बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder)में आपके मूड में हर वक्त बदलाव होते हैं. आप कभी एकदम से बेहद दुखी हो जाते हैं तो दूसरे ही पल आप काफी खुश हो जाते हैं. बाइपोलर डिसऑर्डर एक सीरियस मेडिकल प्रॉब्लम है और अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो आत्महत्या जैसे परिणाम हो सकते हैं और अगर जल्द इसमें कंट्रोल कर लिया गया तो हेल्दी लाइफ होगी. चलिए आपको बताते हैं कि कैसे पता करें कि आपको बाइपोलर डिसऑर्डर है और इससे बाहर निकलने के क्या उपाय हैं.
बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण
बाइपोलर डिसऑर्डर का उपचार
कई ऐसे उपाय भी हैं, जो आप घर पर ही कर सकते हैं. हालांकि, जो दवाईयां यहां बताई जाएंगी उन्हें लेने से पहले आपको डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है. ये दवाएं मूड स्टेबलाइजर्स होने के लिए जानी जाती हैं.
Omega 3- ओमेगा 3 फैटी एसिड शरीर और मस्तिष्क के लिए बहुत शक्तिशाली है. 2016 में की गई एक रिसर्च से पता चला है कि ओमेगा 3 की खुराक बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षणों से राहत दिलाती है. कॉड लिवर ऑयल, सैल्मन फिश, मैकेरल फिश ऑयस्टर और सार्डिन ओमेगा 3 से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं.
Rhodiola Rosea: 2013 में की गई रिसर्च से पता चलता है कि यह पौधा डिप्रेशन को ठीक कर सकता है. यह बाइपोलर डिसऑर्डर से जुड़े डिप्रेशन के उपचार में भी मदद कर सकता है. रोडियोला एक जड़ी बूटी है जो यूरोप और एशिया के ठंडे, पहाड़ी क्षेत्रों में उगती है. इसका इस्तेमाल चिंता, थकान और डिप्रेशन के इलाज के लिए किया गया है. इसके एंटीडिप्रेसेंट गुण माइंड में न्यूरोट्रांसमीटर को बैलेंस करने में भी मदद करते हैं.
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