New Research: 'बेकार' समझकर जिस ऑर्गन को हटा देते हैं डॉक्टर्स, असल में वो कैंसर से लड़ने में करता है मदद

हाल ही में हुई रिसर्च में दावा किया गया है कि ग्लैंड एडल्ट की हेल्थ के लिए भी जरूरी हो सकती है. थाइमस ग्लैंड का महत्व सिर्फ बचपन तक सीमित नहीं है बल्कि यह एडल्ट में भी इम्यून सिस्टम को बनाए रखने और बेहतर हेल्थ के लिए जरूरी होती है.

thymus gland
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:39 PM IST
  • थाइमस ग्लैंड हमारे शरीर में एक छोटी ग्लैंड है.
  • थाइमस ग्लैंड केवल बचपन में ही जरूरी होती है

अमेरिका में हुई एक रिसर्च के मुताबिक जो लोग थाइमस ग्लैंड निकलवा देते हैं, उनमें मौत का खतरा बढ़ जाता है. उनमें कैंसर विकसित होने का खतरा भी ज्यादा होता है. थाइमस ग्लैंड छाती में फेफड़ों के बीच में होती है और संक्रमण से लड़ने में मदद करती है. उम्र बढ़ने के साथ अक्सर इसे बेकार माना जाता है क्योंकि युवावस्था के बाद इसका साइज छोटा होने लगता है और इसका योगदान हमारे शरीर में कम हो जाता है.

लेकिन हाल ही में हुई रिसर्च में दावा किया गया है कि ग्लैंड एडल्ट की हेल्थ के लिए भी जरूरी हो सकती है. थाइमस ग्लैंड का महत्व सिर्फ बचपन तक सीमित नहीं है बल्कि यह एडल्ट में भी इम्यून सिस्टम को बनाए रखने और बेहतर हेल्थ के लिए जरूरी होती है.

क्या होता है थाइमस ग्लैंड?
थाइमस ग्लैंड हमारे शरीर में एक छोटी ग्लैंड है, जो हमारे इम्यून सिस्टम का हिस्सा होती है. यह छाती में हड्डी (स्टर्नम) के पीछे और फेफड़ों के बीच स्थित होती है. इसका काम टी-सेल्स (T-Cells) नाम के व्हाइट ब्लड सेल्स बनाना होता है. ये टी-सेल्स हमारे शरीर को बैक्टीरिया, वायरस और अन्य हानिकारक चीजों से बचाने में मदद करती हैं. थाइमस ग्लैंड बच्चों में इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में खास भूमिका निभाती है. बचपन में यह ग्लैंड बड़ी और एक्टिव होती है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ ये धीरे-धीरे छोटी होने लगती है और इसका असर भी कम हो जाता है.

युवाओं के लिए भी जरूरी है थाइमस ग्लैंड
पहले माना जाता था कि थाइमस ग्लैंड केवल बचपन में ही जरूरी होती है, लेकिन अब रिसर्च से पता चला है कि यह युवाओं की सेहत के लिए भी जरूरी है. युवाओं में थाइमस इसलिए जरूरी है क्योंकि यह नए टी-सेल्स बनाकर इम्यून सिस्टम को एक्टिव बनाए रखने में योगदान दे सकती है. जिन लोगों की थाइमस ग्लैंड निकाली जाती है, उनमें आगे चलकर कैंसर और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. रिसर्च के मुताबिक, युवाओं में थाइमस के बिना इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे शरीर का संक्रमणों और बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है. इसलिए अब एक्सपर्ट मानते हैं कि थाइमस को रिजर्व रखना स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी है.

कम उम्र के लोगों में थाइमस ग्लैंड इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करती है. थाइमस हटाने पर टी-सेल्स की संख्या कम हो जाती है, जो कि शरीर को बैक्टीरिया और वायरस से बचाने वाली सफेद रक्त कोशिकाएं हैं. बच्चों में थाइमस के बिना वैक्सीन का असर भी कम हो जाता है.

थाइमस हटाने पर बढ़ सकता है कैंसर का खतरा
शोधकर्ताओं ने थाइमस युक्त और थाइमस के बगैर मरीजों की तुलना एक दूसरे से की. रिसर्च में पाया गया कि जिनका थाइमस निकाला गया, उनमें 5 साल के अंदर मरने और कैंसर होने का खतरा लगभग दोगुना हो गया था. इन मरीजों में कैंसर भी अधिक आक्रामक था और इलाज के बाद फिर से लौट आया. हालांकि अभी तक शोधकर्ता इस बात का पता नहीं लगा पाए हैं कि थाइमस के न होने से ये समस्याएं क्यों होती हैं, लेकिन शोधकर्ताओं के मुताबिक थाइमस की कमी एडल्टस में इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर सकती है. कुछ मरीजों में थाइमस हटाने के बाद टी-सेल्स में डाइवर्सिटी की कमी देखी गई, जिससे कैंसर या ऑटोइम्यून बीमारियां बढ़ सकती हैं.

 

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