Dry Eyes से लेकर Stress, Anxiety तक... सुबह उठते ही फोन देखने से फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर पड़ता है निगेटिव असर

अगर कोई पूछे कि आप सुबह उठते ही सबसे पहले क्या करते हैं, तो ज्यादातर लोगों का जवाब होगा- मोबाइल चलाना. टाइम देखने से लेकर सोशल मीडिया, न्यूज चेक करने तक, बहुत से लोग सुबह उठते ही फोन देखते हैं. और यही आदत हमें अनहेल्दी बना रही है.

Side-effects of using phone first thing in the morning (Photo: Pexels)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 18 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 10:35 AM IST

आज के दौर में मोबाइल हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है. सोते, जागते, उठते, बैठते, खाते-पीते, और काम के दौरान, शायद ही कोई पल हो जब हम फोन न देखते हों. वजह चाहे टाइम देखना हो या कॉल या मैसेज... हाथ तो मोबाइल पर ही जाता है. मोबाइल स्क्रॉल करना हमारी आदत बन गई है.

बहुत से लोग तो सुबह उठते ही सबसे पहले अपना मोबाइल चेक करते हैं. कुछ तो ऐसे हैं जो सुबह उठकर बिस्तर पर ही घंटों मोबाइल चलाते हैं. अगर आप भी यही काम करते हैं तो सावधान हो जाएं. क्योंकि यह आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है. आज हम आपको बता रहे हैं कि कैसे सुबह उठते ही मोबाइल देखना और चलाना आपकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ को नुकसाल पहुंचा सकता है. 

1. मॉर्निगं रूटीन होता है खराब
कहते हैं कि आपके दिन की शुरुआत जैसी होती है वैसा ही आपका पूरा दिन भी गुजरता है. एक अच्छे दिन के लिए अच्छे मॉर्निंग रूटीन का होना बेहद जरूरी है. पर जब हम सुबह उठकर मोबाइल चलाने लगते है तो हम खुद को भूल कर देश-दुनिया की बातें जानने में लग जाते हैं. जिसका असर ये होता है कि हम अपने सुबह के काम को टाल देते हैं. मोबाइल पर समय गंवाने के कारण हमारा कोई मॉर्निंग रूटीन ही नहीं बन पाता है. अगर हम मोबाइल पर देने वाला समय सही जगह लगाएं जैसे सुबह 10-15 मिनट मेडिटेशन करें या कुछ समय सिर्फ ताजा हवा में ही बिताएं तो भी हमारी हेल्थ पर काफी अच्छा असर पड़ेगा. 

2. बढ़ता है तनाव 
अगर आप सुबह उठकर सबसे पहले सोशल मीडिया या न्यूज चेक करते हैं तो इनडायरेक्टली ही सही आप नकारात्मक विचारों के शिकार हो रहे हैं. सोशल मीडिया दिखावे की दुनिया है. यहां जो दिख रहा है जरूरी नहीं कि ऐसा ही हो. लेकिन दूसरों को देखकर हमारे मन में अपनी जिंदगी के बारे में निगेटिव विचार आने लगते हैं. इतना ही नहीं देश-दुनिया की नेगेटिव खबर भी हमें परेशान कर सकती हैं. कहीं न कहीं यह निगेटिविटी हमारे स्ट्रेस को बढ़ाती है जो धीरे-धीरे एंग्जायटी का कारण बनता है. इससे अच्छा है कि आप कोई मीनिंगफुल एक्टिविटी में समय बिताएं जैसे सुबह थोड़ी गार्डनिंग कर सकते हैं या योगासन भी कर सकते हैं. 

