Viagra help with dementia: डिमेंशिया के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है Viagra, अगर आप भी करते हैं इस्तेमाल तो ये बातें जान लें

जिन लोगों को हाई ब्लडप्रेशर है, डायबिटीज है या फिर कोलेस्ट्रोल है या फिर स्मोकिंग करते हैं उनमें वैस्कुलर डिमेंशिया का खतरा ज्यादा होता है.

Viagra linked with better brain health
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 11 जून 2024,
  • अपडेटेड 2:10 PM IST
  • भारत में 5.3 मिलियन लोग डिमेंशिया से पीड़ित हैं.
  • करीब 40 प्रतिशत को वैस्कुलर डिमेंशिया है.

सेक्स पावर बढ़ाने वाली दवा वायग्रा (Viagra) डिमेंशिया (Dementia) के खतरे को कम कर सकती है. एक हालिया अध्ययन (Study) में पाया गया है कि वायग्रा उन लोगों के ब्रेन में ब्लड फ्लो (Blood Flow) को बढ़ाती है जिनमें Vascular डिमेंशिया का खतरा अधिक होता है. ये दवा याददाश्त से संबंधित समस्याओं को रोकने में भी मदद कर सकती है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने ये रिसर्च की है. ये निष्कर्ष बीमारी से निपटने के प्रयासों में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं. 

क्या है वायग्रा 
दरअसल वायग्रा खाने से पुरुषों के लिंग में अस्थायी रूप से रक्त प्रवाह बढ़ जाता है. वायग्रा की एक गोली का असर आधे से एक घंटे तक रहता है. ये दवा केवल पुरुष ही इस्तेमाल कर सकते हैं और इसे एक बार में एक ही खाना चाहिए. वायग्रा मांसपेशियों में रक्त वाहिकाओं को उत्तेजित करती है. जिससे खून का प्रवाह और तेज होता है.

क्या है वैस्कुलर डिमेंशिया
वैस्कुलर डिमेंशिया ऐसी स्थिति है जो याददाश्त, तर्क, प्लानिंग और फैसला लेना जैसे संज्ञानात्मक कामों को प्रभावित करती है. यानी कि वैस्कुलर डिमेंशिया से पीड़ित मरीज रोजमर्रा के काम भी भूलने लगता है. इस तरह का डिमेंशिया दिमाग में खून की आपूर्ति कम होने के कारण होता है, जिसके परिणामस्वरूप दिमाग के टिशूज को नुकसान पहुंचता है. ये डैमेज दिमाग के पैरेन्काइमा (फंक्शनल टिशूज) को प्रभावित कर सकती है. रक्त वाहिकाओं के खराब होने से दिमाग के कुछ हिस्सों को नुकसान हो सकता है, जिसकी वजह से  वैस्कुलर डिमेंशिया की स्थित बन सकती है. आमतौर पर यह बीमारी 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को होती है.

आंकड़ों में डिमेंशिया
भारत में 5.3 मिलियन लोग डिमेंशिया से पीड़ित हैं.
इनमें से करीब 40 प्रतिशत को वैस्कुलर डिमेंशिया है.

वैस्कुलर डिमेंशिया का कारण
-स्ट्रोक, चाहे बड़ा हो या छोटा, दिमाग के टिशूज को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. 

-एथेरोस्क्लेरोसिस की वजह से भी वैस्कुलर डिमेंशिया की स्थिति आ सकती है, क्योंकि ये दिमाग में ब्लड फ्लो को कम करता है.

-जिन लोगों को हाई ब्लडप्रेशर है, डायबिटीज है या फिर कोलेस्ट्रोल है या फिर स्मोकिंग करते हैं उनमें वैस्कुलर डिमेंशिया का रिस्क ज्यादा होता है.

क्या है वैस्कुलर डिमेंशिया के लक्षण

  • भूलने की बीमारी

  • नई चीजें सीखने में कठिनाई

  • चलने और सोचने में धीमापन

  • चलने में दिक्कत होना

  • अस्थिर चाल

  • बेचैनी

  • अचानक या बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना

  • पेशाब को रोकने में असमर्थता

  • ध्यान लगाने में परेशानी

  • आगे क्या करना है यह तय करने में कठिनाई

 

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