विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी करार दिया है. एक्सपर्ट द्वारा इमरजेंसी कमिटी की बैठक में समीक्षा के बाद ये फैसला लिया गया है. इससे पहले कोविड-19 ने जब दस्तक दी थी तब इसे भी ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी करार दिया गया था. लेकिन आखिर किसी बीमारी के बाद ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी का ऐलान कैसे किया जाता है? जानकारी के लिए बता दें, किसी भी वैश्विक बीमारी के प्रकोप से निपटने के लिए डब्लूएचओ उसे सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल अंतर्राष्ट्रीय चिंता (PHEIC) घोषित कर देता है. इस तरह का अलर्ट शायद ही कभी इस्तेमाल किया जाता है.
PHEIC क्या है?
ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी का ऐलान करने के लिए जिन शर्तों को पूरा किया जाना चाहिए, उनका जिक्र 2005 के अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम (IHR) के तहत निर्धारित किया गया है. जब भी कोई बीमारी किसी खास इलाके में फैल रही होती है या बहुत तेजी से इसका प्रसार होने लगता है और उसका वैश्विक स्तर पर फैलने का खतरा होता होता है. ऐसे में PHEIC घोषित की जाती है.
मंकीपॉक्स को किया गया है ग्लोबल इमरजेंसी करार
बता दें, मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी करार दिया गया है. डब्ल्यूएचओ की 16 सदस्यीय आपातकालीन समिति की अध्यक्षता रिपब्लिक ऑफ कांगो के जीन-मैरी ओको-बेले ने की है. ये डब्ल्यूएचओ के वैक्सीन और इम्यूनाइजेशन डिपार्टमेंट के पूर्व डायरेक्टर हैं.
अन्य 14 मेंबर्स में ब्राजील, ब्रिटेन, जापान, मोरक्को, नाइजीरिया, रूस, सेनेगल, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड और अमेरिका के संस्थान हैं.
इसके अलावा इसमें कनाडा, डीआरसी, दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन, स्विटजरलैंड और अमेरिका के आठ सलाहकार भी बैठकों में भाग लेते हैं.
WHO कब-कब कर चुका है PHEIC घोषित?
1. 2009: H1N1 स्वाइन फ्लू
इस महामारी के बारे में पहले मेक्सिको में पता चला था और फिर यह तेजी से अमेरिका और बाकी दुनिया में फैल गई थी.
2. मई 2014: पोलियोवायरस
जंगली पोलियो के मामलों में वृद्धि के बाद इस इमरजेंसी को घोषित किया गया था. कोविड के अलावा, यह अभी भी एकमात्र पीएचईआईसी है.
3. अगस्त 2014: इबोला
पश्चिमी अफ्रीका से शुरू हुआ इबोला का प्रकोप यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में फैल गया था.
4. फरवरी 2016: जीका वायरस
ये महामारी ब्राजील में शुरू हुई और अमेरिका को बुरी तरह प्रभावित किया था.
5. जुलाई 2019: इबोला
दूसरा बार इबोला को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी जुलाई 2019 में घोषित किया गया था. ये किवू में फ़ैल गया था.
5. जनवरी 2020: कोविड-19
चीन से जब कोविड-19 शुरू हुआ था तो इसेक 100 से कम मामले थे, लेकिन बढ़ती संख्या को देखते हुए इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी करार दिया था.
देशों को इस घोषणा के बाद क्या करना होता है?
गौरतलब है कि जब किसी बीमारी को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी करार दिया जाता है तब इस स्थिति से निपटने के लिए अलग-अलग एहतियात बतरने होते हैं. इसके अलावा जहां भी वह बीमारी फैली है उन देशों को उसे रोकने के लिए नियम और कायदे कानून लागू करने होते हैं. इतना ही नहीं बीमारी का संक्रमण न फैले इसके लिए संक्रमित मरीजों की पहचान की जाती है और उनका इलाज किया जाता है. साथ ही लोगों को इसे लेकर जागरूक भी किया जाता है. डब्लूएचओ के सभी सदस्य देशों को उनके द्वारा जारी किए गए प्रोटोकॉल और गाइडलाइन का पालन करना होता है.