क्या है वो रेयर कैंसर Rhabdomyosarcoma, जिससे हुई इंफ्लुएंसर बैला ब्रैडफोर्ड की मौत

टिकटॉकर बेला ब्रैडफोर्ड ने सोशल मीडिया पर अपनी लास्ट पोस्ट शेयर की है. इस पोस्ट में वो खुद की मौत का ऐलान करती दिख रही हैं. इस प्री रिकॉर्डेड वीडियो में बेला खुद के कैंसर पीड़ित होने की बात कह रही हैं.

Bella Bradford
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:11 PM IST
  • बेला ब्रैडफोर्ड का कैंसर से निधन
  • शेयर किया अपना आखिरी वीडियो

टिकटॉकर बेला ब्रैडफोर्ड ने सोशल मीडिया पर अपनी लास्ट पोस्ट शेयर की है. इस पोस्ट में वो खुद की मौत का ऐलान करती दिख रही हैं. इस प्री रिकॉर्डेड वीडियो में बेला खुद के कैंसर पीड़ित होने की बात कह रही हैं. ऑस्ट्रेलियाई इंफ्युएंसर ने मरने से कुछ हफ्ते पहले अपना आखिरी 'गेट रेडी विद मी' वीडियो रिकॉर्ड किया था. वह 24 साल की थी.

बेला ब्रैडफोर्ड के मौत से पहले का वीडियो
बेला ब्रैडफोर्ड का असली नाम इसाबेला ब्रैडफोर्ड था. वह रेबडोमायोसारकोमा नाम के रेयर जॉ कैंसर से जूझ रही थीं. बैला के निधन के दो हफ्ते बाद 31 अक्टूबर को उनके निधन की जानकारी टिकटॉक पर शेयर की गई. उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि आप मेरे सभी वीडियो को देख सकते हैं और खुश होते हैं, अगर आपको कभी भी पिक-मी-अप की जरूरत हो..याद रखें कि आप हर दिन जीते हैं, और आप केवल एक बार मरते हैं, इसलिए हर दिन को महत्व दें. मुझे आशा है कि आप सभी का जीवन सुंदर, अद्भुत होगा."

 

इलाज के बाद भी ठीक नहीं हुआ कैंसर
ब्रैडफोर्ड को 2021 में Rhabdomyosarcoma कैंसर का पता चला था. उन्होंने पिछले एक साल में रेडियोथैरेपी, कीमीथैरेपी, फर्टिलिटी प्रोसीजर और ट्यूमर हटवाने के लिए कई तरह की सर्जरी कराई लेकिन उनका कैंसर ठीक नहीं हो पाया और कैंसर दोबारा लौट आया.

क्या है Rhabdomyosarcoma
Rhabdomyosarcoma एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है जो सॉफ्ट टिशूज में कोशिकाओं के बढ़ने से शुरू होता है. सॉफ्ट टिशूज अंगों और शरीर के दूसरे हिस्से को सपोर्ट देते हैं और जोड़ते हैं. Rhabdomyosarcoma अक्सर मांसपेशियों के टिशूज में शुरू होता है. कई मामलों में यह इलाज से ठीक हो जाता है. हालांकि कुछ मामलों में, रबडोमायोसारकोमा वापस आ सकता है. यह एक अग्रेसिव कैंसर माना जाता है.

Rhabdomyosarcoma के लक्षण
आरएमएस शरीर में लगभग किसी भी सॉफ्ट टिशूज में हो सकता है. इसमें सबसे आम है जेनिटोरिनरी (24%), इसके बाद पैरामेनिन्जियल (16%), एक्सट्रीमिटी (19%), ऑर्बिट (9%), सिर और गर्दन (10%), और शरीर के बाकी हिस्सों में (22%) हैं. अगर किसी को जेनिटोरिनरी ट्यूमर है तो उसे पेशाब करने में परेशानी का अनुभव हो सकता है. इसके अन्य लक्षणों में कान बहना, सिरदर्द और चेहरे में दर्द हैं. Rhabdomyosarcoma की पहचान करना मुश्किल होता है.

 

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