दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी की कमी पर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को नोटिस जारी किया है. महिला आयोग का कहना है कि ट्रांसजेंडर समुदाय के साथ लगातार चल रही बातचीत से यह मुद्दा सामने आया, जिसमें पता चला है कि अस्पतालों में सरकार द्वारा प्रायोजित सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी (SRS) की कमी इस समुदाय की प्रमुख समस्याओं में से एक है. चलिए सबसे पहले ये जान लेते हैं कि आखिर ये सेक्स रिअसाइनमेंट है क्या?
जब कोई पुरुष महिलाओं जैसा या महिलाएं पुरुष जैसा महसूस करने लगते हैं, ऐसी स्थिति में वह सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी की मदद लेते हैं. भारत में अब सेक्स बदलवाना आम बात हो गई है. पहले के मुकाबले अब लोग इसके लिए आगे आ रहे हैं. इस सर्जरी को वो लोग करवाते हैं जिन्हें आइडेंटिटी डिसऑर्डर या जेंडर डायसोफोरिया होता है.
क्या है जेंडर डायसोफोरिया
जेंडर डायसोफोरिया में एक लड़की, लड़के की तरह और लड़का, लड़की की तरह महसूस करने लगते हैं. दोनों ही अलग जेंडर के साथ जीना चाहते हैं. कुछ लोग बचपन से ही ऐसा महसूस करते है, लेकिन कुछ लोगों में यह काफी देर से दिखाई देने लगता है.
किस उम्र के लोग करा सकते हैं SRS
इस सर्जरी को कराने के लिए आपकी उम्र कम से कम 20 साल होनी चाहिए. अगर इससे कम उम्र में कोई सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी (SRS)कराना चाहता है तो माता-पिता की सहमति के बाद ही करा सकता है.
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में नहीं है SRS की सुविधा
इस मामले में महिला आयोग ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी कर दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी के प्रावधान की जानकारी मांगी थी. उसके बाद विभाग ने आयोग को बताया कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में एसआरएस की सुविधा उपलब्ध नहीं है.
अब दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को नोटिस जारी कर इस मामले में विभाग द्वारा गठित कमेटी के साथ हुई बैठकों की जानकारी मांगी है. आयोग ने समिति द्वारा दी गई किसी रिपोर्ट/सिफारिश और उस पर विभाग द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी भी मांगी है.
ज्यादा पैसा लगने के कारण SRS नहीं करा पाते हैं लोग
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का कहना है कि मुफ्त सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी की कमी दिल्ली में ट्रांसजेंडर समुदाय के सामने आने वाली मुख्य समस्याओं में से एक है. ज्यादातर ट्रांसजेंडर इस परेशानी से गुजर रहे हैं. वह सर्जरी में ज्यादा पैसा लगने के कारण इसे करा नहीं पाते हैं. स्वाति मालीवाल की मांग है कि इसे जल्द से जल्द मुफ्त कराया जाए.
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