मेडिकल स्टूडेंट ने अल्ट्रासाउंड क्लास में लगाया खुद अपने कैंसर का पता...नहीं थी कोई फैमिली हिस्ट्री

अमेरिका के न्यू जर्सी में एक मेडिकल स्टूडेंट के साथ जो हुआ वो वाकई चौंकाने वाला है. छात्रा अपनी अल्ट्रासाउंड क्लास के दौरान वॉलेंटियर कर रही थी. इस दौरान उसे अल्ट्रासाउंड करते समय पता लगा कि उसकी खुद की बॉडी में लंप है जोकि थॉयराइड कैंसर है.

Ultrasound
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 08 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST

अमेरिका ने न्यू जर्सी में 27 वर्षीय मेडिकल छात्रा सैली रोहन पिछले साल फर्स्ट ईयर की मेडिकल छात्रा के रूप में अल्ट्रासाउंड मशीन का उपयोग करना सीख रही थ. रोहन अपने क्लास्मेंट्स में से पहली थी जिसने अपनी थायरॉयड की जांच कराने के लिए वॉलेंटियर किया. खुद की अल्ट्रासाउंड करते समय जांच में सैली रोहन को पता चला कि उसे स्टेज 1 पैपिलरी थायराइड कैंसर (papillary thyroid cancer)है, जो चार मुख्य प्रकार के थायराइड कैंसर में से सबसे आम है.

अल्ट्रासाउंड में क्या मिला?
गुड मॉर्निंग अमेरिका से हुई बातचीत में रोहन ने बताया, "हमें सिखाया गया कि थायरॉइड का अल्ट्रासाउंड कैसे किया जाता है क्योंकि यह अल्ट्रासाउंड के लिए वास्तव में आसान संरचना है." "हम अपना वीडियो देख रहे थे, जो हमने कक्षा से पहले देखे गए वीडियो में देखा था, और मुझे याद है कि मैंने इसे देखा और कहा, 'रुको, मेरे साथ कुछ गड़बड़ है. मेरा वीडियो थोड़ा अलग, उभरा हुआ लग रहा है." रोहन ने बताया कि इंस्ट्रकटर ने उसे बताया कि उनके थायरॉयड पर एक गांठ थी. ऐसी गांठें अक्सर सामने आती हैं, इसलिए इंस्ट्रक्टर ने उन्हें अल्ट्रासाउंड की एक तस्वीर लेने की सलाह दी और आगे की जांच के लिए डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी.

स्टेज 1 का कैंसर
डॉक्टर से अपाइंटमेंट लेकर जब रोहन उनके पास पहुंची तो उन्होंने हार्मोन के लेवल की जांच करने के लिए ब्लड टेस्ट कराया जोकि नॉर्मल आया. रोहन ने बताया कि उसे थायरॉइड कॉम्पलिकेशन के कोई लक्षण भी नहीं दिखाई दिए. अपनी कक्षा के दौरान नोड्यूल की पहचान करने के लगभग एक साल बाद रोहन ने नोट किया कि उसने इस साल अक्टूबर तक अपने थायरॉयड का कोई फॉर्मल अल्ट्रासाउंड नहीं कराया था. ऑफिशियल अल्ट्रासाउंड रिजल्ट आने के बाद रोहन ने खुलासा किया कि उन्हें स्टेज 1 पैपिलरी थायराइड कैंसर का निदान मिला है. यह चार प्राथमिक प्रकार के थायराइड कैंसर में सबसे अधिक प्रचलित है, जैसा कि राष्ट्रीय कैंसर संस्थान ने कहा है और सबसे अनुकूल ओवरऑल प्रोगनॉसिस से जुड़ा हुआ है. रोहन की स्थिति में, कैंसर उसके आसपास के लिम्फ नोड्स में भी फैल गया था.

नहीं थी कोई फैमिली हिस्ट्री
रोहन ने बताया कि अल्ट्रासाउंड का रिजल्ट आने के बाद वो बिल्कुल शॉक्ड हो गईं क्योंकि उनकी फामिली में स्किन कैंसर की हिस्ट्री थी लेकिन थायराइड कैंसर किसी को नहीं था. रोवन, वर्चुआ स्कूल ऑफ ओस्टियोपैथिक मेडिसिन के अंतरिम डीन डॉ. रिचर्ड जर्मिन ने रोहन के कैंसर निदान पर आश्चर्य व्यक्त किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि स्कूल द्वारा प्रस्तावित अल्ट्रासाउंड कक्षा नहीं होती तो इसका इस स्टेज पर पता लगाना बहुत मु्श्किल था. रोहन इसी स्कूल की छात्रा है. जर्मेन ने एक बयान में कहा, "हम छात्रों को ऐसे एक्सपीरियंस भी देते हैं जिसमें वो एक साथ पढ़ाई कर एक दूसरे से सीखें. और अब जिस तरह से सैली के बारे में पता चला वो आश्चर्य जनक है. यह लगभग वैसा ही है जैसे उसकी मेडिकल स्कूल यात्रा का यही मतलब था."

रोहन ने बताया कि चूंकि वह डॉक्टर बनने के लिए अपनी पढ़ाई कर रही हैं, उनका निदान उन्हें रोगी के अनुभव को भी महसूस कर पा रहा था. इसमें चिकित्सा शब्दावली की समझ हासिल करना, बीमा मामलों पर ध्यान देना और नियुक्तियों और प्रयोगशाला कार्यों के समन्वय का प्रबंधन करना शामिल है. उपचार के हिस्से के तौर पर रोहन को उनकी थायरॉयड और प्रभावित लिम्फ नोड्स को हटाने के लिए सर्जरी से गुजरना होगा. इसके बाद उनकी एक थेरेपी होगी जिसका नाम रेडियोआयोडीन है.

 

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