Typhoid के मामलों में तेजी से हो रही बढ़ोतरी; आपका बुखार टाइफाइड है या नहीं, ऐसे करें पहचान

Typhoid Cases: मानसून के आगमन के साथ टाइफाइड के मामले बढ़ने लगे हैं. अगर टाइफाइड की पहचान सही समय पर कर ली जाए तो हालत गंभीर होने से पहले इसका इलाज किया जा सकता है. आइए जानते हैं कैसे करें टाइफाइड की पहचान और इसका इलाज.

gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 21 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 10:03 AM IST

मानसून के आगमन के साथ ही देश में टाइफाइड के मामले बढ़ने लगे हैं. तेलंगाना के गवर्नमेंट फीवर अस्पताल में डॉक्टरों के पास रोजाना इस बीमारी के पांच-छह मामले आ रहे हैं. अस्पताल के सुपरीटेंडेंट डॉ शंकर एएनआई को बताते हैं, "मौसमी बीमारियों के कारण अस्पताल में रोगियों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है."

उन्होंने कहा, "हर दिन 800 रोगी सामने आ रहे हैं. सभी मरीज सर्दी, खांसी, शरीर में दर्द, उल्टी, दस्त और कई अन्य शिकायतों के साथ आ रहे हैं. हर दिन डेंगू और टाइफाइड के मामले भी बढ़ रहे हैं. अस्पताल में हर दिन ऐसे पांच से छह मामले सामने आ रहे हैं."

मॉनसून जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, टाइफाइड के मामलों में बढ़ोतरी होने की ही संभावना है. इसलिए जरूरी है कि आप टाइफाइड और उसके लक्षणों को समझ लें. 

टाइफाइड क्या 
टाइफाइड बुखार साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक इन्फेक्शन है. यह आमतौर पर दूषित भोजन या पानी से फैलता है. यह मुख्य रूप से मानसून के दौरान देखा जाता है क्योंकि इस मौसम में प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है. एक बार शरीर के अंदर जाने पर ये बैक्टीरिया आपके पाचन तंत्र के माध्यम से यात्रा करते हैं और आपके रक्तप्रवाह पर आक्रमण करते हैं. इस तरह ये बैक्टीरिया आपके पूरे शरीर में फैल जाता है.  

कैसे करें पहचान?
टाइफाइड बुखार के लक्षण अक्सर धीरे-धीरे नजर आते हैं. ये शुरुआत में अन्य बीमारियों से मिलते जुलते हो सकते हैं. शुरुआती लक्षणों में तेज़ बुखार शामिल है, जो अक्सर 103-104 डिग्री तक पहुंच जाता है. साथ ही कमजोरी, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द भी होता है. जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता है, आपको पेट में दर्द हो सकता है. भूख न लगने की शिकायत हो सकती है. और शरीर पर चपटे, गुलाबी रंग के चकत्ते भी पड़ सकते हैं. 

टाइफाइड बुखार खासतौर पर आपके पेट और आंतों को प्रभावित करता है. टाइफाइड में आपको कब्ज या दस्त हो सकता है. गंभीर मामलों में, आंतों में छेद या दिमाग में सूजन (encephalitis) जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं. ऐसी हालत में मरीज को तुरंत मेडिकल अटेंशन की जरूरत होती है. 

कैसे हो रोकथाम?
टाइफाइड बुखार की पहचान में इसके ​​लक्षणों की पहचान, बैक्टीरिया या एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट और कभी-कभी स्टूल टेस्ट (Stool test) की जरूरत भी होती है. संक्रमण से निपटने और जटिलताओं को रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के साथ शुरुआती इलाज किया जाता है, जो बेहद जरूरी है. 

एलर्जी हो जाए तो क्या करें?
टाइफाइड को रोकने के लिए अच्छी स्वच्छता का पालन करना जरूरी. आप साफ-सुथरे माहौल में रहें. खाना बनाने और खाने से पहले अच्छी तरह से हाथ धोएं. साफ पानी पिएं और कच्चे या अधपके भोजन से परहेज करें. ज्यादा जोखिम वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए टाइफाइड की वैक्सीन भी उपलब्ध है. 

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