुत क्रिटिकल था केस 

डॉक्टर दिव्येश पाठक के अनुसार, ये केस काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि पेटेंट में 5 एमएलयू/एमएल से कम के नॉर्मल वैल्यू के मुकाबले 50 एमएलयू/एमएल से ज्यादा थायराइड था. उनकी वाइट ब्लड सेल्स (WBC) की गिनती 10,000 थी, जबकि नॉर्मल वैल्यू 80,000 से 90,000 के बीच होनी चाहिए. डॉक्टर कहते हैं, “हमने मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट और चिकित्सक की मदद से ये केस केरी किया. सफल सर्जरी के बाद, वह तीन से चार दिनों में अपने रूटीन में वापस आ गई थीं.”

तीन बेटे और दो बेटियां हैं 

कंचनबेन के तीन बेटे और दो बेटियां हैं और उनकी सबसे बड़ी बेटी अब 75 साल की है. वह अपने 73 साल के बेटे कनुभाई पटेल के साथ रहती हैं. सेवानिवृत्त शिक्षक कनुभाई ने कहा, “हम अपनी मां को किसी भी कीमत पर ठीक करना चाहते थे। मेरी मां की देखभाल के लिए परिवार में 35 सदस्य हैं। हम सौभाग्यशाली थे कि हमें ट्यूमर का जल्द पता चल गया क्योंकि उनके स्तन के पास एक सूजन जैसा हो गया था. वह एक बहादुर महिला हैं और आसानी से सर्जरी के लिए तैयार हो गई थीं.

बहुत बहादुर हैं कंचनबेन 

रिपोर्ट के मुताबिक, आगे कंचनबेन के बेटे बताते हैं कि जब उन्होंने कंचनबेन को बताया कि यह कैंसर है, तो उन्होंने कहा कि चिंता न करें क्योंकि ईश्वर सब कुछ ठीक करने में मदद करेगा. उनकी सर्जरी के कुछ दिनों के भीतर, वह 'भागवत सप्ताह' के लिए सात दिनों के लिए हमारे साथ द्वारका आ गई थी. अपने पूरे जीवन में वे काफी स्वस्थ रही हैं, उन्होंने कभी गोलियां नहीं ली. 

 

Read more!

RECOMMENDED