बढ़ता है स्ट्रेस लेवल (Photo: Pexels)

3. ड्राई आंखों का कारण 
सुबह उठते ही फोन देखने से आंखों पर भी असर पड़ता है. सुबह आपकी आंखें लाइट के साथ एडजस्ट भी नहीं कर पाती हैं उसे पहले ही आप फोन देखने लगते हैं. इससे आंखों पर दबाव पड़ता है और आंखों पर दबाव डालने से आपकी आंखों की रोशनी कमजोर हो जाती है. बहुत ज्यादा फोन देखने से, खासकर सुबह-सुबह, आंखों में सूखापन, जलन और सिरदर्द हो सकता है. आजकल बहुत से लोगों को ड्राई आंखों की शिकायत है और इसका एक प्रमुख कारण है सुबह उठते ही फोन देखना और बहुत ज्यादा स्क्रीन पर टाइम बिताना. 

4.स्लीप क्वालिटी पर पड़ता है असर
जो लोग सुबह उठकर सबसे पहले अपना फोन चेक करते हैं. उनकी स्लीप क्वालिटी पर इसका नेगेटिव असर पड़ सकता है. दरअसल, स्मार्टफोन से निकलने वाली नीली रोशनी (Blue Light) हमारी बॉडी में बनने वाले मेलाटोनिन के उत्पादन में बाधा डाल सकती है. यह हार्मोन स्लीप को रेगुलेट करने में मदद करता है. लेकिन इसकी कमी होने से हमारी नींद पर काफी गहरा असर पड़ता है. इसलिए, फ़ोन का यूज आपकी नींद की सायकल और स्वास्थ्य को भी बिगाड़ सकता है. 

5. ब्रेन एक्टिविटी होती है प्रभावित 
एक्सपर्ट्स के अनुसार, जब आप सुबह उठते हैं, तो आपका ब्रेन डेल्टा स्टेट (आराम की स्थिति में) से थीटा स्टेट (एक तरह की ड्रीमी स्टेट) में आता है और बाद में अल्फा स्टेट में चला जाता है. अल्फा वह स्टेट है जब आप जाग रहे होते हैं लेकिन एकदम एक्टिव नहीं होते हैं. बाद में,  ब्रेन बीटा स्टेट में चला जाता है, जब आप पूरी तरह से एक्टिव और अलर्ट होते हैं. 

सुबह उठते ही न देखें फोन (Photo: Pexels)

लेकिन जब आप जागने के तुरंत बाद अपने फोन का यूज करते हैं, और डेल्टा स्टेट से सीधा बीटा स्टेट में पहुंच जाते हैं, तो इससे ब्रेन पर तनाव पड़ता है. रिसर्चर्स का कहना है कि अचानक से होने वाले इस ट्रांजिशन से चिंता, चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है और व्यक्ति पूरे दिन कम प्रोडक्टिव महसूस कर सकता है. ऐसे में, एक्सपर्ट्स की राय है कि जागने के 30 मिनट से एक घंटे बाद ही अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना चाहिए. 

6. सेल्फ एस्टीम में आती है कमी
जब हम सोकर उठते हैं तो किसी भी तरह से सही सोचने की स्थिति में नहीं होते हैं. इस स्थिति में बहुत से लोग जब फोन स्क्रॉल करते हैं और सोशल मीडिया पर दूसरे लोगों को देखकर उनके साथ अपनी तुलना करने लगते हैं. लोगों को लगता है कि वे जिंदगी में कुछ अच्छा या बड़ा नहीं कर रहे हैं. यह तुलना आपके आत्मविश्वास को हिला देती है और आप खुद पर डाउट करने लगते हैं.  

ऐसे बदल सकते हैं अपनी इस आदत को
रात को सोते वक्त फोन तकिए के नीचे या साइड टैबल पर रखने के बजाय खुद से थोड़ा दूर रखना शुरू करें. जैसे आप कमरे में ही सोने से पहले बैड से दूर किसी टेबल पर फोन रख दें. ताकि आपका हाथ इस तक न पहुंच सके. सुबह उठकर फोन की तरफ जाने की बजाय अपने मॉर्निंग रूटीन जैसे योग, एक्सरसाइज, या घरवालों के साथ बातचीत में लग जाएं. यह काम अगर आप 20-21 दिन तक लगातार करेंगे तो धीरे-धीरे यह एक्टिविटी आपकी आदत बन जाएगी.

 

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