बच्चों में ज्यादा मोटापा भी कर सकता है बाद के लिए परेशानी खड़ा, डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का हो सकते हैं शिकार 

बदलते खानपान और लाइफस्टाइल की वजह से कई बीमारियां घर कर गई हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है. हाल ही में बच्चों पर की गई एक रिसर्च के मुताबिक अगर बच्चे बचपन में मोटापे का शिकार होते हैं तो बाद में जाकर उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसमें डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी बीमारियां शामिल हैं.

Obesity In Children
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 जून 2022,
  • अपडेटेड 5:24 PM IST
  • 2050 हो पहुंच सकते हैं मामले तीन गुना 
  • स्ट्रेटेजी तैयार करने की है जरूरत

मोटापा एक ऐसी बीमारी है जो अगर कंट्रोल में न हो तो बाद में जाकर बड़ी परेशानी खड़ा कर सकती है. नए शोध के अनुसार, जो बच्चे मोटे होते हैं, उनमें दशकों बाद डिमेंशिया होने का खतरा ज्यादा होता है. दरअसल, ये शोध 1,200 से ज्यादा लोगों पर आधारित है. इन लोगों को 30 साल की उम्र तक ट्रैक किया गया. ये शोध तब शुरू किया गया था जब वे स्कूल में थे. 

स्ट्रेटेजी तैयार करने की है जरूरत

मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया में मोनाश यूनिवर्सिटी के प्रमुख लेखक प्रोफेसर मिशेल कैलिसया इसपर कहते हैं, "ऐसी स्ट्रेटेजी तैयार करना जो बचपन में उनकी फिटनेस में सुधार करती हैं और मोटापे को कम करती हैं, ये उनके जीवन को सुधारने में योगदान दे सकती हैं. ये स्टडी यह भी बताती है कि भविष्य में होने वाली दिक्कतों का सामना करने के लिए बचपन से ही सुरक्षात्मक रणनीतियों को बनाने की आवश्यकता हो सकती है. ताकि डिमेंशिया जैसी बीमारियों से बचा जा सके.”

2050 हो पहुंच सकते हैं मामले तीन गुना 

जर्नल ऑफ साइंस एंड मेडिसिन इन स्पोर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2050 तक दुनिया भर में डिमेंशिया के मामले तीन गुना बढ़कर 150 मिलियन से ज्यादा हो जाएंगे.  कोई इलाज नहीं होने के कारण, जरूरी है कि लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव किये जाएं. जैसे एक्सरसाइज करना, ऑयली फिश, फल और सब्जियां खाना और फैटी और शुगरी यानि जिसमें ज्यादा चीनी हो उन खानपान को कम करना शामिल है. 

क्या पाया रिसर्च में?

जर्नल ऑफ साइंस एंड मेडिसिन इन स्पोर्ट में ये रिसर्च अपनी तरह की पहली है. ये शोध 1985 में शुरू हुआ था. जिसमें 1,244 ऑस्ट्रेलियाई बच्चों को शामिल किया गया था. इन सबकी उम्र 7 से 15 साल के बीच थी.

इन बच्चों का फिर से 2017 और 2019 के बीच टेस्ट किया गया. उस समय तक वे 39 से 50 साल के थे. इसमें उन्हें कुछ कंप्यूटर टास्क दिए गए जिसमें उनकी ब्रेन पावर को चैलेंज किया गया था. इसमें सामने आया कि बचपन में जो बच्चे फिट थे वे आसानी से दूसरे बच्चों के मुकाबले स्पीड और ज्यादा अटेंशन के साथ परफॉर्म कर पा रहे थे.  

बच्चों के लिए आकार देने का कार्यक्रम

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार, अमेरिका में, 2 से 19 साल की उम्र के बीच के लगभग 14.7 मिलियन (19.7 प्रतिशत) बच्चे और किशोर 2017-2021 में मोटापे का शिकार थे. यह 12 से 19 साल की उम्र वालों में सबसे ज्यादा करीब 22.2 प्रतिशत था.

सीडीसी के मुताबिक,अनुमानित 5.8 मिलियन अमेरिकी जो 65 या उससे अधिक उम्र के हैं उन्हें 2020 में अल्जाइमर रोग था. 

 

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