Disease X: कौनसी है वह बीमारी जिसे लेकर चिंतित हुए बड़े-बड़े वैज्ञानिक, WHO ने दी चेतावनी, निपटान के लिए कितना तैयार है भारत?

कई लोग यह अटकलें भी लगा रहे हैं कि यह बीमारी मानवता का अंत साबित होगी. गूगल सर्च करने पर तो डिसीज एक्स के लक्षण और इसका कथित इलाज भी सामने आ जा रहा है. बीमारी के इस शोर में कितना सच है और कितना झूठ?

Disease X might be a respiratory virus because survival rates for these are the highest.
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 2:21 PM IST
  • डिसीज एक्स को लेकर वैज्ञानिकों में बढ़ीं चिंताएं
  • डब्ल्यूएचओ ने शुरू की विशेष तैयारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) से लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिकों तक, सभी डिसीज एक्स (Disease X) को लेकर चिंतित हैं. कई लोग यह अटकलें भी लगा रहे हैं कि यह बीमारी मानवता का अंत साबित होगी. गूगल सर्च करने पर तो डिसीज एक्स के लक्षण और इसका कथित इलाज भी सामने आ जा रहा है. डिसीज एक्स से जुड़े शोर में कितना सच है और कितना झूठ, यह पता लगाने के लिए हमें पहले समझना होगा कि यह है क्या?

क्या है डिसीज एक्स? 
डब्ल्यूएचओ ने एक बीमारी की कल्पना की है जो भविष्य में वैश्विक स्तर पर कोविड-19 जैसी महामारी बन सकती है. डब्ल्यूएचओ का मानना है कि ऐसे कई बैक्टीरिया हैं जो भविष्य में विकसित होकर जानलेवा वायरस बन सकते हैं. डब्ल्यूएचओ ने इस बीमारी की कल्पना सबसे पहले 2018 में की थी. इस बीमारी की कल्पना के साथ डब्ल्यूएचओ यह देखना चाहता था कि दुनियाभर का हेल्थकेयर सिस्टम एक वैश्विक महामारी का सामना करने के लिए किस हद तक तैयार है. 

डब्ल्यूएचओ आपातकालीन कार्यक्रम की रिसर्च एंड डेवलपमेंट ब्लू्प्रिंट की लीडर एना मारिया हेनाओ रेस्त्रापो ने हाल ही में यह स्पष्ट किया है कि डिसीज एक्स नाम की कोई बीमारी फिलहाल मौजूद नहीं है.

रेस्त्रापो डब्ल्यूएचओ के एक कार्यक्रम में कहती हैं, "पहली बात जो मैं आज स्पष्ट करना चाहती हूं वह यह है कि अभी डिसीज एक्स नाम का कोई वायरस या बैक्टीरिया मौजूद नहीं है. हम भविष्य के लिए तैयारी कर रहे हैं. हम एक काल्पनिक बीमारी के बारे में बात कर रहे हैं. वैज्ञानिक इस काल्पनिक वायरस या बैक्टीरिया को डिसीज एक्स कहते हैं जो भविष्य में बड़ी महामारी या महामारियों का कारण बन सकता है."

कितनी खतरनाक होगी डिसीज एक्स?
इस समय यह कहना मुश्किल है कि डिसीज एक्स कितनी खतरनाक होगी क्योंकि इस तरह की कोई बीमारी अभी अस्तित्व में ही नहीं है. हालांकि कोविड की तीन लहरों से गुजरने के बाद आधुनिक दुनिया को यह समझ आ गया है कि एक वैश्विक स्तर की महामारी किस तरह हेल्थकेयर सिस्टम को ध्वस्त कर सकती है.

क्या हो सकती है तैयारी?
रेस्त्रापो बताती हैं कि डब्ल्यूएचओ एक संभावित महामारी से निपटने के लिए पहले ही तैयारियां शुरू कर चुका है। कई वैज्ञानिक डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर ऐसे वायरस और बैक्टीरिया ढूंढ रहे हैं जो आगे चलकर महामारी का कारण बन सकते हैं. डब्ल्यूएचओ की लिस्ट में ऐसे भी कई वायरस मौजूद हैं जो अभी तो बड़ी बीमारी का कारण नहीं बन रहे लेकिन भविष्य में महामारी बन सकते हैं. 

रेस्त्रापो कहती हैं, "सवाल है कि हम कैसे तैयारी करें? हम चार काम कर सकते हैं. सबसे पहले हम उस वायरस पर नजर रखते हैं. दूसरा, हमें यह समझने के लिए शोध करना होगा कि वे कैसे फैलते हैं. और जब वे फैलते हैं तो हमारी इम्यूनिटी उसका मुकाबला कैसे करती है. इसके आधार पर ही हम अपने तीसरे कदम की ओर बढ़ते हैं, यानी पहले से वैक्सीन विकसित करना. तीसरा, हमें यह सुनिश्चित करना है कि जब हम वैक्सीन बना लें तो उसका भरपूर मात्रा में उत्पादन करें. 

अंत में, सभी वैज्ञानिक चाहते हैं कि वह सरकारों को तैयार रहने में मदद कर सकें। ताकि अगर हमारा कोविड जैसे किसी वायरस से पाला पड़े तो हम उससे निपटने के लिए बेहतर तैयार हों. कम लोग बीमार पड़ें, कम पीड़ा हो, कम आर्थिक नुकसान हो और समाज के लिए कम परेशानियां हों.

तैयारी में कहां खड़ा है भारत?
कोविड-19 से भारत में अब तक 5,33,564 लोग मर चुके हैं. कोविड की दूसरी लहर भारत के लिए बेहद घातक साबित हुई थी. हेल्थकेयर सिस्टम की कमर टूटने से पूरे देश में त्राहिमाम मच गया था. इससे सवाल उठता है कि क्या भारत एक नई महामारी के लिए तैयार है?

अर्थशास्त्री-महामारीविज्ञानी रमनन लक्ष्मीनारायण ने हाल ही में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दौरान कहा कि भारत को डिसीज एक्स से निपटने के लिए रोग निगरानी, ​​स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं, बेहतर वैक्सिनेशन कवरेज और स्वच्छता में निवेश करने की जरूरत है.

लक्ष्मीनारायण कहते हैं, "सबसे बड़ी तैयारी होगी दूसरे देशों के साथ महामारी समझौते के तहत सहयोग करना, जिसपर अभी डब्ल्यूएचओ में बात हो रही है. इससे हम यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि जब भी बीमारी आएगी, जहां भी आएगी, सभी को उसके बारे में पता चलेगा."


 

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