बहुत से लोगों को टैटू (Tattoos) बनवाने का शौक होता है. लोग कूल और ज्यादा स्टाइलिश दिखने के लिए टैटू बनवाते हैं. अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो अपने शरीर पर अक्सर टैटू बनवाते रहते हैं तो आपको लुंड यूनिवर्सिटी की ये रिसर्च जरूर पढ़नी चाहिए. eClinicalMedicine में पब्लिश रिसर्च में टैटू और लिंफोमा (एक तरह का ब्लड कैंसर) के बीच संबंध की जांच की गई.
कैसे की गई रिसर्च
स्वीडन के शोधकर्ताओं ने टैटू और लिंफोमा के बीच संबंध की जांच के लिए केस-कंट्रोल अध्ययन किया. उन्होंने 2007 और 2017 के बीच लिंफोमा से पीड़ित लोगों के डेटा की जांच की. शोधकर्ताओं ने फिर इस ग्रुप की तुलना उनसे की जिन्हें लिंफोमा नहीं था. रिसर्च में पाया गया कि टैटू वाले लोगों में टैटू ना बनवाने वाले लोगों की तुलना में लिंफोमा होने का जोखिम ज्यादा था. यह बढ़ा हुआ जोखिम उन व्यक्तियों में सबसे ज्यादा था जिन्होंने पिछले दो सालों के अंदर अपना पहला टैटू बनवाया था.
दिलचस्प बात यह है कि तीन से दस साल पहले टैटू बनवाने वालों के लिए जोखिम कुछ हद तक कम हो गया. और फिर 11 साल पहले टैटू बनवाने वाले लोगों के लिए जोखिम थोड़ा बढ़ गया था. हालांकि इन निष्कर्षों की पुष्टि करने और उनके पीछे के कारणों को समझने के लिए और अधिक शोध की जरूरत है.
टैटू बनवाते हुए ध्यान रखें ये बातें
टैटू बनाने वालों को इस काम के लिए लाइसेंस मिला हो.
जब भी आप टैटू कराने जाएं तो ध्यान दें आर्टिस्ट सही ग्लव्ज, सुई जैसी दूसरी चीजों का इस्तेमाल कर रहा है या नहीं.
टैटू हमेशा टैटू एक्सपर्ट से ही बनवाएं.
टैटू वाली स्किन को धूप से बचा कर रखें. इसकी वजह यह है कि सूरज की तेज किरणों का असर स्किन पर तेजी से होता है, जिससे इसे नुकसान पहुंच सकता है.
टैटू पर खुरदुरे या टाइट कपड़े पहनने से बचें.
क्या होता है लिंफोमा
लिम्फोमा (Lymphoma) एक ऐसा कैंसर होता है जो सबसे पहले इम्यून सिस्टम के लिम्फोसाइट सेल्स में फैलता है. ये सेल्स यानी कोशिकाएं इंफेक्शन से लड़ती हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती हैं. ये कोशिकाएं लिम्फ नोड्स, बोन मैरो, स्प्लीन और थायमस में मौजूद होती हैं. लिम्फोमा कैंसर शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित करता है. इसमें लिम्फोसाइट्स पूरी तरह बदल जाते हैं और वे तेजी से बढ़ने लगते हैं.
लिंफोमा के लक्षण
आर्मपिट्स या कमर में मौजूद सूजी हुई लिम्फ नोड
एब्डोमिनल में दर्द या सूजन
सीने में दर्द
कफ
सांस लेने में परेशानी
थकान होना
बुखार
सोते समय पसीना आना
बिना किसी कारण के वजन कम होना