हमेशा करते रहते हैं खुद की अपने पार्टनर के एक्स से तुलना? कहीं आपको Rebecca Syndrome तो नहीं? जानिए इसके बारे में

Rebecca Syndrome ऐसी बीमारी नहीं है जो दवाओं से ठीक हो जाए. यह एक मेंटल कंडीशन है जिसमें आप अपने रिलेशनशिप में खुद को इनसिक्योर और अंडर-कॉन्फिडेंट महसूस करते हैं. इसके कारण बहुत बार आप अपना रिलेशन भी खराब कर लेते हैं.

What is Rebecca Syndrome
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 22 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 12:33 PM IST

आज के डिजिटल और डेटिंग ऐप के जमाने में रिलेशनशिप्स लंबे नहीं चलते हैं. किसी को पार्टनर बोरिंग लगने लगता है तो किसी को रेड फ्लैग और अब रिश्ता खत्म करने की एक और वजह सामने आई है. इस वजह का नाम है- रेबेका सिंड्रोम. और दिलचस्प बात यह है कि रेबेका सिंड्रोम कोई ऐसी बीमारी नहीं, जिसे दवा लेकर ठीक किया जा सके. बल्कि यह एक मानसिक तनाव है, जो एक इंसान को अंदर ही अंदर खत्म करता रहता है. 

आज के समय में रिलेशनशिप में आना लोगों को बहुत अच्छा और आसान लगता हैं. पर इसे निभाना उतना ही मुश्किल. समय के साथ रिलेशनशिप में मुश्किलें भी आती हैं और बहुत बार इसकी रिजल्ट होता है ब्रेकअप. लेकिन जब आप पुराने रिश्ते से निकलकर किसी नए रिलेशनशिप में आते हैं तो अपने पार्टनर को पुराने रिलेशन के बारे में बताना लाजमी हैं. हालांकि, दिक्कत वहां आती जब आपका पार्टनर आपके एक्स के बारे में जानने में ज्यादा इंटरस्ट लेने लगे. 

अगर कोई अपने पार्टनर के पिछले रिश्तों को लेकर हमेशा चिंता या स्ट्रेस में है या उन्हें हद से ज्यादा जलन होती है तो इसे 'रेबेका सिंड्रोम' कहा जाता है. आजकल पार्टनर्स के बीच यह ट्रेंड बढ़ रहा है. 

क्या है ये रेबेका सिंड्रोम?
रेबेका सिंड्रोम अपने पार्टनर के बीते कल के बारे में सोच-सोच कर, अपने आज की तुलना अतीत से करने की बीमारी को कहा गया है. हर रिलेशनशिप में एक ऐसा समय आता है जब आप एक-दूसरे से थोड़ा उखडे़-उखडे़ रहने लगते है. पर बात वहां ज्यादा खराब होती है जब आपका पार्टनर आपके एक्स-पार्टनर को स्टॉक करने लगता है और जलन की भावना रखने लगें. उसके सोशल मीडिया पर नजर रखने लगे, फोटो, विडियोज या हर तरह की एक्टिविटी को देख कर आप से आकर लडे़. आपके आज की तुलना आपके बीते हुए कल से करने लगें. अगर ऐसा आपके साथ होता है या आप किसी के साथ ऐसा कर रहे है तो आप भी रेबेका सिंड्रोम के शिकार हो चुके हैं.

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क्यों दिया गया यह नाम
'रेबेका' सिंड्रोम शब्द डैफने डु मौरियर के 1938 के उपन्यास 'रेबेका' से प्रेरित है. यह किताब एक युवा महिला के बारे में है जो एक अमीर आदमी से शादी करती है. लेकिन जब वह अपने पति के घर जाती है तो यहां मैनेज करना बहुत मुश्किल होता है. क्योंकि इस घर और आसपास के लोगों का ध्यान अभी भी उसके पति कि पहली पत्नी पर फोकस्ड है, जिसकी मृत्यु हो चुकी है. 

रेबेका सिंड्रोम से पीड़ित लोग अपने पार्टनर के पिछले रिश्तों को लेकर इतने ज्यादा इनवॉल्व हो जाते हैं कि उनमें इनसिक्योरिटी और लगातार तुलना की भावना रहती है. इस कारण वे अपने पार्टनर का फोन, मैसेज, कॉल चेक करते हैं और तो और अपने पार्टनर को सोशल सर्किल से दूर करने की कोशिश करते हैं. उन्हें लगता रहता है कि उनके पार्टनर का पुराना रिश्ता उनके रिश्ते को खत्म कर देगा. 

