क्या आप भी आंखों में लगातार पानी आने से परेशान हैं? ये डेक्रियोसिस्टाइटिस हो सकता है, जानिए बचाव के उपाय

लगातार आंखों से पानी आना आंसू की थैली में सूजन सहित किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है. लगातार पानी आने का मतलब है आपकी आंखों में नैसोलैक्रिमल डक्ट का ब्लॉकेज हो गया है. ये वो नली है जो आंख में बनते पानी को नाक में ले जाती है.

watering eye
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST
  • आंखों से क्यों आता है पानी
  • इस संकेत को न करें नजरअंदाज

क्या आपकी आंखों से भी लगातार पानी आता रहता है? आंखों से पानी आना ठीक है लेकिन आपको पता होना चाहिए कि इसे लेकर कब परेशान होने की जरूरत है या डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है. सर्दी, एलर्जी, फ्लू, संक्रमण की वजह से कई बार आंखों में पानी आ सकता है, लेकिन अगर आपकी आंखों सेजरूरत से ज्यादा ही पानी आए तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए.

क्योंकि ये डेक्रियोसिस्टिटिस (Dacryocystitis) का संकेत हो सकता है. ये एक तरह का इंफेक्शन होता है जिसकी वजह से लैक्रिमल थैली में सूजन आ जाती है. लगातार आंखों से पानी आना आंसू की थैली में सूजन सहित किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है. लगातार पानी आने का मतलब है आपकी आंखों में नैसोलैक्रिमल डक्ट का ब्लॉकेज हो गया है. ये वो नली है जो आंख में बनते पानी को नाक में ले जाती है.

डेक्रियोसिस्टाइटिस क्या है?
आंखें ट्यूब के जरिए नाक से जुड़ी होती हैं. जब हम रोते हैं तो अक्सर नाक बहती है और आंसू आते हैं और कभी-कभी जब आंख में ड्रॉप डाला जाता है तो इसका एहसास नाक में होता है. हालांकि, जब नाक के ड्रेनेज में ब्लॉकेज हो जाती है, तो पानी आंख के जरिए बाहर आने लगता है. इस समस्या में आखों में हर समय पानी रहता है, खुजली होती है और आंखों में कीचड़ भी आने लगता है. 

डेक्रियोसिस्टाइटिस के लक्षण

  • आंखों में लालिमा

  • आंखों में जरूरत से ज्यादा पानी आना

  • प्रभावित आंख से स्राव

  • आँखों में सूजन

  • अन्य लक्षणों में आंखों से पानी जैसा मवाद या चिपचिपा स्राव शामिल हो सकता है. संक्रमण के मामलों में, सूजन दर्दनाक हो सकती है.

अगर आपकी आंखों से भी लगातार पानी आता है, तो आपको समय रहते डॉक्टर के पास जाना चाहिए. ज्यादातर इससे बच्चे और बुजुर्ग प्रभावित होते हैं. हालांकि आंखों के कमजोर होने के कारण भी आंखों से पानी आ सकता है.

आंख की देखभाल कैसे करें?

  • अपनी आंखों को दिन में चार बार ठंडे पानी से धोएं.

  • धूप में जाते समय धूप का चश्मा पहनें. ये हमारी आंखों को हानिकारक यूवीए और यूवीबी किरणों से बचाता है.

  • क‍िसी भी दवा का सेवन, डॉक्‍टर से पूछे बगैर न करें.

  • बार-बार आंखों को छूने से इन्फेक्शन हो जाता है. इसलिए गंदे हाथ से आंखों को छूने से बचें.

  • अपनी डाइट में नट्स, खट्टे फल, गाजर, शकरकंद, बीफ, फलियां और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करें.

 

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