Organ Transplant का इंतजार कर रहे मरीजों के लिए राहत की खबर, सगे-संबंधियों के अलावा अब बाहर के लोग भी कर पाएंगे अंगदान

वर्तमान में, ज्यादातर अंगदान फैमिली के अंदर ही होते हैं, अगर परिवार का सदस्य अंगदान करने में अक्षम हो या उपलब्ध न हो, तब कोई दोस्त या जानने वाला अपनी इच्छा से अंगदान कर सकता है.

Organ Donation (Photo-Unsplash)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2024,
  • अपडेटेड 6:58 PM IST
  • करीबी लोग ही कर सकते हैं ऑर्गन डोनेशन
  • हार्ट ट्रांसप्लांट की दर बेहद कम

ऑर्गन ट्रांसप्लांट (Organ Transplant) का इंतजार कर रहे लोगों के लिए ये खबर राहत भरी हो सकती है. क्योंकि जरूरतमंदों को अब लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. मिंट की खबर के अनुसार केंद्र सरकार दो परिवारों के बीच ऑर्गन एक्सचेंज (Organ Exchange) की योजना पर काम कर रही है.

करीबी लोग ही कर सकते हैं ऑर्गन डोनेशन
वर्तमान में, ज्यादातर अंगदान (Organ Donation) फैमिली के अंदर ही होते हैं, अगर परिवार का सदस्य अंगदान करने में अक्षम हो या उपलब्ध न हो, तब कोई दोस्त या जानने वाला अपनी इच्छा से अंगदान कर सकता है. माता, पिता, पुत्र, पुत्री, भाई, बहन और जीवनसाथी जैसे करीबी रिश्तेदारों के बीच अदला-बदली की कानून में पहले से ही अनुमति है. पिछले साल ही लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने पिता को किडनी दान की थी. 

एक परिवार-दूसरे परिवार के साथ ऑर्गन डोनर एक्सचेंज कर पाएंगे
हालांकि जब दो ब्लड ग्रुप (Blood Group) मेल नहीं खाते हैं तो मरीज को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है. लेकिन अब अगर मैच उपलब्ध हो तो एक परिवार-दूसरे परिवार के साथ ऑर्गन डोनर एक्सचेंज कर सकती है. इस योजना में हेल्थ इंश्योरेंस कवर देने की प्लानिंग भी है. बता दें, ट्रांसप्लांट के लिए भारत में दो ऑप्शन दिए गए हैं. पहला जीवित संबधित डोनर और दूसरा वो डोनर जिसकी मृत्यु हो चुकी हो या ब्रेन डेड हो. 

नजदीकी रिश्तेदार प्रथम श्रेणी के परिवार के सदस्य होते हैं जिन्हें कानून के अनुसार अंगदान के लिए मंजूरी दी जाती है. नजदीकी रिश्तेदारों जैसे दोस्तों या किसी दूसरे परिवार को ऑर्गन डोनेशन के लिए कानून में फिलहाल अनुमति नहीं है. इसकी जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है.

हार्ट ट्रांसप्लांट की दर बेहद कम
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 200,000 की आवश्यकता के मुकाबले केवल 6,000 किडनी ट्रांसप्लांट हो पाते हैं. हार्ट ट्रांसप्लांट की दर और भी खराब है, हर साल लगभग 10 से 15 ट्रांसप्लांट ही होते हैं, जबकि 50,000 लोग हार्ट फेलियर से मर जाते हैं. इसी तरह सालाना 2 लाख भारतीय लीवर फेलियर या लीवर कैंसर से अपनी जान गंवा देते हैं.

 

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