Exercise timing and blood sugar control link: एक्सरसाइज टाइमिंग और ब्लड शुगर कंट्रोल में क्या है संबंध, स्टडी में हुआ खुलासा

बाथ विश्वविद्यालय की स्टडी टीम ने पाया कि जिन व्यक्तियों ने रात भर उपवास किया था वे व्यायाम के दौरान ज्यादा फैट का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि उनका इंसुलिन स्तर कम होता है.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 25 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST
  • छह सप्ताह तक 30 पुरुषों पर हुई स्टडी
  • स्टडी के रिजल्ट्स में सामने आया टाइमिंग का लिंक

बेहतर स्वास्थ्य की चाह में हम अक्सर एक्सरसाइज और संतुलित आहार के महत्व पर ध्यान केंद्रित करते हैं. लेकिन, क्या होगा अगर इन दो जरूरी एलीमेंट्स की टाइमिंग हमारी जनरल हेल्थ में बड़ा बदलाव लाए तो? 

यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ के रिसर्चर्स को हाल ही में एक्सरसाइज के समय और ब्लड शुगर कंट्रोल के बीच एक लिंक मिला है. उनके छह सप्ताह के अध्ययन से पता चलता है कि नाश्ते से पहले एक्सरसाइज करने से दोगुना फैट बर्न हो सकता है, जिससे लोगों को कई तरीकों से फायदा होता है, जिसमें ब्लड शुगर के लेवल में सुधार और डायबिटीज और हृदय रोग का खतरा कम होता है.

छह सप्ताह तक 30 पुरुषों पर हुई स्टडी
जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में पब्लिश इस स्टडी में मोटे या अधिक वजन वाले 30 पुरुषों को शामिल किया गया. अध्ययन में दो ग्रुप्स के रिजल्ट्स की तुलना की गई, जिसमें एक समूह में वे लोग शामिल थे जिन्होंने व्यायाम से पहले/बाद में नाश्ता किया और एक समूह में वे लोग शामिल थे जिन्होंने अपनी जीवनशैली में कोई बदलाव नहीं किया था. छह सप्ताह के परीक्षण में, वैज्ञानिकों ने पाया कि नाश्ते से पहले व्यायाम करने वाले लोगों की मांसपेशियां समान ट्रेनिंग सेशन और फूड इनटेक के बावजूद, नाश्ते के बाद व्यायाम करने वाले समूह की तुलना में इंसुलिन के प्रति ज्यादा रिस्पॉन्सिव थीं. 

स्टडी ग्रुप ने पाया कि जिन लोगों ने रात भर फास्ट किया था वे एक्सरसाइज के दौरान ज्यादा फैट का उपयोग इस्तेमाल कर सकते थे क्योंकि उनका इंसुलिन लेवल कम था.  इससे वे अपने फैट टिश्यूज और मसल्स से ज्यादा फैट को फ्यूल की तरह इस्तेमाल कर रहे थे. परिणामस्वरूप, उनके शरीर ने इंसुलिन के प्रति बेहतर प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिससे ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल में रहा और इससे डायबिटीज और हार्ट डीजीज का खतरा कम हो सकता है. नाश्ते से पहले व्यायाम करने वालों की मसल्स में जरूरी प्रोटीन्स में बढ़ोतरी देखी गई, विशेष रूप से वे जो ब्लडस्ट्रीम से मांसपेशियों तक ग्लूकोज पहुंचाने में शामिल होते हैं.

स्टडी के रिजल्ट्स में सामने आया यह लिंक
बाथ विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य विभाग के प्रोफेसर जेवियर गोंजालेज ने एक बयान में बताया, "हमारे नतीजे बताते हैं कि जब आप व्यायाम करते हैं तो उसके खाने के समय को बदलने से आपके समग्र स्वास्थ्य में गहरा और सकारात्मक बदलाव आ सकता है."

हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि खाली पेट कोई लंबी दूरी की दौड़ (जैसे आधी या पूरी मैराथन) के लिए नहीं जा सकता है और खाली पेट तेज गति से दौड़ना मुश्किल होगा, लेकिन खाली पेट (नाश्ते से पहले) दौड़ने के कुछ अन्य फायदे हैं. सुबह दौड़ना सुविधाजनक होता है, क्योंकि उसके लिए समय होता है. नाश्ते के तुरंत बाद कोई दौड़ने नहीं जा सकता, क्योंकि भोजन को पचाने के लिए कुछ घंटों तक इंतजार करना होगा (तब तक काम पर निकलने का समय हो जाएगा). जो लोग सुबह नाश्ते से पहले दौड़ते हैं, वे अगले 24 घंटों के दौरान कम कैलोरी का उपभोग करते हैं और इससे वजन घटाने में भी मदद मिल सकती है. 

अच्छे स्वास्थ्य के लिए ट्राई करें ये टिप्स 

1. खाली पेट वर्कआउट ट्राई करें 
अपने वीकली वर्कआउट रूटीन में खाली पेट वर्कआउट करने पर विचार करें. हालाकि, आप एकदम से ये शुरू न कर दें बल्कि धीरे-धीरे शुरुआत करें. खासकर अगर आप खाली पेट व्यायाम करने के आदी नहीं हैं. हल्की से मध्यम गतिविधियां जैसे वॉक करना और योग आदि से शुरुआत करें. 

2. पर्याप्त पानी पियें
खाली पेट वर्कआउट करने से पहले, अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है. जागने पर एक गिलास पानी पीने से आपके मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद मिलती है और आपका शरीर शारीरिक गतिविधि के लिए तैयार होता है.

3. सोच समझकर खाओ
चाहे आप एक्सरसाइज कर रहे हैं लेकिन सोच-समझकर खाना जरूरी है. खाने के पोर्शन के प्रति सचेत रहें, धीरे-धीरे खाएं और हर एक टुकड़े का स्वाद ले. भोजन करते समय स्क्रीन देखने से बचें, क्योंकि यह ज्यादा खाने का कारण बन सकता है.

4. निरंतरता बनाए रखें
चाहे आप नाश्ते से पहले व्यायाम करना चाहें या नाश्ते के कुछ समय बाद, एक रेगुलर गतिविधि बनाए रखने का प्रयास करें. शारीरिक गतिविधि के लिए अलग समय निर्धारित करें, और जैसे-जैसे आपके फिटनेस स्तर में सुधार होता है, धीरे-धीरे अपने वर्कआउट के समय को बढ़ाएं.

इस तरह के सरल लाइफस्टाइल के बदलावों को अपनाकर, आप अपने ब्लड शुगर के स्तर को अनुकूलित कर सकते हैं, डायबिटीज और दिल के रोगों के जोखिम को कम कर सकते हैं, और अपने स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते हैं. 

 

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