Folate Deficienacy: जानिए क्या है Vitamin B9 या Folic Acid की कमी, इसके लक्षण, कारण और किन बातों का रखें ख्याल

Folate Deficienacy: फोलेट या फॉलिक एसिड को विटामिन B9 के रूप में जाना जाता है. यह विटामिन हमारी बॉडी के लिए बहुत जरूरी है और इसकी कमी से कई तरह की सेहत संबंधी परेशानियां हो सकती हैं. खासकर प्रेग्नेंसी प्लान कर रही या प्रेग्नेंट महिलाओं को इसका ध्यान रखना चाहिए.

Vitamin B9 also known as Folate or Folic acid.
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 06 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:35 AM IST
  • DNA को रिपेयर करने में मदद करती है विटामिन B9
  • विटामिन B9 का ही रूप हैं फोलेट या फॉलिक एसिड

हम सब जानते हैं कि हमारे शरीर के लिए विटामिन बहुत ज्यादा जरूरी हैं. किसी भी विटामिन की कमी हमारी बॉडी पर निगेटिव असर डाल सकती है. विटामिन B12 और D के बारे में लोगों के बीच काफी जागरूकता है. लेकिन और भी कई विटामिन हैं जिनके बारे में हमें जानकारी होनी चाहिए. यह विटामिन है B9, जिसे फोलेट या फॉलिक एसिड के नाम से भी जाना जाता है. 

यह विटामिन: 

  • DNA बनाने 
  • DNA को रिपेयर करने 
  • रेड ब्लड सेल्स (RBCs) का उत्पादन करने में मदद करती है. 

अगर आपकी डाइट में पर्याप्त फोलेट शामिल नहीं है तो आपको फोलेट डेफिशिएंसी यानी फॉलिक एसिड की कमी हो सकती है. कुछ फूड्स जैसे खट्टे फलों (Citrus Fruits) का जूस और हरी सब्जियां फोलेट के अच्छे स्रोत हैं. पर्याप्त मात्रा में फोलेट न खाने से कुछ ही हफ्तों में इसकी कमी हो सकती है. हालांकि, कई बार कुछ अनुवांशिक बदलाव भी इसका कारण हो सकते हैं. 

Vitamin B9 (Photo: Freepik)

फोलेट की कमी से एनीमिया हो सकता है. एनीमिया से मतलब है ब्लड में RBCs की कमी होना जिसके कारण टिश्यूज तक सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है. और इससे बॉडी पर निगेटिव असर पड़ता है. 

प्रेग्नेंसी के लिए जरूरी है फॉलिक एसिड 
बहुत कम लोगों को यह पता हो लेकिन महिलाओं के लिए पर्याप्त फोलेट होना बहुत ज्यादा जरूरी है. खासकर तब जब वे प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हों क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान फोलेट की कमी से बच्चे में जन्म संबंधी बीमारियां हो सकती हैं. ज्यादातर लोगों को खाने से पर्याप्त फोलेट मिलता है. हालांकि, फिर भी प्रेग्नेंट महिलाओं को या प्रेग्नेंसी प्लान कर रही महिलाओं को फॉलिक एसिड सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है. इसके बारे में आपको किसी डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करना चाहिए. 

फोलेट की कमी के लक्षण क्या हैं?

  • थकान
  • बालों का रंग ग्रे होना 
  • मुंह के छाले
  • जीभ में सूजन
  • ग्रोथ के साथ प्रॉब्लम्स 
  • पेरिफ्रल न्यूरोपैथी (नर्व्स को नुकान होना)
समय से करवाने चाहिए टेस्ट और चेकअप

फोलेट की कमी के कारण होने वाले एनीमिया के लक्षण:

  • लगातार थकान
  • कमजोरी
  • सुस्ती
  • पीली त्वचा
  • सांस लेने में कठिनाई
  • चिड़चिड़ापन

आपको बता दे कि फोलेट एक पानी में घुलनशील विटामिन है. यह पानी में घुल जाता है और आपकी फैट सेल्स में जमा नहीं होता है. इसका मतलब है कि आपको फोलेट लेते रहना होगा, क्योंकि यह आपके शरीर में स्टोर नहीं होता है. क्योंकि ऐसे विटामिन की एक्स्ट्रा अमाउंट यूरीन के जरिए शरीर से बाहर निकल जाती है. 

फोलेट की कमी का कारण 
डाइट 
अगर आपकी डाइट में ताजे फलों, सब्जियां और फॉर्टिफाइड अनाज शामिल नहीं हैं या जरूरत से कम मात्रा में हैं तो यह फोलेट की कमी का मुख्य कारण हो सकता है. इसके अलावा, खाने को ज्यादा पकाने से भी इसमें मौजूद विटामिन खत्म हो जाते हैं. अगर आप पर्याप्त फोलेट युक्त फूड नहीं खाते हैं तो आपके शरीर में फोलेट का स्तर कुछ ही हफ्तों में कम हो सकता है. 

फोलेट-रिच फूड खाएं (Photo: Freepik)

बीमारी
कई बार होता है कि हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (जठरांत्र संबंधी मार्ग) में विटामिन या पोषक तत्वों का अवशोषण ठीक से नहीं हो पाता है और यह भी फोलेट की कमी का कारण बन सकता है. क्रोहन रोग, सीलिएक रोग, कुछ प्रकार के कैंसर और किडनी की गंभीर समस्याओं (जिनमें डायलिसिस की जरूरत है) के चलते यह समस्या हो सकती है.  

जेनेटिक्स
कुछ लोगों में आनुवंशिक उत्परिवर्तन (जेनेटिक म्यूटेशन) होता है जो उनके शरीर को डाइट या सप्लीमेंटरी फोलेट को उसके यूजेबल फॉर्म, मिथाइलफोलेट में ठीक से बदलने नहीं देता और इसकी कमी हो सकती है. 

कुछ दवाएं भी फोलेट की कमी का कारण बन सकती हैं. और ज्यादा शराब पीने से भी फोलेट के अवशोषण में परेशानी हो सकती है जिससे इसकी कमी होना स्वाभाविक है. 

इन बातों का रखें ख्याल 
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि आपको अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए और इसके लिए अच्छी व बैलेंस्ड डाइट लेना जरूरी है. इन चीजों नें फोलेट की अच्छी मात्रा होती है:

  • पत्तेदार, हरी सब्जियां, जैसे ब्रोकोली और पालक
  • ब्रसल स्प्राउट
  • मटर
  • सिट्रस फल
  • टमाटर
  • अंडे
  • बीन्स और दालें
  • मशरूम
  • शतावरी
  • किडनी
  • लिवर मीट
  • शैलफिश 
  • व्हीट ब्रान 
  • फॉर्टिफाइड अनाज आदि 

इसके अलावा, आपको हमेशा अपनी बॉडी को ऑब्जर्व करते हुए रेगुलर टेस्ट या चेकअप्स कराने चाहिए. किसी भी तरह की परेशानी या संदेह होने पर डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें. खासकर कि प्रेग्नेंसी के दौरान इसका ध्यान रखें कि फोलेट की कमी बच्चे की ग्रोथ को प्रभावित कर सकती है. इसलिए किसी भी तरह का रिस्क न लें. 

 

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