3 जनवरी से बच्चों का वैक्सीनेशन, राजस्थान में 51.12 लाख बच्चों को लगेगा टीका

बच्चों के टीकाकरण से उन्हें कोविड-19 के नए वेंट ओमिक्रॉन से सुरक्षा देने में मदद मिलेगी. इसके साथ स्कूलों में शिक्षा के सामान्यीकरण में मदद मिलेगी और उम्मीद है कि इससे अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने में झिझक कम होगी.

Children Vaccination
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:53 AM IST
  • वैक्सीनेशन से मिलेगी बच्चों को सुरक्षा
  • वायरस को देखते हुए अभिभावकों ने की ऑनलाइन क्लास की मांग

माता-पिता बच्चों की वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. देशभर में बच्चों के टीकाकरण को लेकर घोषणा की जा चुकी है. 3 जनवरी 2022 से 15 से 18 साल के  बच्चों का टीकाकरण शुरू होने वाला है. इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां तेज कर दी है. राजस्थान में 51 लाख से अधिक बच्चों का टीकाकरण होना है. 

स्वास्थ्य विभाग में वैक्सीनेशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ रघुराज सिंह ने कहा, "हमने अनुमान लगाया है कि 51 लाख से अधिक बच्चे टीकाकरण के लिए पात्र होंगे. ये वो बच्चे हैं जो 15 से 18 साल आयु वर्ग के हैं."

वैक्सीनेशन से मिलेगी बच्चों को सुरक्षा 

बच्चों के टीकाकरण से उन्हें कोविड-19 के नए वेंट ओमिक्रॉन से सुरक्षा देने में मदद मिलेगी. इसके साथ स्कूलों में शिक्षा के सामान्यीकरण में मदद मिलेगी और उम्मीद है कि इससे अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने में झिझक कम होगी. 

डॉ. सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया को कहा कि दिसंबर में राज्य में 1 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन डोज दी गई है. उन्होंने कहा, "राज्य में टीकाकरण में तेजी आई है क्योंकि हम घर-घर जाकर 'हर घर दस्तक' अभियान चला रहे हैं. नवंबर में त्योहारी सीजन खत्म होने के साथ ही ज्यादा लोग वैक्सीन डोज लगवाने के लिए आ रहे हैं. राज्य सरकार ने कलेक्टरों को राज्य भर में टीकाकरण को तेज करने के निर्देश जारी किए हैं.”

वायरस को देखते हुए अभिभावकों ने की ऑनलाइन क्लास की मांग 

दरअसल, राजस्थान में स्कूली बच्चों के संक्रमित होने के बाद अभिभावकों ने ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखने की मांग की थी, जिसके बाद राज्य सरकार को इस पर अलग से गाइडलाइन जारी करनी पड़ी. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि नवंबर में 18 साल से कम उम्र के 35 बच्चे कोरोना से संक्रमित पाए गए थे. हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों ने दावा किया था कि उनमें से अधिकांश का स्कूलों से कोई संबंध नहीं था. 

ये भी पढ़ें

 

Read more!

RECOMMENDED