Weight Training During Pregnancy: प्रेग्नेंसी में बढ़ सकता है पीठ का दर्द… मांसपेशियों को ताकतवर बनाने में मदद करेगी वेट ट्रेनिंग 

प्रेग्नेंसी के दौरान वेट ट्रेनिंग हेल्थ को अच्छा रखने में मदद करती है. इससे डिलीवरी आसान हो जाती है. हालांकि, इसमें सावधानी बहुत जरूरी है. अपनी और बच्चे की भलाई के लिए दोनों का पोषण देना जरूरी है. 

Weight Training During Pregnancy (Representative Image)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 02 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:11 PM IST

प्रेग्नेंसी के दौरान कई चीजों का ध्यान रखना होता है. इस दौरान सबसे ज्यादा फायदा वेट ट्रेनिंग का होता है. सही तरीके और सुरक्षित तरीके से वेट ट्रेनिंग की जाए है, तो माँ और बच्चे दोनों को लाभ है. हालांकि, इसे सावधानी से करना बहुत जरूरी है. इसमें पर्सनल फिटनेस लेवल मेडिकल हिस्ट्री और प्रेग्नेंसी से जुड़ी सभी समस्याओं को ध्यान में रखा जाता है. 

प्रेग्नेंसी के दौरान क्या होता है वेट ट्रेनिंग का फायदा?
प्रेग्नेंसी के दौरान वेट ट्रेनिंग का काफी फायदा होता है: 

1. मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है: प्रेग्नेंसी एक महिला के शरीर पर अलग से तनाव डालती है. ऐसे में मांसपेशियों को ताकतवर बनाने के लिए वेट ट्रेनिंग काफी मदद करती है. मजबूत मांसपेशियां बढ़ते हुए बच्चे को और बेहतर करती है. यह ताकत डिलीवरी और लेबर पेन में भी काम आती है. 

2. पीठ दर्द को कम करता है: जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी आगे बढ़ती है, शरीर का ग्रेविटेशनल फोर्स बदलता है, जिससे खराब पोस्चर और पीठ दर्द हो सकता है. वेट ट्रेनिंग, खास तौर पर पीठ और पेल्विक मांसपेशियों को टारगेट करने वाले एक्सरसाइज, अच्छा पोस्चर बनाए रखने और पीठ दर्द के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है. ये एक्सरसाइज आपके शरीर में होने वाले बदलावों को बैलेंस करने में मदद करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि आपकी रीढ़ और मांसपेशियां मजबूत रहें. 

3. बेहतर ब्लड सर्कुलेशन: प्रेग्नेंसी के दौरान अच्छा ब्लड सर्कुलेशन बहुत जरूरी है. मां और बच्चे दोनों को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलने में ये मदद करता है. वेट ट्रेनिंग ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करती है. इससे सूजन (एडिमा) और वैरिकाज नसों का जोखिम कम होता है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान आम हैं. 

4. लेबर पेन और डिलीवरी के लिए शरीर को तैयार करता है: महिलाओं के लिए सबसे मुश्किल लेबर पेन और डिलीवरी होती है. प्रेग्नेंसी के दौरान नियमित रूप से वेट ट्रेनिंग शरीर को इन चुनौतियों के लिए तैयार करने में मदद कर सकता है. यह मांसपेशियों को मजबूत करता है. एक मजबूत शरीर डिलीवरी के समय शरीर के दर्द को संभाल सकता है. 

5. मूड को अच्छा करता और तनाव कम करता है: प्रेग्नेंसी के दौरान कई तरह की फीलिंग्स आ सकती हैं, और कुछ महिलाओं को इस दौरान मूड स्विंग, स्ट्रेस या डिप्रेशन का अनुभव होता है. वेट ट्रेनिंग सहित व्यायाम, शरीर के नेचुरल मूड लिफ्टर एंडोर्फिन को रिलीज करने का काम करते हैं. नियमित रूप से वेट ट्रेनिंग करने से स्ट्रेस को मैनेज किया जा सकता है. 

प्रेग्नेंसी के दौरान वेस्ट ट्रेनिंग कैसे करें? 
वेट ट्रेनिंग के दौरान मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा ध्यान रखनी जरूरी है. लेकिन इसमें कई चीजों का ध्यान रखें:

- अपने हेल्थ कॉउंसलर से बात करें: प्रेग्नेंसी के दौरान वेट ट्रेनिंग करने से पहले दिन अपने हेल्थ कॉउंसलर से बात करें. वे आपकी फिटनेस लेवल, मेडिकल हिस्ट्री और हेल्थ काउंसलर से संबंधित किसी भी परेशानी को समझकर आपको गाइड करेंगे. 

-फॉर्म पर ध्यान दें: वजन ट्रेनिंग के लिए सही फॉर्म जरूरी है. खराब फॉर्म से आपके शरीर पर चोट या प्रेशर पड़ सकता है. 

- भारी चीज उठाने से बचें: प्रेग्नेंसी में भारी वजन उठाने से बचें. अपने शरीर पर ज्यादा वजन न डालें. 

- ज़रूरत के हिसाब से एक्सरसाइज बदलें: जैसे-जैसे आपकी प्रेग्नेंसी आगे बढ़ती है, आपको अपने बदलते शरीर के हिसाब से कुछ व्यायाम बदलने पड़ सकते हैं. 

- हाइड्रेटेड रहें और ब्रेक लें: प्रेग्नेंसी के दौरान हाइड्रेटेड रहना बहुत ज़रूरी है, खासकर व्यायाम करते समय. अपने वर्कआउट से पहले, उसके दौरान और बाद में खूब पानी पिएं. साथ ही, जरूरत पड़ने पर ब्रेक लें. खुद पर बहुत ज्यादा प्रेशर न डालें. 

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