Cortisol Hormone: दिन भर रहता है स्ट्रेस? ये हॉर्मोन है आपके तनाव की वजह, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय 

कई लोग गंभीर तनाव की स्थिति से भी जूझ रहे होते हैं, इसके पीछे की वजह शरीर में कोर्टिसोल लेवल का बढ़ना होता है. इस हॉर्मोन को कंट्रोल किया जा सकता है. आप अपने स्ट्रेस को मैनेज करके, और अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर कोर्टिसोल को कम कर सकते हैं.

Stress Hormone Management
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 1:13 PM IST
  • हॉर्मोन है आपके तनाव की वजह
  • कर सकते हैं इसे कंट्रोल

जब हम अलग-अलग चीजें अनुभव करते हैं तब हमारा शरीर उसी से जुड़े हॉर्मोन्स पैदा करता है. ठीक ऐसे ही हमें जब तनाव होता है तब शरीर अक्सर इसके रिस्पांस में स्वाभाविक रूप से कोर्टिसोल हार्मोन (Cortisol Hormone) पैदा करता है. कई लोग क्रोनिक स्ट्रेस से भी जूझ रहे होते हैं, इसके पीछे की वजह शरीर में कोर्टिसोल लेवल का बढ़ना होता है. हालांकि, इस हॉर्मोन को कंट्रोल किया जा सकता है. आप अपने स्ट्रेस को मैनेज करके, और अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर कोर्टिसोल को कम कर सकते हैं. 

शरीर में कोर्टिसोल की भूमिका

कोर्टिसोल का उत्पादन एड्रेनल ग्लैंड करता है, ये ग्लैंड गुर्दे यानि किडनी के ऊपर स्थित होते हैं. ये कई चीजों में शामिल होते हैं- 

1. स्ट्रेस रिस्पांस: स्ट्रेस के रिस्पांस में कोर्टिसोल पैदा होता है, चाहे वह शारीरिक, भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक हो. यह स्ट्रेस से लड़ने में मदद करता है. इसके स्ट्रेस को कम करने के लिए ये हॉर्मोन ब्लड शुगर के लेवेल को बढ़ाकर, इम्यून सिस्टम को दबाकर और शरीर को तनाव से निपटने में मदद करता है.

2. मेटाबॉलिज्म रेगुलेशन: कोर्टिसोल ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म, प्रोटीन ब्रेक और फैट स्टोरेज को प्रभावित करके मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह पूरे दिन हमारी एनर्जी के लेवल को स्थिर बनाए रखने में भी मदद करता है.      

3. सूजन में कमी: कोर्टिसोल में सूजन-रोधी गुण होते हैं और यह शरीर के इम्यून रिस्पांस को मैनेज करने में मदद करता है. इतना ही नहीं बल्कि ये यह सूजन को कम कर सकता है. 

4. ब्लड प्रेशर रेगुलेशन: कोर्टिसोल एड्रेनालाईन (एपिनेफ्रीन) जैसे दूसरे हार्मोनों के प्रति Blood Vessels की संवेदनशीलता को बढ़ाकर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है. जरूरत पड़ने पर ये ब्लड प्रेशर को बढ़ा भी सकता है. 

कैसे पहचानें कंट्रोल में नई है कोर्टिसोल?

हालांकि, कोर्टिसोल लेवल कई बार असंतुलन हो सकता है. लेकिन आप इसके बारे में पता कर सकते हैं. इसके कई लक्षण हैं-

1. थकान: कोर्टिसोल का लेवल पर अगर ज्यादा बढ़ या कम हो गया है तो इसकी वजह से थकान, कमजोरी और आपकी ऊर्जा में कमी हो सकती है.

2. वजन बढ़ना या घटना: कोर्टिसोल असंतुलित हो गया है इसका पता आप अपने वजन को देखकर भी लगा सकते हैं. अगर आपकी भूख में बदलाव हो रहा है तो ये भी इसके बढ़ने या घटने का लक्षण है. इसमें आपका वजन बढ़ सकता है. विशेष रूप से पेट के आसपास फैट जमा हो सकता है. 

3. नींद में गड़बड़ी: कोर्टिसोल के लेवल में पूरे दिन स्वाभाविक रूप से उतार-चढ़ाव होता रहता है, सुबह में ये लेवल बढ़ जाता है और रात में ये कम हो जाता है. इस असंतुलन से आपकी नींद में खलल पड़ सकता है. 

4. मूड में बदलाव: कोर्टिसोल मूड और भावनाओं को कंट्रोल करने में बड़ी भूमिका निभाता है. अगर ये गड़बड़ होता है तो चिंता, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन या मूड स्विंग्स के लक्षण महसूस हो सकते हैं. 

5. पाचन संबंधी समस्याएं: हाई कोर्टिसोल लेवल आपके पाचन को खराब कर सकता है. अपच या भूख बढ़ने जैसे लक्षण भी इसमें दिख सकते हैं. इसके विपरीत, कम कोर्टिसोल लेवल हो तो उल्टी या दस्त का कारण बन सकता है.

कैसे करें कोर्टिसोल के लेवल को कंट्रोल?

कोर्टिसोल के लेवल को कंट्रोल करने के लिए आप अलग-अलग उपाय कर सकते हैं- 

1. स्ट्रेस मैनेजमेंट: कोर्टिसोल के लेवल को कम करने के लिए आप स्ट्रेस मैनेजमेंट कर सकते हैं. इसके लिए माइंडफुलनेस मेडिटेशन, गहरी सांस लेने जैसे व्यायाम, योग या नियमित शारीरिक गतिविधि कर सकते हैं. 

2. स्वस्थ जीवनशैली: इसके लिए जरूरी ये भी है कि आप अपनी लाइफस्टाइल को बेहतर बनाएं. अपनी डाइट में फल, सब्जियां और कम फैट वाला भोजन शामिल करें. प्रोसेस्ड फूड, कैफीन और अल्कोहल का सेवन सीमित करें.

3. पर्याप्त नींद: अच्छी नींद लें. लगातार नींद का शेड्यूल बनाए रखें, सोने से पहले फोन न चलाएं इससे नींद में परेशानी हो सकती है. 

4. नियमित व्यायाम: कोर्टिसोल के लेवल को कंट्रोल करने और स्वास्थ्य में सुधार करने में एरोबिक एक्सरसाइज या योग जैसी नियमित शारीरिक गतिविधि जरूर करें.

5. एक्सपर्ट से सलाह लें: अगर लगातार कोर्टिसोल असंतुलन के लक्षणों का अनुभव हो रहा है, किसी हेल्थकेयर एक्सपर्ट के पास जाएं और उनसे सलाह लें. 

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