चाय और कॉफी से कम होता है स्ट्रोक और डिमेंशिया का खतरा: स्टडी, दिन में कितना कप पीना फायदेमंद, जानिए..

रिसर्च से पता चलता है कि केवल चाय-कॉफी या चाय के साथ कॉफी पीने से भी स्ट्रोक के बाद होने वाले डिमेंशिया का खतरा कम होता है. हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि इन नतीजों से अभी पूरी तरह किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता.

चाय-कॉफी से कम हो सकता है स्ट्रोक और डिमेंशिया का खतरा
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 17 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:04 PM IST
  • चाय-कॉफी से कम हो सकता है स्ट्रोक और डिमेंशिया का खतरा.
  • 2050 तक दुनियाभर में 130 मिलियन लोगों को डिमेंशिया होने की संभावना.

चाय,कॉफी पीने से डिमेंशिया और हार्ट अटैक का खतरा कम हो  सकता है. जी हां, ये हम नहीं एक स्टडी बता रही है. इस अध्ययन के अनुसार, कॉफी या चाय पीने से स्ट्रोक (Stroke) और डिमेंशिया (Dementia) का खतरा कम हो सकता है. रिसर्च में 50 से 74 वर्ष की उम्र के 3,65,000 लोगों की एक दशक से ज्यादा समय तक निगरानी की गई. यूके बायोबैंक के इस अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों ने शुरुआत में बताया कि उन्होंने कितनी कॉफी और चाय पी. रिसर्च के दौरान, उनमें से 5,079 लोगों को भूलने की बीमारी हुई और 10,053 लोगों को कम से कम एक बार हार्ट अटैक आया. 

आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर में हर साल होने वाली 10 प्रतिशत मौतों का कारण स्ट्रोक है, जबकि 2050 तक दुनियाभर में 130 मिलियन लोगों को डिमेंशिया होने की संभावना है. 

दो से तीन कप कॉफी या तीन से पांच कप चाय पीने पर खतरा कम 

इस दौरान रिसर्चस ने पाया कि जो लोग एक दिन में दो से तीन कप कॉफी या तीन से पांच कप चाय पीते हैं उनमें स्ट्रोक या डिमेंशिया का खतरा कम होता है. वैसे ही रोजाना चार से छह कप चाय-कॉफी पीने वालों में भी इन दोनों बीमारियों का कम खतरा होता है. रिसर्च के दौरान सामने आया कि रोजाना दो से तीन कप कॉफी और दो से तीन कप चाय पीने वालों में स्ट्रोक का खतरा 32 फीसदी कम था. चाय या कॉफी न पीने वालों की तुलना में इन लोगों में डिमेंशिया का खतरा 28 प्रतिशत तक कम रहा. 

अभी कोई ठोस निष्कर्ष नहीं

युआन झांग और चीन के तियानजिन मेडिकल यूनिवर्सिटी के सहयोगियों द्वारा किए गए रिसर्च से पता चलता है कि केवल चाय-कॉफी या चाय के साथ कॉफी पीने से भी स्ट्रोक के बाद होने वाले डिमेंशिया का खतरा कम होता है. हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि यूके बायोबैंक के नतीजों को जनरलाइज नहीं किया जा सकता. हालांकि हो सकता है कि कॉफी और चाय स्ट्रोक, डिमेंशिया और पोस्ट स्ट्रोक डिमेंशिया के खिलाफ सुरक्षा दे सकते हैं. फिलहाल शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे पूरी तरह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है. 

वैज्ञानिकों का कहना है कि चाय-कॉफी और स्ट्रोक और डिमेंशिया के बीच संबंधों को पूरी तरह से समझने के लिए अभी इस दिशा में और काम करने की जरूरत है.ओपन यूनिवर्सिटी में एप्लाइड स्टैटिस्टिक्स के प्रोफेसर केविन मैककॉनवे का इस बारे में कहना है  कि इससे पता चलता है कि चाय और कॉफी का स्ट्रोक और डिमेंशिया से संबंध सभी लोगों में एक जैसा नहीं था. इसके बजाय, आम तौर पर यह सामने आया कि जो लोग बिल्कुल चाय-कॉफी नहीं पीते थे उन लोगों की तुलना में उनमें स्ट्रोक या डिमेंशिया का खतरा कम था जो कॉफी या चाय निश्चित मात्रा में पीते थे. 

एक निश्चित स्तर के बाद बढ़ने लगता है खतरा

एक निश्चित स्तर तक चाय-कॉफी पीने के बाद ये खतरा बढ़ने लगा. दिन में सात-आठ कप कॉफी पीने वालों में स्ट्रोक का जोखिम उन लोगों की तुलना में अधिक था, जो कॉफी नहीं पीते थे. ज्यादा कॉफी पीने वालों मे ये खतरा उन लोगों की तुलना में और बढ़ गया जो दिन में दो या तीन कप पीते थे. 

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