हालांकि, 'रेबेका सिंड्रोम' होने की और भी वजहें हो सकती हैं. जैसे बहुत से लोगों को बचपन का कोई ट्रॉमा होता है, अगर आपको बचपन में प्यार नहीं मिला या आपने अपने घर में रिश्तों को टूटते देखा है तो बड़े होने पर भी आपके मन में यह खालीपन और इनसिक्योरिटी रहती है. जब आप डेटिंग करते हैं तो इस रिश्ते में भी इनसिक्योर रहते हैं और जरा सी बात गलत होने पर आपकी इनसिक्योरिटी बढ़ जाती है जिससे स्ट्रेस बढ़ता है. 

क्या है  रेबेका सिंड्रोम के लक्षण-

  • रेबेका सिंड्रोम से पीड़ित लोगों में सेल्फ-कॉन्फिडेंस की कमी रहती है. 
  • मन में हमेशा ईर्ष्या की भावना का होना.
  • उन्हें असफलता का डर सताते रहना.
  • दूसरों से ज्यादा उम्मीदें रखना और पुरा ना होने पर खालीपन महसूस करना

रिश्ते को बचाने के लिए क्या करें 
अगर आपको लगता है कि आप रेबेका सिंड्रोम से पीड़ित हैं लेकिन अपने रिश्ते को खराब नहीं करना चाहते हैं तो आपको ये कुछ चीजें करनी चाहिए: 

रिश्ते में बहुत जरूरी है सही कम्यूनिकेशन

खुद को मॉनिटर करें 
सबसे पहले खुद पर फोकस करें. यह जानने की कोशिश करें कि आपकी जलन के पीछे की चिंता कहीं आपके अपने अतीत से तो नहीं जुड़ी है. परेशानी की जड़ को समझना जरूरी है. इससे आपको अपने आपको समझने का मौका मिलेगा और आप अपने इमोशन को दबाने की बजाय शांति से इनपर बात करें. अपने अतीत को शेयर करें और इससे निकलने की कोशिश करें. 

बात करना है जरूरी 
अपने रिलेशनशिप को सही ढंग से चलाने के लिए कम्यूनिकेशन यानी बात करना बहुत जरूरी है. आप अपनी इनसिक्योरिटीज के बारे में खुलकर बात करें, अपना पार्टनर को समझाएं कि आपको क्या परेशानी हो रही है. 

अतीत को हावी न होने दें 
एक-दूसरे के अतीत के बारे में जानना जरूरी होता है लेकिन अतीत को खुद पर हावी न होने दें. अपने पार्टनर के साथ आपको अपना आजअच्छा बनाना है. इसलिए पुरानी बातों पर बहस करने से कुछ हासिल नहीं होगा. बल्कि आप ऐसा रिलेशन बनाएं जिसमें अतीत की कोई जगह न हो. 

स्टॉक करने से बचें
यह मुश्किल हो सकता है, लेकिन अपने दिमाग को शांत करना और अपनी मेंटल हेल्थ पर फोकस करना जरूरी है. आप सोशल मीडिया पर अपने पार्टनर के एक्स को स्टॉक न करें. इससे आपकी मेंटल हेल्थ खराब हो सकती है और न ही अपने पार्टनर के फोन को चेक करें. 

एक्सपर्ट से ले सकते हैं मदद
अगर आपके लिए खुद को मैनेज करना मुश्किल हो रहा है तो एक्सपर्ट की मदद लें. कंसल्टेशन करने से आपको अपने ट्रिगर पॉइंट्स को पहचानने में मदद मिलेगी. साथ ही, वे आपको बता सकते हैं कि कैसे आप खुद की फीलिंग्स को कंट्रोल करें. इससे आपको अपनी वैल्यू समझने में मदद मिलेगी. मेंटल स्ट्रेस से बचने के लिए आप अपने पसंद की एक्टिविटीज में खुद को इनवॉल्व कर सकते हैं. दोस्तों और परिवार के साथ ज्यादा समय बिताने की कोशिश करें. 

 

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