अपने पार्टनर को लेकर हैं हद से ज्यादा पज़ेसिव? कहीं आपको 'Obsessive Love Disorder' तो नहीं

इस मानिसक रोग से ग्रसित लोग रिजेक्शन बिल्कुल नहीं ले पाते हैं. और वह लगातार कोशिश करते हैं कि सामने वाला शख्स उनके प्यार को किसी भी कीमत पर स्वीकार करे. इस बीमारी के लक्षणों को पहचानना थोड़ा मुश्किल है लेकिन अगर आप किसी के करीब हैं तो उनके व्यवहार में आये बदलाव आसानी से पहचान सकते हैं. 

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gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 21 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:35 PM IST
  • प्यार का जुनून कहीं मानसिक बीमारी तो नहीं
  • एक्सपर्ट्स की मदद लेने में बिल्कुल न हिचकिचाएं

‘प्रेमिका ने किया शादी से इंकार तो प्रेमी ने ली जान’- अखबार में इस तरह की खबरें पढ़ना हमारे लिए नई बात नहीं है. और इन खबरों को पढ़कर हम सिर्फ इतना सोचते हैं कि कोई पागल होगा. लेकिन कभी इस बात की गहराई में नहीं जाते कि आखिर कुछ लोग प्यार में इस हद तक कैसे पहुंच जाते हैं कि वे अपने पार्टनर को लेकर इतने पज़ेसिव हो जाएं कि अपराध की सीमा तक पहुंच जाएं.

क्योंकि यह पागलपन और ऑब्सेशन वाला प्यार सिर्फ प्यार नहीं बल्कि एक तरह की मानसिक बीमारी भी हो सकता है. जी हां, अक्सर हमारे यहां मेन्टल हेल्थ यानी कि मानसिक सेहत को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है. लेकिन समाज की कई बुराइयों की नींव इंसान की मानसिक स्थिति से ही शुरू होती है. 

इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं ‘ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर’ (Obsessive Love Disorder) के बारे में. 

क्या है ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर:

अमेरिकी हेल्थ वेबसाइट 'हेल्थलाइन' के अनुसार ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर (OLD) एक तरह की 'साइकोलॉजिकल कंडीशन' है. जिसमें लोग किसी एक शख़्स से असामान्य रूप से आकर्षित हो जाते हैं. और उन्हें लगता है कि वे उस शख्स से प्यार करते हैं.  

इन लोगों को लगने लगता है कि उस शख्स पर सिर्फ उनका अधिकार है और बदले में वह शख्स भी उसी तरह उनसे प्यार करे. और अगर वह शख्स उन्हें बदले में प्यार न दे तो इस बात को स्वीकारना उनके लिए मुश्किल हो जाता है. क्योंकि वे पूरी तरह से उस शख्स को सिर्फ अपना बनाकर रखना चाहते हैं.  

अगर आप गौर करें तो इस मानसिक बीमारी के बहुत से उदाहरण आपको अपने आसपास दिख जायेंगे. कई बार आपको सुनने को मिलता है कि कोई लड़का लगातार किसी लड़की का पीछा करता रहता है. लड़की के मना करने पर भी वह उसका पीछा करना नहीं छोड़ता है. 

या फिर कई बार शादीशुदा होने के बावजूद कोई महिला अपने आसपास किसी पुरुष से आकर्षित होने लगती है. रिपोर्ट्स के अनुसार बहुत बार इस बीमारी के कारण महिलाओं की शादीशुदा ज़िंदगी खराब हो जाती है. इसलिए इस बीमारी को पहचानकर इसका ट्रीटमेंट बहुत ज्यादा जरुरी है. 

क्या हैं लक्षण: 

इस मानिसक रोग से ग्रसित लोग रिजेक्शन बिल्कुल नहीं ले पाते हैं. और वह लगातार कोशिश करते हैं कि सामने वाला शख्स उनके प्यार को किसी भी कीमत पर स्वीकार करे. इस बीमारी के लक्षणों को पहचानना थोड़ा मुश्किल है लेकिन अगर आप किसी के करीब हैं तो उनके व्यवहार में आये बदलाव आसानी से पहचान सकते हैं. 

