कोरोनावायरस और मंकीपॉक्स के बाद देश में टोमैटो फीवर (Tomato Fever) अपने पैर पसार रहा है. इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी चिंता जताई है. लैंसेट रेस्पिरेटरी जर्नल (Lancet Respiratory Journal) की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल में टमाटर बुखार के 82 मामले सामने आए हैं. वहीं, ओडिशा में 26 बच्चे बीमार हो गए हैं. इन सभी बच्चों की उम्र 9 साल से कम थी.
द लैंसेट रेसपिरेटरी मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है, "दुर्लभ वायरल संक्रमण एनडेमिक स्टेट में है और इसे नॉन लाइफ थ्रिटेनिंग यानी जीवन के लिए खतरा नहीं माना जा रहा. हालांकि, COVID-19 महामारी के भयानक अनुभव के कारण, सतर्क प्रबंधन जरूरी हैं ताकि इसे फैलने से रोका जा सके."
टोमैटो फीवर क्या है?
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, टमाटर बुखार या टमाटर फ्लू को हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (एचएफएमडी) का एक प्रकार माना जाता है. इसे टमाटर का बुखार इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस रोग में रोगी के शरीर पर टमाटर के आकार और रंग के छाले पड़ जाते हैं. यह बुखार एंटरोवायरस (enterovirus) के कारण होता है. हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि टमाटर का बुखार बच्चों में चिकनगुनिया या डेंगू बुखार का परिणाम भी हो सकता है.
क्या हैं लक्षण?
लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक टोमैटो फीवर में शरीर पर छाले निकलते हैं जैसे की लक्षण मंकीपॉक्स में भी देखे गए थे. इसके अलावा कमजोर इम्युनिटी वाले बच्चों में टमाटर बुखार होने का खतरा अधिक होता है. टमाटर बुखार के लक्षणों में तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, थकान, धड़कन बढ़ना, जोड़ों में दर्द, खुजली, उल्टी, डिहाइड्रेशन, दस्त आदि शामिल हैं.
क्या होते हैं टेस्ट?
लैंसेट अध्ययन के अनुसार, बच्चों में एक बार जब ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो डेंगू, चिकनगुनिया, जीका वायरस, वैरीसेला-ज़ोस्टर वायरस और दाद के निदान के लिए मालीक्यूलर और सीरोलॉजिकल परीक्षण किए जाते हैं. जब इन वायरल संक्रमणों की पुष्टि नहीं होती है तो टोमैटो फीवर कंफर्म होता है.
कैसे फैलता है बुखार?
केरल के कोल्लम में 6 मई को टमाटर बुखार फैलने का पहला मामला सामने आया था. तभी से 1 से 5 साल के बच्चों में बुखार के लक्षण देखने को मिले, यानी फिलहाल यह बच्चों में ही ज्यादा फैल रहा है. इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे अस्वच्छ जगहों पर रहना और गंदी चीजों को छूना. बच्चे खिलौने, खाना और कपड़े से लेकर कई चीजें शेयर करते हैं जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है. इसका मतलब यह है कि अन्य वायरल संक्रमणों की तरह यह भी क्लोज कॉन्टेक्ट से फैलता है.