Research: एशिया की तुलना में यूरोप के लोग लेते हैं बेहतर नींद, इन देशों में कम सोते हैं लोग

हाल ही में किए गए एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि 30 से 50 साल की उम्र के बीच के लोग सबसे कम सोते हैं. नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित रिसर्च में बताया गया है कि 33 से 53 साल के बीच के लोग कामकाजी जीवनशैली की वजह से कम नींद ले पाते हैं.

lack of sleep
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 02 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:33 PM IST
  • इस रिसर्च में 63 देशों के 730187 लोगों को शामिल किया गया.
  • कम नींद लेने से होती हैं ये बीमारियां

बेहतर स्वास्थ्य के लिए बेहतर नींद भी बहुत जरूरी होती है, लेकिन काम की भागदौड़ भरी जिंदगी और बिजी लाइफस्टाइल की वजह से आजकल ज्यादातर लोग अच्छी नींद नहीं ले पाते हैं. विशेषज्ञ कहते हैं कि एक वयस्क व्यक्ति को कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए. लेकिन हाल ही में किए गए एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि 30 से 50 साल की उम्र के बीच के लोग सबसे कम सोते हैं. नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित रिसर्च में बताया गया है कि 33 से 53 साल के बीच के लोग कामकाजी जीवनशैली की वजह से कम नींद ले पाते हैं.

किन लोगों पर हुई रिसर्च

इस रिसर्च में 63 देशों के 730187 लोगों को शामिल किया गया. इसका मतलब ये बताना था कि जीवनभर नींद के पैटर्न कैसे बदलते हैं. शोध के मुताबिक 33 साल की उम्र के बाद लोगों की नींद कम हो जाती है. और 53 साल के बाद नींद के घंटे बढ़ने लगते हैं. यानी जीवन के इन 20 सालों में लोग सबसे कम नींद लेते हैं. इस शोध में शामिल पुरुषों की औसत नींद 7.01 घंटे रही, वहीं महिलाओं की औसत नींद 7.5 घंटे रही. शोध में शामिल 19 साल के लोग सबसे ज्यादा सोते पाए गए.

यूरोप के लोगों ने ली बेहतर नींद

रिसर्च में खुलासा हुआ कि अल्बानिया, रोमानिया, स्लोवाकिया, चेक रिपब्लिक, पूर्वी यूरोपीय देश के लोग सबसे ज्यादा बेहतर नींद लेते हैं. वहीं फिलीपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया, दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के लोग औसत से भी कम नींद लेते हैं. शोध के अनुसार अलग-अलग देशों के लोगों के नींद की अवधि अलग-अलग थी. किसी क्षेत्र के लोग बेहतर सोए तो किसी क्षेत्र के लोगों को कम नींद आई. यह शोध ब्रिटेन की यूसीएल, ईस्ट एंजिला यूनिवर्सिटी और फ्रांस की ल्योन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया.

कम नींद लेने से होती हैं ये बीमारियां

रिसर्च के मुताबिक कम नींद लेने वालों में मधुमेह, स्ट्रोक, हाई बीपी, मोटापा, अवसाद, बेचैनी का खतरा बना रहता है. शराब, कॉफी और एनर्जी ड्रिंक जैसी चीजें आपके रूटीन को प्रभावित कर सकते हैं. अगर काम करते वक्त या फिर दिनभर खुद को थका हुआ महसूस करते हैं, काम करते वक्त भी नींद आती है या फिर लंबी-लंबी नैप लेते हैं तो इसका मतलब आपकी नींद पूरी नहीं होती है.

 

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