कोरोना काल में खेल हो या पढ़ाई, ज्यादातर फोन, टैब और लैपटॉप पर ही की जा रही है. जिस कारण बच्चों का स्क्रीन टाइम काफी बढ़ा है. और स्क्रीन टाइम बढ़ने से आंखों पर असर पड़ना स्वभाविक है. बताया जा रहा है कि इस दौरान बच्चों में मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) के मामले काफी बढ़े हैं.
हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना से पहले 2018 तक 15 फीसदी बच्चों में मायोपिया (Myopia) के मामले देखे गए थे. पर कोरोना के बाद लगभग 25 फीसदी बच्चों में मायोपिया के मामले देखे गए हैं. इसलिए आज हम आपको मायोपिया, इसके लक्षण और बचाव के तरीके बता रहे हैं.
क्या है मायोपिया (निकट दृष्टि दोष)
मायोपिया मतलब कि निकट दृष्टि दोष. इसमें पास की चीजें एकदम आपको साफ दिखाई देती हैं, लेकिन दूर की चीजों को देखने में परेशानी होती है. आपको कुछ फीट की दूरी से सबकुछ धुंधला दिखाई देता है. ऐसे में आपको मायोपिया है और इसके लिए आपको तुरंत आंखों के स्पेशलिस्ट से बात करनी चाहिए.
मायोपिया के लक्षण
मायोपिया होने का सबसे बड़ा लक्षण यही है कि आपको दूर की चीजें ठीक से दिखाई नहीं देती हैं. अगर आपको कुछ देखना हो तो आपकी आंखो पर तनाव पड़ता है और कई बार आंखों के साथ-साथ सिर में भी दर्द होता है. क्योंकि दूर की चीजों को देखने के लिए आप पलकों को सिकोड़कर देखते हैं.
कई बार आपकी आंखों से पानी भी आता है. ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
बचाव के तरीके
बात अगर बचाव की करें तो सबसे पहले किसी आंखों के डॉक्टर से समय रहते सलाह लें. और ध्यान रखें कि आप आंखों पर ज्यादा जोर न दें. साथ ही, आपको नींद अच्छी लेनी चाहिए. डॉक्टर की सलाह के मुताबिक आई ड्रॉप, चश्में या कॉन्टेक्ट लेंस का उपयोग करें.
साथ ही, अपने आहार पर फोकस करें. आपको अपने खाने में पत्तेदार, हरी सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करने चाहिएं. साथ ही, तनाव से दूर रहें क्योंकि तनाव गंभीर बीमारी का कारण होता है.
इसके अलावा, कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करते समय, इसे थोड़ा दूर रखें ताकि आंखो पर ज्यादा असर न पड़े. साथ ही, काम करते हुए छोटा-छोटा ब्रेक लें और स्क्रीन से थोड़ा दूर रहें. इससे आंखो को आराम मिलेगा.