स्टडी: 1 घंटे में 4 किलोमीटर तक चलने से कम होगा Type 2 diabetes का खतरा

पैदल चलना बेहतरीन वर्क आउट में से एक है. इसके कई शारीरिक और मानसिक लाभ हैं. यह आम तौर पर लोगों के लिए काफी सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसमें बाकी एक्सरसाइज की तुलना में चोट लगने का जोखिम कम होता है.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST

वॉक करना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है. लेकिन कई लोगों को ये नहीं पता कि कब और कितनी देर तक चलना हेल्थ के लिए सही है. हाल ही में वॉक पर एक स्टडी की गई और इसमें पाया गया कि एक निश्चित गति से चलने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है.

पैदल चलना बेहतरीन वर्क आउट में से एक
यही वजह है कि कई हेल्थ एक्सपर्ट्स के लिए पैदल चलना बेहतरीन वर्क आउट में से एक है. इसके कई शारीरिक और मानसिक लाभ हैं. यह आम तौर पर लोगों के लिए काफी सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसमें बाकी एक्सरसाइज की तुलना में चोट लगने का जोखिम कम होता है. American Diabetes Association की स्टडी के मुताबिक अगर आप 1 घंटे में 2.5 मील वॉक करते हैं या पैदल चलते हैं तो इससे टाइप 2 डायबिटीज, कैंसर और दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा कम होता है. टाइप 2 डायबिटीज अमेरिकी लोगों में होने वाली सबसे कॉमन बीमारी है.

हर 10 में से 1 अमेरिकी को डायबिटीज
अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार, 10 में से 1 अमेरिकी को डायबिटीज है. इसमें से लगभग 90 से 95% को टाइप 2 डायबिटीज है. 97 मिलियन अमेरिकियों को प्रीडायबिटीज है, जोकि अमेरिका की आबादी का लगभग 30% है. डायबिटीज को मैनेज करने या रोकने के लिए फिजिकल एक्टिविटी बहुत जरूरी है.

टहलने से वजन कंट्रोल रहता है
अध्ययनों से पता चलता है कि खाने के बाद टहलना आपके ब्लड शुगर लेवल को मेंटन रखने में मदद कर सकता है, रोजाना टहलने से वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन हर दिन 10,000 कदम या रोजाना कम से कम 30 मिनट चलने की सलाह देता है. अब सवाल ये उठता है कि क्या चलने की गति मायने रखती है? टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए आपको कितनी तेजी से चलने की जरूरत है.

4 किमी/घंटा चलने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम
रिसर्च से पता चला है कि हर एक घंटे तक पैदल चलने से डायबिटीज का खतरा कम होता है, तेज गति से चलने से उन लाभों को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है. रिसर्च से पता चलता है कि कम से कम 2.5 मील प्रति घंटा चलने से टाइप 2 मधुमेह का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है. ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित निष्कर्ष बताते हैं कि 4 किमी/घंटा या 2.5 मील प्रति घंटे और उससे ज्यादा की स्पीड से चलने पर टाइप 2 डायबिटीज का खतरा काफी कम हो जाता है.

 

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