सुबह देर से सोकर उठने पर क्या आपको भी लगती है थकान? Oversleeping हो सकती है वजह...एक दिन में कितने घंटे सोना है सही

नींद आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. अक्सर जो लोग आम दिनों में नहीं सो पाते हैं वो वीकेंड पर इस नींद को पूरा करने के लिए बहुत अधिक सोते हैं यानी 8 घंटे से ज्यादा. इस वजह से सोकर उठने पर वो चिड़चिड़ा महसूस करते हैं और काम करने में उनका मन नहीं लगता.

Oversleeping harmful effects
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 6:31 PM IST

Insomnia और खराब नींद की गुणवत्ता जैसी नींद से संबंधित समस्याएं भारतीयों में आम हैं. वहीं कुछ विशेषज्ञों मानते हैं कि जरूरत से अधिक सोने से भी आपको कोई फायदा नहीं होगा. जी हां, अगर आप सप्ताह के दौरान नींद की कमी की भरपाई के लिए अपना वीकेंड हाइबरनेशन (hibernation) में बिताते हैं या 10 घंटे की नींद के बाद भी थके हुए उठते हैं, तो यह आपके नींद के पैटर्न में बदलाव करने का समय हो सकता है. ये समस्या ओवरस्लीपिंग (Over Sleeping) हो सकती है.

Oversleeping क्या है?
ओवर स्लीपिंग उसे कहा जाता है जब आप निर्धारित समय 7 से 8 घंटे से अधिक समय से अधिक सोते हैं. यह ओवरस्लीपिंग आपकी प्रोडक्टिविटी को भी प्रभावित कर सकती है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि अधिक सोने से थकान होती है और व्यक्ति अधिक चिड़चिड़ा हो जाता है और उसका काम करने में मन भी नहीं लगता है. व्यक्ति की अलर्टनेस और रिएक्शन टाइम भी इससे प्रभावित होता है.

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार बिस्तर पर बहुत अधिक समय बिताने से लोगों को लगता है कि उन्हें और अधिक आराम की ज़रूरत है और इस वजह से वो ओवरस्लीपिंग साइकल में बने रहते हैं. इससे उनकी प्रोडक्टिविटी ना के बराबर हो जाती है.

ज्यादा सोने से होने वाली समस्याएं

डायबिटीज- बहुत अधिक सोना भी आपके ब्लड शुगर लेवल के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है. जब आप अधिक नींद लेते हैं तो इससे आपकी बॉडी की शुगर को प्रोसेस करने की क्षमता प्रभावित होती है. इस वजह से व्यक्ति को टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा काफी बढ़ जाता है.

मोटापा - अधिक सोने से मोटापा भी बढ़ता है. मेंटल हेल्थ जर्नल के अध्ययन के अनुसार,जो लोग हर रात नौ या 10 घंटे सोते हैं, उनकी मोटापे से ग्रस्त होने की समस्या और अधिक बढ़ जाती है.

सिरदर्द - आपने ध्यान दिया होगा कि जब आप देर से सोकर उठते हैं तो आपको सिरदर्द की समस्या हो सकती है. दरअसल, सिरदर्द की समस्या अधिक सोने से सेरोटोनिन सहित मस्तिष्क के कुछ न्यूरोट्रांसमीटरों पर प्रभाव पड़ने के कारण होती है. 

डिप्रेशन- अधिक सोने की तुलना में अनिद्रा को आमतौर पर डिप्रेशन से जोड़ा जाता है. मेंटल हेल्थ जर्नल की स्टडी बताती है कि अवसाद से पीड़ित लगभग 15% लोग बहुत अधिक सोते हैं. अधिक सोने से डिप्रेशन और भी अधिक हो सकता है.

दिल की बीमारी- बहुत अधिक सोने से कोरोनरी हृदय रोग होने की संभावना बढ़ जाती है. एक ही रूटीन बनाएं जिसमें सोने और जागने का निश्चित समय हो.

कैसे पाएं क्वालिटी स्लीप

  • एक अच्छा वातावरण बनाएं.
  • सोने से पहले गैजेट्स और कैफीन से बचें.
  • सोने का एक निश्चित समय निर्धारित करें.
  • सोने से पहले अधिक भोजन करने से बचें.
  • नियमित व्यायाम करें

 

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