दुनियाभर में बढ़ते मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है. डब्लूएचओ ने लोगों को इससे सतर्क रहने के लिए कहा है. बता दें, भारत के करेल में भी मंकीपॉक्स का मामला सामने आ चुका है. यहां तक कि इसे देखते हुए केरल सरकार ने कुछ नियम भी जारी कर दिए हैं. दरअसल, केरल के जिस शख्स में मंकीपॉक्स के लक्षण मिले थे वो यूएई की यात्रा करके लौटा था. इसके बाद केरल में इस बीमारी का एक और मामला सामने आ गया था.
अब तक दुनिया के 75 देशों में 16 हजार से अधिक केस और पांच मौतों की पुष्टि की जा चुकी है. वहीं, भारत में अभी तक मंकीपॉक्स के 4 केस मिले हैं.
मंकीपॉक्स का प्रकोप एक हेल्थ इमरजेंसी है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसुस ने शनिवार को प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि मंकीपॉक्स का प्रकोप एक ‘हेल्थ इमरजेंसी’ है. टेड्रोस अदनोम ने बताया कि एक महीना पहले ही उन्होंने इसे लेकर एक्सपर्ट कमिटी से बात की थी. उस वक्त दुनिया भर के 47 देशों में 3040 मामले सामने आये थे. लेकिन अब मंकीपॉक्स के मामले बढ़ रहे हैं. और बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं.
महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसुस ने अपने संबोधन के दौरान बताया कि अब 75 देशों में 16 हजार से अधिक केस आ चुके हैं. इसके अलावा अफ्रीका में पांच मौतें हो चुकी हैं.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैलने का है खतरा
टेड्रोस ने बताया कि डब्ल्यूएचओ के आकलन के हिसाब से दुनियाभर और सभी क्षेत्रों में मंकीपॉक्स का खतरा नॉर्मल लेकिन यूरोप वाले क्षेत्र में इसका खतरा जोखिम है. और इसीलिए इसके अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैलने का खतरा है.
टेड्रोस ने आगे कहा कि ये एक ऐसा प्रकोप है जो दुनियाभर में तेजी से फैल गया है. इसके बारे में हम बहुत कम जानते हैं. इन सभी को देखते हुए यह तय किया गया है कि मंकीपॉक्स प्रकोप एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया जाए.
भारत में मंकीपॉक्स के 4 मामले सामने आए हैं
गौरतलब है कि केरल में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार पूरी तरह से सतर्क हो गई है. इसके लिए एयरपोर्ट-बंदरगाहों पर कड़ी स्क्रीनिंग का दिया निर्देश भी दिया गया है. ताकि मरीज की पहचान की जा सके और इलाज हो सके. इसके अलावा, विदेशों से आने वाले लोगों की जांच की जा रही है.