डिमेंशिया को लेकर किए गए अब तक के सबसे बड़े रिसर्च में खुलासा हुआ है कि शहर के मुकाबले ग्रामीण भारत में डिमेंशिया का जोखिम ज्यादा है. भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरू के सेंटर फॉरब्रेन रिसर्च के शोधकर्ताओं ने नए शोध में दावा किया है कि मानसिक रोगियों की तेजी से बढ़ती संख्या में देश के स्वास्थ्य खर्च में बढ़ोतरी होगी. अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं ने बताया कि डिमेंशिया से इतर बात करें तो गांव में रहने वाले लोगों में शहरी लोगों के मुकाबले शुगर, हाई बीपी, मोटापा का जोखिम अभी कम है. आपको बता दें 5.5 करोड़ लोग दुनियाभर में डिमेंशिया से पीड़ित हैं. 2020 में 60 साल से अधिक उम्र के 53 लाख लोग इसके शिकार हुए हैं. आज के समय में यह बीमारी युवाओं क भी हो रही है, इसका मुख्य कारण बहुत ज्यादा वर्कलोड और भागदौड़ भरी जिंदगी है.
क्या होता है डिमेंशिया
डिमेंशिया (Dementia) एक ऐसी बीमारी है, जिसमें इंसान की मेमोरी लॉस, संचार क्षमता और रोजमर्रा के काम भी प्रभावित होने लगते हैं. डिमेंशिया में आमतौर पर याद रखने की क्षमता प्रभावित होती है. डिमेंशिया, उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती जाती है. मुख्य रूप से इसका कारण ब्रेन डिजनरेशन है. धीमे-धीमे ये बीमारी आचरण और मनभावों को भी प्रभावित करने लगता है. अल्जाइमर, वैस्कुलर डिमेंशिया, पार्किंसंस भी डिमेंशिया की बीमारी के अंतर्गत आते हैं.
डिमेंशिया के लक्षण
किसी भी चीज को याद करने में मुश्किल आना
सही निर्णय न ले पाना
एक बार में ढेर सारे काम ना कर पाना
किसी चीज को रख कर भूल जाना
हमेशा कंफ्यूज महसूस करना
किन कारणों से होता है डिमेंशिया
स्ट्रोक
ब्रेन डैमेज
विटामिन्स की कमी से
ट्यूमर
थायराइड होने के कारण
हाइड्रोसिफलस के कारण
कई बार उम्र के साथ भी यह बीमारी हो सकती है
नशे की लत के कारण
डिमेंशिया से बचाव के उपाय
लाइफस्टाइल में बदलाव
शराब पीने या किसी तरह का धूम्रपान बंद करना
ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखें.
रोजाना योग और व्यायाम करें.
हेल्दी खाना खाएं.
वजन कम करने से आप डिमेंशिया की बीमारी से बच सकते हैं