Malaria में नेचुरल इम्यूनिटी देती है वैक्सीन वाली इम्यूनिटी से ज्यादा सुरक्षा: रिसर्च

जब हम मलेरिया से संक्रमित होते हैं तो हमारी नेचुरल इम्यूनिटी हमें बीमारी से बेहतर तरीके से बचाती है, वह ज्यादा सुरक्षा देती है बजाय इसके कि हमें पहले से मलेरिया के खिलाफ वैक्सीनेटेड कर दिया जाये और तब हमारी इम्यूनिटी हमने सुरक्षा दे. हमारी नेचुरल इम्यूनिटी हमें वैक्सीन से बनने वाली इम्यूनिटी से ज्यादा सुरक्षा देती है.

प्रतीकात्मक तस्वीर
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 29 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST
  • नेचुरल इम्यूनिटी देती है वैक्सीन वाली इम्यूनिटी से ज्यादा सुरक्षा
  • एंटीबॉडीज शरीर में अलग-अलग दिखती हैं
  • मलेरिया के खिलाफ बचाव में और कैंसर के खिलाफ इम्यूनिटी में कई समान विशेषताएं हैं

मलेरिया के कारण हर साल दुनिया में कई बच्चों की मौत होती है. विश्व स्तर पर फैली ये बीमारी मलेरिया से संक्रमित मच्छरों के कारण होती है. अफ्रीका में इस बीमारी की वजह से करीब लाखों बच्चे संक्रमित होते हैं. अब, कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी रिसर्च की है जिससे मलेरिया की लड़ाई में हम एक कदम और आगे आ गए हैं. इस रिसर्च में उन्होंने पाया कि नेचुरल तरीके से बनने वाली इम्यूनिटी और वैक्सीनेशन के बाद बनने वाली इम्यूनिटी में काफी अंतर है.

नेचुरल इम्यूनिटी देती है वैक्सीन वाली इम्यूनिटी से ज्यादा सुरक्षा  

इम्यूनोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर लार्स ह्वीड ने बताया, "मलेरिया से संक्रमित होने पर शरीर में जो एंटीबॉडी पैदा होती हैं, वह वैक्सीनेशन के बाद जो एंटीबॉडीज बनती हैं उनसे काफी अलग दिखती है. इसका मतलब है कि जब हम मलेरिया से संक्रमित होते हैं तो हमारी नेचुरल इम्यूनिटी हमें बीमारी से बेहतर तरीके से बचाती है, वह ज्यादा सुरक्षा देती है बजाय इसके कि हमें पहले से मलेरिया के खिलाफ वैक्सीनेटेड कर दिया जाये और तब हमारी इम्यूनिटी हमने सुरक्षा दे. हमारी नेचुरल इम्यूनिटी हमें वैक्सीन से बनने वाली इम्यूनिटी से ज्यादा सुरक्षा देती है.”

कैसे करती हैं एंटीबॉडीज काम?

बीमारी से बचाने के लिए हमारी इम्यूनिटी अलग-अलग मैकेनिज्म को ट्रिगर कर सकती है. वायरस, बैक्टीरिया, पैरासाइट के संक्रमण के खिलाफ बचाव में मैक्रोफेज मैकेनिज्म का ही उपयोग होता है. प्रो. लार्स ह्वीड ने  एंटीबॉडीज के काम करने के तरीके के बारे में बताया. वह कहते हैं, "जब बाहर से कोई बीमारी हमारे शरीर पर हमला करती है तो हमारा इम्यून सिस्टम एंटीबॉडी बनाता है. ये एंटीबॉडीज फॉरेन बॉडी से जुड़ी होती हैं. इन्हें मैक्रोफेज नाम की छोटी सेल द्वारा पहचाना जाता है और फिर ये एंटीबॉडीज वायरस को खत्म करने का काम करती हैं. इसी तरह सभी बीमारियों में ये मैकेनिज्म काम करता है.”

रिसर्च में क्या पाया गया?

प्रोफेसर ने आगे बताया कि एंटीबॉडीज शरीर में अलग-अलग दिखती हैं. ये इस पर निर्भर करता है कि आपको वैक्सीन लगाई गयी है या आप मलेरिया से संक्रमित हैं. रिसर्च में पता लगाया गया है कि मलेरिया के खिलाफ इम्यूनिटी अलग-अलग तरह से काम करती है.

आपको बता दें, नेचुरल सेल्स को आमतौर पर कैंसर से लड़ने में सबसे अच्छे हथियारों में से एक के रूप में जाना जाता है. इस रिसर्च से पता चलता है कि मलेरिया के खिलाफ बचाव में और कैंसर के खिलाफ इम्यूनिटी में कई समान विशेषताएं हैं.

 

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