फिल्म निर्माता शेखर कपूर डिस्लेक्सिया जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अटेंशन डेफिसिट डिसऑर्डर, ADD था, जो डिस्लेक्सिया का आम लक्षण है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा-जीवन का सबक : मैं पूरी तरह से डिस्लेक्सिक हूं और ज्यादा से ज्यादा कलाकारों, कवियों, संगीतकारों को ढूंढ रहा हूं जो डिस्लेक्सिया से पीड़ित है. क्या आप?
शेखर आगे लिखते हैं, AI की मदद से मैंने विजुअल मैथमेटिक्स के लिए एक प्यार विकसित किया है, लेकिन स्कूलों ने मैथ्स के लिए एक नफरत विकसित की है ... बेशक! डिस्लेक्सिया के साथ संख्याओं का कोई मतलब नहीं था.
शेखर का 5 साल पुराना ट्वीट वायरल
इसी बीच शेखर कपूर का एक 5 साल पुराना ट्वीट है, जो अब वायरल हो रहा है. एक ट्वीट में वो लिखते हैं, मुझे नहीं पता और क्या. भगवान का शुक्र है कि जब मैं बड़ा हो रहा था तो मेरे जैसे बच्चों के लिए कोई स्पेशल स्कूल नहीं थे. वे मेरे भीतर के सारे विद्रोह को मिटा देते. निश्चित रूप से फिर तो न मैं कोई फिल्म बना पता न कोई रचना करना पाता. इस तरह से शेखर ने अपने जीवन के उस दौर को याद किया था और फैंस के साथ शेयर किया.
इस वजह से नहीं मिलता एडमिशन
एक यूजर ने लिखा- डिस्लेक्सिया या एडीडी कुछ के लिए मामूली विकार लग सकता है लेकिन यह उन माता-पिता के लिए एक सजा है जिनके बच्चे इस विकार की गंभीरता से पीड़ित हैं. एक अन्य यूजर ने लिखा- आप शायद भाग्यशाली थे कि आपके स्कूल ने आपको रखा. विशेष योग्यता या आवश्यकता वाले हजारों अन्य बच्चों को हर दिन प्रवेश से वंचित कर दिया जाता है.
क्या है ADHD?
एडीएचडी बचपन के सबसे आम न्यूरोडेवलपमेंटल विकारों में से एक है. यह आमतौर पर बचपन में पहली बार निदान किया जाता है और अक्सर बड़े होने तक रहता है. इससे पीड़ित इंसान किसी के द्वारा कही बात समझने में भी परेशानी अनुभव कर सकता है. ADHD या ध्यान आभाव सक्रियता एक बीमारी नहीं बल्कि एक डिसऑर्डर है. ADHD वाले बच्चों को ध्यान देने और प्रैक्टिस को कंट्रोल करने में परेशानी हो सकती है. भारत सरकार ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 में भी लर्निंग डिसएबिलिटी को शामिल किया है.
ADHD के कारण
गर्भावस्था के दौरान शराब पीना ADHD के कारणों में से एक है. शोधकर्ता उसके पीछे जेनेटिक्स की भूमिका को भी एक हिस्सा मानते हैं. कई बार, शारीरिक या मस्तिष्क की चोट या बच्चे का प्रीमेच्योर जन्म भी इसका कारण बन सकता है. भारत में डिस्लेक्सिया से लगभग 12.5 करोड़ लोग पीड़ित है. इसका इलाज नहीं किया जा सकता लेकिन सफलतापूर्वक मैनेजमेंट जरूर किया जा सकता है.
ADHD के लक्षण
स्कूल के काम में ध्यान न लगाना या गलतियां करना.
किसी काम या खेल में ध्यान केंद्रित रहने में परेशानी होना.
दूसरों की बातों को समझने में कठिनाई होना.
निर्देशों का पालन करने में कठिनाई होना.
अपनी चीजों को खोना- रोजमर्रा के काम भूल जाना