  • किसी के प्रति पागलपन की हद तक आकर्षण
  • लगातार उस शख्स से बारे में सोचते रहना, अपने मन पर कोई नियंत्रण न होना. 
  • दूसरे शख़्स और उसकी भावनाओं को काबू में करने की इच्छा
  • उनकी ‘ना’ को स्वीकार न कर पाना 
  • लोगों से उस शख्स से बारे में बातें करते रहना और बार-बार उनका जिक्र करने का बहाना ढूंढना
  • उस शख्स के लिए अपने अन्य रिश्तों और परिवार को बिल्कुल भूल जाना 
  • बार-बार मैसेज या कॉल करना, उनका पीछा करना
  • सोशल मीडिया पर उन्हें स्टॉक करना
  • उनके मना करने पर उन्हें ब्लैकमेल करना और प्यार के नाम पर किसी भी हद तक चले जाना 

वैसे तो ये भावनाएं हर उस इंसान में हो सकती हैं जो किसी से प्यार में है. लेकिन अगर ये भावनाएं एक सीमा से बाहर जाने लगें तो हो सकता है कि वह इंसान मानसिक रोग से गुजर रहा हो. 

क्यों होती है यह बीमारी: 

इस बात का कोई सटीक उत्तर नहीं है कि इस बीमारी का कारण क्या है. कई बार दूसरे मानसिक रोग के कारण यह हो सकता है. इसकी कई वजहें हो सकती हैं. जैसे, 

  • अटैचमेंट डिसऑर्डर- इस डिसऑर्डर में लोग अपनी भावनाओं और किसी से आकर्षण को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं. कई बार वे दूसरों से ज़रूरत से ज़्यादा दूर हो जाते हैं और कई बार दूसरों पर ज़रूरत से ज़्यादा निर्भर. यह मानसिक स्थिति कई बार बचपन या किशोरवास्था के बुरे पारिवारिक रिश्तों या कड़वे अनुभवों की वजह से भी हो सकती है.
  • बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर- इसे 'इमोशनली अनस्टेबल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर' भी कहा जाता है. इसकी वजह से लोगों को अपनी भावनाओं को समझने में परेशानी होती है. उनमें रिश्तों को लेकर डर और असुरक्षा की भावना भी होती है. बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से जूझ रहे शख़्स को ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर होने की आशंका बढ़ जाती है.
  • इरोटोमेनिया- इरोटोमेनिया से ग्रसित शख़्स को ऐसा भ्रम (डिल्यूज़न) होता है कि दूसरा शख़्स उससे प्यार करता है, जबकि असल में ऐसा नहीं होता है. इरोटोमेनिया की वजह से भी ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर होने का ख़तरा बढ़ जाता है.

एक्सपर्ट्स से लें मदद: 

ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर से ग्रसित इंसान न सिर्फ अपनी बल्कि दूसरे इंसान की ज़िन्दगी को भी खतरे में डाल रहा होता है. इसलिए जितना जल्दी हो सके उन्हें मदद लेनी चाहिए. मानसिक रोग विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आपको लगे कि कोई एक इंसान आप पर बहुत ज्यादा हावी हो रहा है. उसकी वजह से आपकी सामान्य दिनचर्या, जैसे खाना-पीना, नींद और अन्य कामों में खलल पड़ रहा है तो आपको एक्सपर्ट्स से बात करनी चाहिए.

आप अपने किसी करीबी को इस बारे में बता सकते हैं और उनकी मदद के जरिये किसी मेन्टल हेल्थ एक्सपर्ट तक पहुंच सकते हैं. या फिर आप खुद भी किसी साइकोलोजिस्ट से संपर्क कर सकते हैं. क्योंकि मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही जरूरी है जितना कि शरीरिक स्वास्थ्य.

इसलिए बिना किसी हिचकिचाहट के आपको तुरंत मदद लेनी चाहिए ताकि आप एक बेहतर ज़िंदगी जी सकें. साथ ही, हम सबको एक-दूसरे की मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा रखने में मदद करनी चाहिए. इसलिए अगली बार अगर आपको अपने में या अपने आसपास किसी दूसरे व्यक्ति में इस तरह के लक्षण दिखें तो तुरंत मदद करने की कोशिश करें.
 

 

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