Vampire Therapy for hairfall treatment: बाल झड़ने की समस्या से हैं परेशान तो अपनाएं वैंपायर थेरेपी, हेयर ग्रोथ के लिए कारगर

बंगलुरु में बाल झड़ने की समस्या से परेशान लोग इनकी ग्रोथ बढ़ाने के लिए Vampire Therapy का सहारा ले रहे हैं और उन्हें अच्छे रिजल्ट मिल रहे हैं.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 20 जून 2023,
  • अपडेटेड 1:50 PM IST
  • कोरोना के बाद ज्यादा बढ़ी परेशानी 
  • महामारी से पहले, थेरेपी लेने वालों की संख्या सिर्फ 5-10% थी

बहुत से लोग आज हेयरफॉल की समस्या से जूझ रहे हैं. और बालों के गिरने की परेशानी को हल करने के लिए लोग कई तरह के तरीके भी अपनाते हैं. लेकिन अब आप किसी भी तरह के टॉनिक को भूल जाइए क्योंकि आपके अपने खून की कुछ बूंदें आपके बालों को प्राकृतिक रूप से दोबारा उगाने में मदद कर सकती हैं. 

बालों के झड़ने के लिए प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा थेरेपी (Platelet-rich plasma therapy/PRP) बेंगलुरु में काफी पॉपुलर हो रही है. इस थेरेपी को वैम्पायर थेरेपी (Vampire Therapy) के रूप में जाना जाता है. इस थेरेपी में बालों के विकास के लिए आपकी खुद की रक्त कोशिकाओं का इस्तेमाल होता है.

क्या है थेरेपी की प्रोसेस
सकरा वर्ल्ड हॉस्पिटल में विजिटिंग कंसल्टेंट-डर्मेटोलॉजी, डॉ विजया गौरी बंडारू ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि थेरेपी में रोगी से 10 मिलीलीटर ब्लड लेते हैं, इसे 15 मिनट के लिए सेंट्रीफ्यूज करते हैं और प्लाज्मा के टॉप पोर्शन को लेते हैं जिसमें बहुत सारे स्टेम सेल और विकास कारक होते हैं. और फिर इसे स्कैल्प के अंदर उस जगह इंजेक्ट करते हैं, जहां हम चाहते हैं कि बाल बढ़ें. 
उनका कहना है कि यह थेरेपी उनके हर एक मरीज के लिए आश्चर्यजनक रूप से काम किया है.

PRP में बालों की ग्रोथ को सुगम बनाने वाले कई प्राकृतिक कारक होते हैं. उदाहरण के लिए पीडीजीएफ (Platelet derived growth factor) स्किन और ब्लड वेसल्स ग्रोथ और सेल रेप्लिकेशन की सर्विस देता है. बताया जाता है कि अब तक इस थेरेपी के कोई साइड-इफेक्ट नहीं देखे गए हैं. पीआरपी का एक उन्नत रूप जीएफसी (ग्रोथ फैक्टर कंसंट्रेट) के रूप में जाना जाता है, जहां सक्रिय प्लेटलेट्स से केवल ग्रोथ फैक्टर निकाले जाते हैं, इसका उपयोग बंगलुरु जैसे शहरों में किया जा रहा है. 

कोरोना के बाद ज्यादा बढ़ी परेशानी 
सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्किन एक्सपर्ट और कॉस्मेटोलॉजिस्ट और पूर्व प्रोफेसर और स्किन साइंस के एचओडी डॉ एससी राजेंद्रन ने टीओआई से कहा कि महामारी के बाद, लोग बालों के झड़ने का अधिक अनुभव कर रहे हैं. हालांकि, उनके इस तरह के 25-30% रोगी अब पीआरपी का विकल्प चुनते हैं. उन्होंने कहा कि महामारी से पहले, थेरेपी लेने वालों की संख्या सिर्फ 5-10% थी. 

पीआरपी थेरेपी के बालों के विकास पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं. यह उन लोगों के लिए सही है जो चाहते हैं कि उनके प्राकृतिक और सुरक्षित बाल फिर से आएं. बालों के विकास के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व आवश्यक हैं. इसलिए मरीजों को सलाह दी जाती है कि पीआरपी के दौरान उनके शरीर में किसी भी सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे विटामिन बी12, विटामिन डी, आयरन आदि की कमी न हो. 

हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि पीआरपी खोए हुए बालों को वापस पाने का तरीका नहीं है बल्कि यह मौजूदा बालों के रोम को मोटा करने का एक तरीका है. 

 

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